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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कणूको ( १९६ ) कत्यूरी खंड । ४. बल्ली । शहतीर । ५. फुट भर कतरी-(वि०) कितनी। कित्ती। कितरी। स्टील की गावदुम पतली शलाका। (सर्व०) कतरो-(वि०) कितना । कित्तो । कितरो। १. कौन । २. किस। कतल-(ना०) हत्या । कत्ल । करणू को-(न०) दाना। कण । अन्नकरण। कतळी-(ना०) १. गन्ने आदि को छील कर (क्रि०वि०) कभी का। ___ काटी हुई फाँक । २. एक मिठाई। बर्फी। करणेठ-(न०) छोटा भाई । अनुज । (वि०) कतवाणो-(क्रि०) कतवाना। कनिष्ठ । छोटा । करणेठी। कतवारी-(वि०) कातने वाली । कोठी-(न०) कनिष्ठ । छोटाभाई । (वि०) कताई-(ना०) १. कातने का काम । २. छोटा। कनिष्ठ। __ कातने की मजदूरी । (वि०) कितने ही। कणेर-(न०) १. कनेर का वृक्ष । कनेर। कतारणो-दे० कतावणो । कणेरीपाव-(न०) १. नाथ संन्यासियों की कतार-(ना०) १. पॅक्ति । २. श्रेणी । एक सम्प्रदाय के एक प्रसिद्ध महात्मा ३. झुड । कनीपाव । कृष्णपाद । कण्हपा। २. नाथ कतारियो-(न०) ऊंटों द्वारा एक गाँव से सम्प्रदाय की कालबेलिया जाति के गुरू दूसरे गाँव को माल लाने लेजाने वाला कनीपाव । व्यक्ति । कण-(न०) सोना । कनक । (सर्व०) कतावणो-(क्रि०) कातने का काम किसी १. किस । २. किसने । (क्रि०वि०) कब। अन्य व्यक्ति से करवाना । कतवाना। किस समय । कतिपय-(वि०) १. कितने ही। २. थोड़े कणगढ़-(न०) दे० करणयगढ़ । ___ से । कुछ। करणगिर-दे० कणयगिर। कतियासी-(ना०) १. कात्यायनी देवी । कणही-(क्रि०वि०) १. कभी । २. कभी भी। दुर्गा । २. एक रणपिशाचिनी । योगिनी। करणो-(न०) १. रीड की हड्डी। २. रीढ़। कतियो-(न०) तार, चद्दर आदि धातु की ३. कमर । ४. गरदन । ५. सीमा। वस्तुओं को काटने की एक कैची । कत्ती। ६. हल चलाते समय उसके साथ बँघा कतीलो-(न०) १. एक वृक्ष का गोंद । रहने वाला एक पत्थर जिसकी रेखा से २. एक प्रकार का गोंद । कतीरा। खेत (जाव) में पानी की सिंचाई के लिये कतेब-(ना०) १. किताब । पुस्तक । २. वेद। नाली बन जाती है। ३. कुरान । कतई-(क्रि० वि०) सर्वथा । बिलकुल । कतूहळ-(न०) १. कौतुहल । कुतूहल । समूधो। २. पाश्चर्य । कतरण-(ना०) सिलाई करने के पहिले कतेई-(प्रव्य०) बिलकुल । सर्वथा । संमूषो। कपड़े की की जाने वाली काट-छाँट के साथ । अतिरिक्त टुकड़े। कपड़े के काट-ब्योंत कतो-दे० कत्तो। की अतिरिक्त लीरियां। कत्ती-(ना०)१. छोटी तलवार । २. कटारी । कतरणी-(ना०) कैची। कत्तो-(न०) कितना । कतरो। कतरणो-(क्रि०) १. कपड़ा या कागज आदि कत्थाई-(वि०) १. कत्थे के रंग जैसा । को कैंची से काटना । २. नष्ट करना। २. कत्थे के रंग का । मारना । (न०) बड़ी कैंची। कत्थूरी-(ना०) कस्तूरी। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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