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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खड़ी ( २६६ ) खता भिक्षा में प्राप्त विविध अनाज कणों को तमस्सुक । ऋणपत्र । ३. पत्र । चिट्टी । अलग-अलग खानों में डालता है। ३. ४. प्रतिष्ठा । इज्जत । मान । ५. जंग। दवात । ४. खड़िया मिट्टी की एक दवात मुरचा। काट। ६. पाव । क्षत । ७. जिससे हरताल से लिखी हुई अक्षर जमाने दाढ़ी। ८. पृथ्वी । ६. क्षत्रियत्व । की पाटी पर अक्षरों के ऊपर लिखने का खतनो-(न०) खतना । मुसलमानी । सुन्नत । अभ्यास किया जाता है । बोळखो। खत बही-(ना०) लेन देन का काम करने खड़ी-(ना०) घास का ढेर । वाले बोहरों की वह बही जिसमें खत खडी-(न0) खड़िया मिट्टी। जिप्सम । (ऋणपत्र) लिखे हुए हों अथवा खतों चारोळी। की नकलें की हुई हों। खडीण-(ना.) १. वह नीची भूमि (खेत) खतम-(वि०) खत्म । समाप्त । (न०) १. जिसमें वर्षा का पानी इकट्ठा होने से गेहूँ समाप्ति । संपूर्णता । २. नाश । ३. और चने की फसल ली जाती है। कमाल । निपुणता । २. जैसलमेर जिले का एक भाग। खतमेटण-(ना०) लाख । लाक्षा । खड़ी बोली-(ना०) हिन्दी भाषा। खतरण-(ना०) खतरी की स्त्री। खड़ेरी-(ना०) १. एक बैलगाड़ी परिमाण खतरनाक-(वि०) भयानक । का घास । २. घास की भरी बैलगाड़ी। खतराणी-दे० खतरण ।। दे० खरेड़ी। खतरी-(न०) १. कपड़े छापने । रंगने खरण-(न०) १. क्षण। पल । २. किसी तथा छापने की लकड़ी की छापों (भाँतों) कार्य को सिद्ध करने के लिये उसकी को बनाने का काम करने वाली एक पूर्ति पर्यन्त धारण किया जाने वाला व्रत। जाति । २. इस जाति का प्रादमी । ३. कार्य सिद्धि तक किसी वस्तु के त्याग ब्रह्मक्षत्री। ३. क्षत्री। राजपूत । की प्रतिज्ञा । ४. किसी वस्तु के त्याग की खतरो-(न०) १. भय । खतरा । २. खटका। प्रतिज्ञा। ५. प्रस्थाई प्रतिज्ञा । ६. मकान अंदेशा । अंदेसो। के ऊपर की मंजिल । खंड । ७. अलमारी, खतवरणी-(ना०) रोकड़ बही में जमा खर्च पाले आदि का घर । खंड । दराज। की हुई रकमों को खाताबही के व्यक्तिवार खरणक-(न०) १. चूहा । २. ऊंट । (वि०) खातों में लेने का काम । खतौनी । नितान्त । बिलकुल । खतहीणो-(वि०) १. दाढ़ी मूछ रहित । खणका-(ना०) १. बिजली । (न०) झूठा २. घाव रहित । क्षत रहित । अक्षत । रोना । पाखण्ड । नखरा। ३. अप्रतिष्ठित । खणखण-(ना०)१.लड़ाई करने की इच्छा। खतंग-(न०) १. घोड़ा। २. आकाश । ३. झगड़ने की इच्छा । २. लत । चसका। अग्निबाण । (वि०) १. वीर । २. ३.बूरा इरादा । 'खनखन' शब्द । निर्लज्ज । ३. निडर । ४. अणीदार । खणखणाट-(न०) १. खनखनाहट । खन- तीक्ष्ण । ५. जिसके पुत्र-कलत्र न हो । कार । झनकार । दे० खणखरण १. २. । ६. उद्दड । ६. क्षताँग। घायल । ८. खगणो-(क्रि०) १. खोदना । खनना। अभिमानी। ६. पराक्रमी । २. खुजलाना। खता-(ना०) १. अपराध । २. भूल । ३. खत-(न०) १. दस्तावेज । लिखत । २. धोखा । ४. हानि । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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