SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 672
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धोलणो ( ६५५ ) ध्रवणो समतल पाली जिस पर नाली बना कर धोवाड़णो-दे० घोवाणो। क्यारों में पानी पहुंचाया जाता है । पाली धोवाणो-(क्रि०) पानी से साफ करवाना। पर बनी हुई पानी की नीक । ८. नीक धुलाना । धुलवाना। की पाली । ६.खेत की मेंड । १०.टीबा। धोवादाळ-(ना.) पानी में भिगोकर छिलके धोरो। ११. मार्ग । उतारी हुई दाल । मोगर । धोलणो-(क्रि०) १. सफेदी करना । २.सफेद धोवावरणो-दे० धोवारणो। करना। धोंस-(ना०) १. धमकी । २. रोब । धौंस । धोळहर-दे० धवळहर । धोंसो-दे० धूसो। धोळाई-(ना०) १. सफेदी । पुताई । २. धौफ़-(ना०) १. रोब । आतंक । २. भय । चूना पोतने की मजदूरी । सफेदी करने डर। की मजदूरी। धौळ-(वि०) धवल । सफेद । (ना०) १. धोळावणो-(क्रि०) मकान आदि की सफेदी एक रागिनी । २. गीत । गायन । (न0) करवाना। सिर । मस्तक । धोळास-(न०) धोलापन । सफेदी। धौल-(ना०) थप्पड़ । चात । लप्पड़ । धोळियो-(वि०) धवल । सफेद । (न०) धौळहर-(न०) १. मकान । महल । २. बैल । राजमहल । धोळो-(वि०) धवल । सफेद । (न०)१ बैल । धौळागिर-दे० धवळगिर। २. श्वेत प्रदर। ध्याग-दे० धियाग। धोळो पावरगो-(मुहा०) श्वेत प्रदर का रोग ध्यान-(न०) १. चिन्तन । २. लक्ष्य । ३. होना। एकाग्रता । ४. स्मृति । ५. विचार । धोळो धट-(वि०) खूब सफेद । एकदम ख्याल । ६. चिन्तन करने की वृत्ति । ७. सफेद । धोळोधप। चित्त । मन । ८. योग के आठ अंगों में धोळोधप-दे० घोळोघट । से एक । धोळो पड़णो-१. श्वेत प्रदर का रोग होना। ध्यानी-(वि०) १. ध्यान करने वाला । २. २. सफेद हो जाना । ३. खून कम हो जाना। चितनशील । धोळोफट-दे० घोळोधट। ध्यावरणो-(क्रि०)१. ध्यान करना । २. स्मधोवरण-(न०) १. वह पानी जिससे बरतन रण करना। ३. ईश्वर का सुमिरण करना। आदि धोये गये हों। वह पानी जिसमें कोई वस्तु घोई गई हो। २. पानी । ३. ध्रकार-दे० धिक्कार । घोने की क्रिया या भाव। ध्रग-दे०धिक। धोवरिणयो-(वि०) घोने वाला। (न०) ध्रगधंगी--(ना०) हृदय की धड़कन । कपड़े धोने की घोटी। ध्रम-दे० धर्म। धोवणो-(क्रि०) पानी से साफ करना। ध्रमकरणो-(कि०) ढोल का बजना । धोना। ध्रमरत्तो-(वि०) धर्मानुरक्त । धोवती-दे० धोती। ध्रवणो-(क्रि०) १. सतुष्ट करना। २. धोवाई-(ना०) १. धोने की क्रिया । २. भागना । ३. ग्राँसू बहाना । ४. मारना । धोने की मजदूरी। पीटना। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy