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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धोणो ( ६५४ ) घोरो भ्रान्ति । ५. अज्ञान से होने वाली भूल । २. बहुत बड़ा। बहुत दूर तक फैला ६. हानि । ७. चिंता। हुआ। ३. जबरदस्त । धोरणो-दे० घोवणो। धोमचख-(वि०) खूब क्रोधित । (न०) धोत-(ना०) १. धोती। २. प्रोसवालों क्रोधित नेत्र । (जैनियों) में मृतक शौच मिटाने की ऐक धोम झळ-(ना०) अग्नि की ज्वाला। क्रिया, जिसका किसी मांगलिक प्रसंग के धोम-मारग-(न०) १. बड़ा मार्ग । २. वह पूर्व मंदिर में जाकर सम्पादन किया रास्ता जिस पर खूब आना जाना रहता जाता है। हो। ३. किन्हीं गाँवों के बीच का वह धोतड़ी-(ना०) छोटी घोती । पंचियो । मार्ग जिस पर पैदल और सवारियों का धोतियो-(न०) धोती। अधिकता से आना जाना होता हो । धोती-(ना०) एक अधोवस्त्र । धोती। धोमंग-(न०) अग्नि । माग । धोतियो। धोमानळ (ना०) अग्नि । आग। धोती जोटो-(न०) धोती जोड़ा। धोयोड़ो-(वि०) धुला हुआ । धोया हुआ। धोती जोड़ो-(न०) साथ में बुनी हुई दो धोरण-(न०) १. रीति । पद्धति । २.नियम धोतियाँ । धोती जोड़ा। ३. पंक्ति । ४. श्रेणी । ५. स्तर । धोतीधारी-(न०) १. धोती पहनने वाला। धोरावरणो-(क्रि०) धुलवाना। २. हिन्द (अहिंद की ओर से व्यंग्य में)। धारिया-(न०) १. छोटा टोबा । धारा। धोप-(न०) १. धुलाई । २. धोये जाने की । २. बैल । बळद । ३. ऊँची-नीची जमीन विशिष्टता । ३. धोने में आने वाला प्रोप में समतल (लेवल में) बनाई हुई पानी की या सफाई। ४. तलवार । (वि०) १. नीक । पाली चढ़ाकर बनाई हुई पानी की नीक । श्वेत । २. उजला। धोपटणो-दे० धूपटणो। धोरी-(वि०) १. मुख्य । प्रधान । मुखिया । धोबरण-(ना०) धोबिन । धोबी की स्त्री। २. वीर । योद्धा । ३. बड़ा। प्रशस्त । (न०) १. बैल । २. पुत्र । धोबा देणा-(मुहा०) अंजलियां देना।। धोरी मोड़ो-(न०) बड़ा द्वार । खास दरधोबी-(न०) कपड़े धोने का धंधा करने __ वाजा। वाला | रजक । धोबी। धोरी मोडो-(न०) अगुवा साधु । महंत । धोबी घाट-(न0) धोबी के कपड़े धोने की (तुच्छकार में) जगह। धौरै-(क्रि०वि०) पास । निकट । धोबो-(न०) १. दोनों हथेलियों को मिला धोरो-(न०) १. अति सुगंधित वातावरण । कर बनाई हुई अंजली। २. धोबे में समा २.अतर, धूप आदि की सुगंधि की लहर। सके उतना पदार्थ । ३. बहुत बढ़िया सुगंधि । ४. खान-पान, धोम-(न०) १. सूर्य । २. सूर्य का प्रखर गायन, अतर-फुलेल की सुगंधि आदि का ताप । ३. अग्नि । ४. क्रोध । ५. युद्ध । उल्लासपूर्ण वातावरण । ५. उत्साह और ६. धुआँ । ७. बड़ा समूह । अपार । आनंद का वातावरण । ६. कोर-गोटा । भीड़ । ८. ठाट-बाट । ६. तोगों के छूटने गोटा-किनारी। ७. खेत (जाव) की की प्रावाज । (वि०) १.खूब । अत्यधिक । . ऊंची-नीची भूमि में मिट्टी की बनाई हुई For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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