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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तीसरी ( ५६० ) तुपक तीसरो-(वि०) १.तीसरा । तृतीय । तीजो। लतीफा । चुटकला । ७. मन की तरंग । २.जिसका प्रस्तुत विषय या विवाद से कोई ८. गप्प । प्रत्यक्ष संबन्ध न हो । दूर का । ३. अन्य। तुख्म-(न०) १. बीज । तुम । २. वीर्य । अप्रत्यक्ष । (न०) १. मृतक का तीसरा ३. वंश । कुल । दिन । २. मृतक का तीसरे दिन किया तुखम-तासीर-(न०) १. बीज का प्रभाव । जाने वाला क्रिया कर्म। २. कुल का प्रभाव । तुख्मे तासीर । तीसू-(अव्य०) १. इसलिये । २. इससे । तुखार-(न०) हिमकरण । पाला । तुषार । तीसो-ही-दिन-(वि०) तीस ही दिन । मास तुग-दे० तुक सं० ६, ७ ।। के तीस दिन में कभी त्रुटि नहीं। अंतर तुगल-(ना०) कान की बाली । वाळी । रहित । निरंतर । लगातार । तुगियाँ-(ना०ब०व०) १. दाढ़ी-मूछ के बाल । तीड-(म0) टिड्डी । टीड। __२. दाढ़ी-मूछ के छितरे हुए (घने नहीं) तीरो-(सर्व०) १. जिसका । उसका। बाल । तु-(सर्व०) १. तेरा। २. मध्यम पुरुष एक तुचा-ना०) त्वचा । चमड़ी। चामड़ी। वचन सर्वनाम । तू (अशिष्ट) तुच्छ-(वि०) १. थोड़ा। अल्प । २. निकृष्ट । तुअ-(सर्व०) तेरा । तुव। क्षुद । अोछा। तुपर-(न०) एक द्विदल अन्न जिसको दाल तुज-दे० तुझ । बनती है । अरहर । तुजीह-(ना०) १. धनुष की डोरी। प्रत्यंचा। तुपाळो-(सर्व०) तेरा। थारो। २. धनुष । तुइजणो-(क्रि०) गाय, भैंस आदि का गर्भ- तुझ-(सर्व०) 'तू' का विभक्ति पूर्व का रूप । पात होना। तुड़िताण-(वि०) १. रक्षक । उद्धारक । तुक-(ना०) १. कविता, पद या गीत की त्रुटिवारण । २. प्रतापी । तेजस्वी । ३. एक कड़ी। २. पद्य के दोनों चरणों के शक्तिशाली । ४. त्वरित तान। (न०) १. अंतिम अक्षरों (शब्द) की मात्रामों का वंगज । २. श्रेष्ठ वीर । जबरदस्त वीर । परस्पर मेल । ३. दो बातों या कामों का (क्रि०वि०) शीघ्र । त्वरित । झट । पारस्परिक सामंजस्य । ४ विषय । बात। तुणको-दे० तिणको । ५. मतैक्य । ६. मत। विचार । ७. तुणणो-(क्रि०) फटे वस्त्र में तुनाई करना। युक्ति । तजबीज । तरकीब । ___ रफू करना। तुकबंदी-(ना०) केवल तुक मिलाकर बनाई तुणाई-(ना०) रफू करने का काम या उसकी जाने वाली कविता। काव्यगुण से रहित उजरत । कविता । तुकबदी । भद्दी कविता। तुगगारो--(न०) तुनने का काम करने वाला। तुक मो-(न०) तमगा । पदक । रफुगर । तुकांत-(न०) अन्त्यानुप्रास । काफिया । तुणावणो-(क्रि०) तुणाई करवाना। रफू तुक्की-(ना०) तजवीज । व्यवस्था । युक्ति । कर वाना। तुक्को -(न०) १. बिना फल का बाण । २. तुनां-(सर्व०) १. तुझे । तेरे को। थनै । भोंठा तीर । ३. बाण । तीर । ४. हीला। २. तेरा। थारो। बमीला । ५.बिना बसीले या बिना विशेष तपक-(ना०) १. एक प्रकार की तोप । प्रयत्न के काम का बन जाना। ६. तुफंग । २. छोटी तोप । ३. बंदूक । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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