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धत
धनिक नाम
धत-(ना०) १. जिद पकड़ने की प्रादत। समृद्धि ।
२. हठ । दुराग्रह । ३. बुरी आदत । धनधाम-(न०) रुपया-पैसा और घरबार । कुटेव । (प्रव्य०) दुत्कारने का उद्गार। समृद्धि । धन और मकान । तुच्छकार का शब्द ।
धनभिळणो-(मुहा०) गाय, भैस आदि का धतूरो-(न०) १. एक विषैला पौधा । गर्भ धारण करना। धतूरा । २. एक लोक गीत ।
धनराज-(न०) कुबेर । धत्त-(अव्य०) १. दुत्कारने का शब्द । २. धनरेखा-(ना०)धन बताने वाली हस्तरेखा।
दुत्कार । डाँट । फटकार । ३. हाथी को धनवंत-(वि०) धनवान । धनी । मालदार। वश में करने या चलाने के लिए उच्चा- धनवंतरी-(न०) देवताओं के वैद्य । रण किया जाने वाला शब्द । घत्त-धत्त। धनवन्तरी । धत्त-धत्त-(प्रव्य०) हाथी को बिठाने, चलाने धनवान-(वि०) धनवंत । धनी । अमीर । या वश में करने का शब्द ।
धनाढय। धत्ती-(वि०) दुराग्रही।
धनहीन-(वि०) निर्धन । गरीब । धत्तो-(न०) १. झूठा आश्वासन । धत्ता। धनंक-(न०) धनुष । जुल । झांसा । २. धोखा ।
धनंजय-(न०) पांडु पुत्र अर्जुन । धधक-(ना०) १. अग्नि । २. ज्वाला । ३. धनंतर-(न०) धन्वन्तरि । (वि०) १.
अग्नि की उग्रज्वाला की भड़कन । अग्नि सत्यवक्ता । प्रामाणिक । २. बहुत बड़ा का सहसा भभक उठना। ४. उग्र क्रोध । जानकार । ३. बड़ा धनवान । श्रीमंत । क्रोधाग्नि । ५. दुगंध । बदबू । धनंद-(न०) कुबेर । धधकणो-(क्रि०) १. अग्नि की ज्वाला धनान्य-(वि०)धनी । धनवान । मालदार।
उठना । २. क्रोध करना। ३. बदबू धनावंशी-(न०) रामानंदी साधुओं का एक देना।
भेद, जो धना भक्त की शिष्य परम्परा में धधधो-(10) 'घ' अक्षर।
कहा जाता है। धन-(न०) १. द्रव्य । माल । २. संपत्ति। धनासरी-(ना०) एक रागिनी।
जायदाद । ३. मूलपूजी । ४. गाय, भैंस धनिक-(वि०) १. ऋणदाता। २. धनी । प्रादि । ५. गायों का टोला । ६ घश्य । अमीर । धनवान । ७. गणित में जोड़ का (+) चिन्ह । धनिक नाम-(अव्य०) ऋणी की ओर से प्लस ।
ऋणदाता को लिखकर दिये जाने वाले धनक-(न०) १. स्त्रियों का एक रंगीन । ऋण पत्र (दस्तावेज, खत) में ऋणदाता प्रोढ़ना । २. धनुष ।
का परिचायक संकेत जो उसके नाम के धनगलो-(वि०) अपने धन का अभिमानी। पहले उसकी हैसियत के रूप में लिखा धनमदान्ध । धनांद।
हुआ रहता है। ऋणपत्र में ऋणदाता धनतेरस-(न10)१. कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी। (बोहरे) के नाम का परिचय कराने वाला
२. दीपावली से संबंधित कार्तिक कृष्ण एक पारिभाषिक पद । जैसे-धनिक नाम त्रयोदशी का उत्सव या त्योहार । ३. तिलोकचंद फूलचंदाणी वास जोधपुर धन की पूजा का दिन ।
आगे प्रासामी (ऋणी) जाट किरतो धनधान-(न०) १. धन और धान्य । २. वीरमाणी रहवासी गाम वासणी रो
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