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रयणवाल कहा
सव्वेवि परिक्षणा सुआ - विरहवण्णा वि जहच्छिय कज्जसंपाडणेण पसत्तिमणुहवंता णिअं णिअं ठाणं पत्ता ।
इओ पेइ पक्ख-विरह-विहरो हिअयम्मि अउल - बाउल तणं वर्हतो विभत्तिगाण मिसेण बाह-बिंदूई मुचतो कहूं कमवि भावसंगोवणं कुणमाणो, अगसूत्ति पज्ज - गाहाहिं विरह - रस- गहिरिमं च णिदंसेंतो, सव्वेसि मणाई गग्गराई विरअयइ वाणत्थों राउलो ।
इअ सिरिचंदणमुणि- विरइआए राउल रूवेण सहागमण - सखेमं रयणवईवरण-पच्चा
वलरणाइभावेहि रयणवालकहाए पंचमो ऊसासो समत्तो
सोहिआए
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