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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २४२ ) इसलिये दो भुजद अ और उस अलग २ बराबर हैं दो भुजों व और सके और आधार दस वराबर आधार व स के साबित हो चुका है इसलिये कोन दस बराबर है कोन व प्र स के लेकिन कोन दास समकोन बनाया गया है इसलिये कोन व प्र स समकोन है फल-इसलिये अगर त्रिभुज की भुजों मेंसे एक भुज पर जो वर्ग आद्योपांत यही साबित करना या - - टि. ० १ यह माध्य सैंतालीसवीं माध्य का विलोम है इन साध्य के साबित करने में उसे हम ने शियालीसवीं साध्य के इस नतीजे को कि बराबर रेखायों पर के वर्ग व्यापम में बराबर होते हैं और उसके बिलोम को मान लिया है सा०८ टि० २ उनी इस ने पहले व्यध्याय में सिर्फ इसी विलोम को अन्यययुक्ति से साबित किया है इनको व्यतिरेक्युक्ति से इस तरह सा अ वित करते हैं स कागर कोन ब अ स समकोन नहीं है तो अट् भुज अब व के साथ समकोन बनाती हुई खींची और अद बरावर अस के बनायो और मिलाओ For Private and Personal Use Only द व द चौंकि अद बराबर अ स के बनायी गई है इसलिये अद और अब पर C12 के ब मिलकर बराबर हैं अस और अ ब पर के वर्गों के लेकिन अद और अब पर के वर्ग मिलकर बराबर हैं ब द पर के वर्ग के (सा० 33 ) और अस और अपर के वर्ग मिलकर बराबर हैं ब स पर के वर्ग के (फर्ज) इसलिये बद पर का वर्ग बराबर है ब स पर के वर्ग के इसलिये ब द बरावर है बस वो इसलिये एकही ग्राधार अ ब पर और उसके एकही तरफ ऐसे दो त्रिभुज अदब और असव हैं कि उनकी सुन अद और अस जिन के सिरे व्याधार के एक सिरे अ पर हैं आपस में बराबर हैं और सुन बद और बस जिनके सिरे आधार के सिरे ब पर हैं व्यापस में बराबर हैं लेकिन यह नामुमकिन है ( मा० ७) इसलिये अ द भुज अ ब के साथ स मकोन नहीं बनाती है और इसलिये कोन ब अ स भमकोन है टि ० ३ बगर किमी त्रिभुज की भुज ऐमी तीन सीधोरेखाओं से जाहिर की जायं जिनकी लम्बाइ बार क. एक, और ५क हों और क कैसी
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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