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( viii )
अत्यन्त विनम्रतापूर्वक कहा जा सकता है कि यह कोश जिस ढंग से तैयार किया गया है वह एक अनूठा और पहिला मौलिक प्रकार है । इस कोश में बोलचाल और प्राचीन तथा अर्वाचीन साहित्य के शब्दों का चयन इस प्रकार किया गया है कि शोधार्थी हो या अध्यापक, विद्यार्थी हो या विद्वान् - सर्व - साधारण के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा । शब्दों के अर्थ प्रामाणिकता से व प्रसंगों के गहरे अध्ययन के पश्चात् लिखे गये हैं । अतएव साहस के साथ कहा जा सकता है कि मातृभाषा राजस्थानी का ऐसा कोश अद्यावधि प्रकाशित नहीं हो सका ।
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यहाँ जानकारी के लिये नीचे एक ऐसी विषय-सूची दी जा रही है जो शब्दों के चयन में सहायक रही है
१. मनुष्य | संबंध - रिश्ते |
२. जातियाँ और उनके धंधे ।
३. परिधान ( ऊनी, रेशमी, सूती), प्राभूषण, शृंगारादि ।
४. भोजन - ( सांग - तरकारी, रोटी-बाटी इत्यादि भोज्य पदार्थ ) व
बरतन ।
५. खेल, मनोरंजन, उत्सव, त्यौहार, मेले, पर्व ।
६. धार्मिक - तीर्थ, देवी-देवता, धर्म, व्रत, उपवास, भक्ति, सम्प्रदाय, साधु-संन्यासी, मठ-मंदिर ।
पूजा,
७. शरीर - अंग, उपांग, स्वास्थ्य, रोग, क्रियाएँ - खाना-पीना, आनाजाना, हँसना- रोना, विचार-विनिमय, दौड़ना - भागना, जीना - मरना इत्यादि शरीर धर्म ।
८. स्थान - मकान-दुकान, किला-महल, रावळा, गली-बाजार, मार्ग र इनसे संबंधित निर्माण इत्यादि ।
प्रादि ६. वनस्पति-वृक्ष, पौधे, लता, फूल, कन्दमूल, बीज ।
वर्षा, जल, वायु, ऋतु, जलाशय । ( नदी, सागर, झील, निवारण इत्यादि । )
१०. खगोल - श्राकाश, नक्षत्र, ज्योतिष ।
११. भूगोल - देश, गाँव, नगर, पहाड़, नदी और पृथ्वी ।
१२. गणित - पट्टी - पहाड़ा, श्राना पाई।
१३. संस्कार - जन्म, झड़ लिया (चौलकर्म), उपनयन, विवाह, मृत्यु ( अग्नि संस्कार, प्रेत कर्म, श्राद्ध इत्यादि) ।
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