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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १३० ) अनुमान इस साध्य से सामा माहिर है कि किस तरह दी हुई मीधी रेखा पर दिये हुए त्रिभुज के बराबर यायत बनाया जाता है टि. इस साध्य में उलट्स ने यह नदी सापित किया है कि अह और कज मिलेंगो यह वास सामानी साबित होम विलियमसनताह व नेम साय का दम सरह बनाना तजवीज किया है कि ल ट बराबर अब के बसाप्पो और माह मिलाओ लो व साय असमानांतर बन की होगी (१७१) दी हुई रेखा पर दिये 'हुए समानांतर तप के बराबर से. सा निमुन बनायो जिसका एक कोन दिये हर कोन के बराबर हो __साध्य १५ वस्त्र पपाध सा.सब-दियेहए ऋजुभुज क्षेत्रके बराबर समानान्तर चतुर्भज बनानी कि उसका एक कोन दियेहए सदलकोन को बराबर हो बि. सू० फ़ज़ कराकि अबसद दिया हुआ ऋभुज क्षेत्र और य दियाहा सरलकोन है असद के बराबर एक ऐसा समानाशार चतुर्भज बनामा है किउसका एक कोन बराबर हो यो अं०-दमिलायो त्रिभुजअदब के बराबर सामाः बस हम चतुर्भुज फह बनाओ जिसका कोन फकह बराबर कोन पके हो और सीधी रेखाजह पर बिन जबदसके बराबर समानांतर चतुभुजज स बनाओ जिसका कोमजहम बराबर कोन य सा० ३४ तो फकमल क्षेत्र समानांतर पता होगा और वह इ. राबर अबसद के होगा और उसका एक कोन बराबर कीम यके होगा उप. चूंकि कोन फकह और जहम में से हर एक कोन प के बराबर है মা ৫২ For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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