________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०
प्रवेशक.
आकाश नभ गगन
वाण भूत
शर
श्रुति भुक्ति मोक्ष फळ चचार चरण चतुर् पुरुषार्थ
शुन्य
इन्द्रिय
यज्ञ असु (प्राण)
गव्य
অম্ব वियत् पूर्ण मख
पंच
तुर्य
अजु पांच संधि
शशी नयन शिखो चंद्रमा
युग्न दहन शशभृत् नेत्र अग्नि आत्मा | पाद
अनल
हुताशन नाक
संपजीभ | बन्हि पृथिवी
युगल । पावक धरा
| जद त | गुण मही | दस्र । नाडी
कु । आश्वि धराज चक्ष | त्रि एक द्विजन्म दोष गजमुख- अश्विनो विक्रम
दंत | यमल | लोक स्थिचक्र, पक्ष
हरनयन क वद कर भुवन
गंगाधर भुज गंगापथ अथन संध्या नदीतीर राम
ओष्ठ ताप जानु
अचिस् शुल
प्राण
वर्म
पांडव हरवदन तत्व पाप
ध्रुव
उपाय युग आश्रम ब्रह्मासुख विधिवदन समुद्र
वेद वारिनिधि
आब्धि व्यूह कृत सेनांग हरिभुज वाणी गोस्तन
वर्ण याम पशुपद मंचपद
प्राम
पंचामृत नियम कन्या ग्रास कोष अनिल
अंग कल्पवृक्ष महायज्ञ पल्लव
तिश्र
नय
गुण, गायत्री
शक्ति
।
Amawased
For Private And Personal Use Only