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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शब्द | धड़ाबंद - ( वि०) सम्पूर्णं । संग | धड़ाबंदी - ( ना० ) दलबंदी । धड़ाम - (न० ) का शब्द । धड़ाकाबंध धड़ाकाबंध - ( अव्य० ) १. धड़ाका के साथ | २. एक दम । एक झपाटे में । धड़ाको - ( न० ) किसी वस्तु के जोर से गिरने या फटने से उत्पन्न शब्द । धड़ाका । धड़ाधड़ - ( अव्य० ) १. लगातार । बिना रुके । २. एक दूसरे के पीछे । ( न० ) 'धड़धड़' ( ६३४ ) ऊपर से एक बारगी गिरने १. नाज तोलने वाला । घड़ियो - ( न० ) फड़ियो । २. पासंग | धड़ी - ( ना० ) १. किसी वस्तु का का वजन । २. एक बार में बाट से तोला जाना। ३. एक बार में दस सेर तोली हुई वस्तु । (नोट- घड़ी का मान कहीं पाँच सेर का भी होता है ) । ४. कान का एक प्राभूषण । ५. एक बार का तोल । एक तोल । एक दस से र दस सेर के वजन । धड़ी करणो - ( मुहा० ) १. इकट्ठा करना । २. चुनना । ३. तोलना । धड़ करणो - ( क्रि०) १. साँड़ का जोर से शब्द करना । तांडना । २. सिंह का गरजन करना | दहाड़ना । ३. बादल का गरजना । धड़ो - (०) १. समूह । २. ढेर । राशि । ३. कई संख्याओं का योग । जोड़ । वह संख्या जो कई संख्यात्रों को जोड़ने से निकले । का । ४. किसी जाति या दल को दोमतों में बँटा हुआ एक विभाग | पक्ष । तड़ । ६. विचार । ७. पसंग । पासंग | ८. ढेला या कंकड़ आदि से दिया हुआ खाली पात्र का वह समान तोल जिसमें किसी वस्तु को डालकर वस्तु का निश्चित तोल करना होता है। पात्र का सम धरणीव्रत तोलन । ६ सेना । १०. भीड़ । धड़ी करणो - ( मुहा० ) १. इकट्ठा करना । २. चुनना । ३. किसी बरतन में किसी वस्तु को डाल कर तोलने के पहिले खाली बरतन का तोल करना । खाली बरतन का संतुलन करना । ४. विचार धना । ५. जोड़ना । धरण - ( ना० ) १. पत्नी । स्त्री । २. गायों का समूह । घन । धणियारणी - ( ना० ) १. पत्नी । २. गृहस्वामिनी । ३. स्वामिनी । मालकिन । ४. देवी । शक्ति | Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धरिणयाप - ( न० ) १. स्वामित्व । २. अधि कार । ३. कृपा । धरण्यापो - दे० घरिणयाप । धरिणयाँ - (सर्व०) श्राप । दे० घणी । (न०) १, २. धरणी - ( सर्व० ) प्राप, तुम और वे के स्थान पर प्रयुक्त होने वाला आदर सूचक प्रयोग । श्राप | तुम । ( न० ) १. पति । खाविंद | स्वामी । २. स्वामी । मालिक । ३. प्रभु । ईश्वर । ४. धनुष । ५. धनुष की डोरी । प्रत्यंचा । (स्त्री० धरण और धणियाणी | ) धरणी जोग - (वि०) १. खरीददार को ही मिले ऐसी हुंडी । २. वह व्यक्ति जिसके नाम की हुंडी लिखी हुई हो । ( न० ) हुंडी के रुपये पाने का अधिकारी व्यक्ति । यथा-' - 'हुंडी सिकार नै घरणी जोग रुपया दे दीजो ।' धरणी - धोरी - ( न० ) १. स्वामी एवं मुखिया । २. रक्षक | ३. कर्ता-धर्ता । ४. वारिस । उत्तराधिकारी । दायद । धरणीवार - (श्रव्य ० ) १. प्रति व्यक्ति । २. जो जिसका हकदार या घनी हो । धरणीव्रत - दे० धणियाप । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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