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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चौगणो ( ३९६ ) चौपड़ चौगणो-(वि०) चौगुना। चौगुणो। चार सौ। चौगर्द-दे० चोगड़द । चौथ-(ना०) १. पक्ष का चौथा दिन । चौगान-(न०) मैदान । चौक । पखवाड़े की चौथी तिथि । चतुर्थी । २. चौगुणो-(वि०) चार गुना । चौगुना। आमदनी का चौथा भाग जो मराठे कर चौगरणो। के रूप में लिया करते थे। ३. नफे में चौगो-(न०) चार की संख्या । चौको। चौथे भाग का राजस्व । ४. चतुर्थांश । चौघड़-(ना०) दाढ़ । चौभर । चौथाई-(ना०) चौथा हिस्सा । चतुर्थांश । चौघड़ियो-(न०) १. चतुर्घटिका। चार चौथापो-(न०) वृद्धावस्था । घड़ी का समय । २. वासर गणना के चौथो-(वि०) २. चार की संख्या वाला । अनुसार चार चार घड़ी में बदलने वाला तीसरे के बाद का । चतुर्थ । मुहूर्त । चौदस-दे० चवदस । चौड़-(न०) विनाश । संहार । चौदह-दे० चवदै। चौड़ाई-(ना०) लंबाई से भिन्न दिशा। चौदंत-(क्रि०वि०) सन्मुख । प्रामने-सामने । चौड़ाई । अरज। __ मुकाबले । (वि०) वह पशु जिसके चार चौड़े-(क्रि०वि०) प्रत्यक्ष । दिन दहाड़े। दाँत निकल आये हों। चार दांतों वाला। प्रकट रूप में। चौदंत हुणो-(मुहा०) १. प्रामने-सामने चौड़े चौगान-(अव्य०)१. खुले आम । सर्व- होना । २. मुकाबला होना । ३. मिलना। ___ साधारण में । सबके सामने । २.चौगान में। ४. भिड़ना। चौड़े-धाड़-(अव्य०) १. सबके सामने धाड़ा चौधर-(ना०) चौधरी का पद । २. चौधरी डाल कर । २. सबके सामने । खुले आम का काम । मुखियापन । ३. चौधरी को ३. दिन दहाड़े । दिन में । उसके काम के बदले में मिलने वाला चौड़े-धूपट-दे० चौड़े-धाड़े। एवजाना । चौधराई। चौड़ो-(वि०) चौड़ा। चौधरण-(ना०) १. चौधरी की पत्नी। चौडोल-(न०) १. पालकी । २. हाथी। २. जाटनी । जाट स्त्री। चौतरफ-(क्रि०वि०) चारों ओर । चौधराई-दे० चौधर। चौतरी-दे० चाँतरी। चौधरी-(न०) १. एक कृषक जाति । चौतरो-दे० चाँतरो। पटेल । पिटल । २. जाट । ३. पंच । चौताळो-(वि०) चार ताल वाला । (न०) ४. किसी जाति या समाज का मुखिया । १. मृदंग आदि का ताल विशेष । चौधाड़े-दे० चौड़े धाई। २. संगीत का एक ताल । दे० चौखळो। चौपगो-(वि०) चार पाँव वाला। (न०) चौतीणो-(न०) वह कुआँ जिस पर चार पशु । जानवर । चौपाया।। चरसों द्वारा एक साथ पानी निकाला चौपट-(न०) ध्वंस । नाश । बरबादी । जाता हो । चौलावा । चौकरो। (वि०) १. नष्ट । भृष्ट । बरबाद । २. चौतीस-(वि०) तीस और चार । (ना०) चार परत वाला । दे० चौपड़। चौतीस की संख्या । ३४ । चौपड़-(ना०) १. चौराहा । २. चौसर का चौतीसो-(न०) १. चौतीसवाँ सम्वत् । २. खेल । ३. बिसात । चौसर । (वि०) ३४०० की संख्या । (वि०) तीन हजार चार परत वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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