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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कड़वी रोटी ((१९४) कड़वी रोटी-(ना०) किसी के यहां मृत्यु कड़ियां-(नाब०व०) कमर । होने के दिन, (मृतक का अग्नि संस्कार कड़ियाल - (न०) १. कवच । २. कवचधारी होने के बाद, उसके घर वालों के लिये) योद्धा । किसी संबंधी के यहाँ से पहुँचाया जाने कड़ियाळी-(ना.) १. घोड़े की लगाम । वाला खाना। २. लोहे की कड़ियां लगी हुई लाठी। कड़वो-(वि०) १. कटु । कड़ा । कड़ए (वि०) कड़ीवाली। स्वाद वाला । २. अप्रिय । कटु। कड़ियो-(न०) राज । चेजारो। कड़वो तेल-(न०) १. सरसों का तेल (खाने कड़ी-(ना०) १. जंजीर का छल्ला । २. गीत के प्रयोग में) सरसियो। २. तारामीरा या कविता का एक पद। ३. पांव का का तेल । जांभो तेल । (मालिश के एक गहना । (वि०) कठोर । सख्त । प्रयोग में ।) कडूबो- (न०) १. कुटुंब । वंश । कड़ाई-(मा०) कड़ापन । कठोरता। २. कुटुबीजनों या सगोत्रियों को दिया कड़ाकूट-(ना०) मगजपच्ची । माथाकूट । जाने वाला भोज । कड़ाक-(प्रव्य०)किसी वस्तु के टूटने का शब्द। कड़ेचा-(न०) सीसोदिया राजपूतों की एक कड़ाको-(न०) १. किसी कड़ी वस्तु के टूटने शाखा । का शब्द । २. लकड़ी से माथे में मारने कड़ेली-(न०) मिट्टी का तवा । का शब्द । ३. भूखों मरना। उपवास । कड़-(क्रि० वि०) निकट । पास । नड़ो। अनशन । कन। कड़ाजूझ-(वि०) १.कटि में प्रायुधों को कस कड़ो-(न०) १. हाथ-पाँव में पहिनने का कर युद्ध के लिये तैयार । अस्त्र-शस्त्रों एक गहना । कड़ा। कंकरण । २. कड़ाह से सज्जित । २. कटिबद्ध । तैयार। आदि बरतन को पकड़ने के लिये किनारे कड़ाजूड़-दे० कड़ा झ। पर लगा हुआ कंकणाकार कड़ा । कड़ाभूड़-दे० कड़ाजूझ । ३. द्वार के ऊपर की हुई अद्ध गोलाकार कड़ाबंध-(वि०) १. अस्त्र-शस्त्रों से सज्जित। चुनाई । मेहराब । ४. समूह । झुड । . २. कमर कसा हुआ । कटिबद्ध । तैयार। कडोळ-दे० कुडोळ । कड़ाबीण-(न०) १. एक शस्त्र । २. एक कढरणो-(क्रि०) १. प्रौटना । खोलना । प्रकार की बंदूक । दे० कड़ाभीड़। २. निकलना । कड़ाभीड़-(वि०) अस्त्र-शस्त्र और कवच कढारणो-दे० कढावणो । आदि से सज्जित । कढावणो-(क्रि०) १. प्रौटाना। २. निकलकड़ायलो-(न०) छोटी कड़ाही । वाना। कड़ायी-दे० कड़ाही। कढी-(ना०) एक तीवन जो दही या छाछ कड़ायो-दे० कड़ायलो। में बेसन और मसाले मिलाकर और कड़ाळ-(न०) १. बड़ा कड़ाह । २. कवच।। उकाल कर बनाया जाता है । कढ़ी । कड़ाळो-(न०) बड़ा कड़ाह । कढीजणो-(क्रि०) १. दूध का प्रोटा जाना कडाव-(न०) कड़ाह । बडा कड़ाहा। या प्रौटाना । २. प्रोटाना। प्रौटा जाना। • कड़ाही-(ना०) छोटा कड़ाह । कड़ाही। ३. निकलना । ४. निकल सकना । कड़ि-(ना०) कटि । कमर । निकल आना। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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