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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (80) अभ्यास (२७) अगर बस कोन की एक भुज ब अ शीर्ष की तरफ़ द तक बढ़ायी जाय और अय और अफ रेखा व अस और सअद कोनों के दोर बराबर हिस्से करें तो साबित करो कि यत्र फ ममकोन है (२८) किसी कोन के पूरक और उसी कोन के कोटि के दर्मियान का फ़र्क समकोन होता है साध्य १४ प्रमेयोपपाद्य सा० सूत्र अगर किसी सीधी रेखा के एक बिन्दु पर दो सीधी रेखा उसकी आमने सामने की तरफ़ों से आकर आसन्न कोन बराबर दो समकोन के बनायें तो यह दोनों सीधी रेखा एक ही सीधी रेखा में होंगी वि० सूत्र फ़ज़ करो कि व सीधी रेखा के व विन्दु पर सब और दब दो सीधी रेखा अ ब रेखा की आमने सामने की तरफों से आकर सब ओर अ ब द आसन्नकोन बराबर दो समकोन के बनतो हैं तो सब ओर द ब एक ही सीधी रेखा में होंग उप०- अगर द ब और बस एक ही बीधी रेखा में नहीं तो फ़र्ज़ करो कि यब और बस एकही सोधी रेखा में हैं चूंकि अब रेखा सबय रेखा से ब बिंदु पर मिलती है इसलिये सब और अब य श्रासन्न कोन मिलकर दो समकोन के बराबर हैं सा० १३ ६ लेकिन सब अ और अब द कोन भी मिलकर दो समोना के बराबर हैं (बमूजिन फ़ज़ ) C इसलिये सब अ और अबद कोन सबअ और अक्षय कोनों के बराबर हैं स्व० १, १९ इन दोनों बराबरों में से सब अ कोन निकाल डालो. इसलिये बाकी अ ब द कोन बराबर है बाकी अ ब य कोम के व. २० For Private and Personal Use Only स व य द
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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