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( xiii ) सविशेष प्रभावित किया है । इसका लोक साहित्य तो हमारी अगाध संचित निधि है, जो राजस्थान के सांस्कृतिक जीवन को सही परिप्रेक्ष्य में प्रतिबिम्बित करने का मुकुर है।
विधाओं में वैविध्य और राशि में विपूलता के होते हुए भी देश के स्वतन्त्रता-युद्ध में और स्वातंत्र्य-सूर्य के उदित होने के पश्चात् भी राजनैतिक चेतना के अभाव में देश के सविधान में इसे मान्यता नहीं दो गई। राजस्थान के राष्ट्र प्रेम और राजभाषा के प्रति उसको आसक्ति को एक विशिष्ट गुण के स्थान पर कमजोर माना गया और राजस्थानी को एक बोली के रूप में संतुष्ट होना पड़ा।
आज जब राजस्थान के तपःपूत इस ओर जाग्रत हुये हैं, सरकारी मान्यता के अभाव में भी इस भाषा के आधुनिक साहित्य के निर्माण में अपनी उत्कट इच्छा, अदम्य साहस और प्रतिभा के त्रिवेणी संगम से अपूर्व योगदान दे रहे हैं । कच्छप-चाल से ही सही, पर विविध विधाओं में जो अधुनातन विचारों से प्रेरित साहित्य निर्मित किया जा रहा है, वह कम प्रशंसनीय नहीं है । इधर राजस्थानी साहित्य संगम की स्थापना, केन्द्रीय साहित्य अकादमी द्वारा राजस्थानी भाषा को अन्य भारतीय भाषाओं के समकक्ष साहित्यिक मान्यता प्रदान करना तथा राजस्थान सरकार द्वारा एक विषय (ऐच्छिक ही सही) के रूप में विविध स्तरों पर एक विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में स्थान देना, इसको उपर्युक्त धीमी गति को त्वरित करने में सहायक बने हैं।
भाषा को एकरूपता को लेकर जाने-अनजाने एक प्रांतरिक कलह और द्वेषवृत्ति को बाह्य तत्त्वों द्वारा उकसाया जा रहा है। आधुनिक काल में साहित्य निर्माण की दृष्टि से एकरूपता की नितांत आवश्यकता को सभी स्वीकार करते हैं और इसके लिए सद्प्रयत्न भी हुये हैं तथा एकरूपता के लक्ष्य पर पहुंचा जा रहा है, पर इसको लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। हमारे समक्ष गुजराती तथा अन्य भाषाओं के उदाहरण प्रस्तुत हैं । स्वय हिन्दी में ब्रज, अवधी, पहाड़ी, बुदेलखंडी, भोजपुरी आदि अनेक बोलियाँ हैं। फिर राजस्थानी की बोलियों से ही चितित होने की बात समझ में नहीं पा रही है ।
यह ठीक है कि राजस्थानी में आधुनिक कोश का प्रभाव अब तक खटकता था, पर इस भाषा में कोशों का प्रभाव कभी न रहा । डिगळ नाम माळा, नागराज डिगळ कोश, हमीर नाममाळा, नाममाळा, प्रवधान माळा, डिगळ कोश; अनेकारथी कोश, एकाक्षरी नाममाळा आदि अनेक कोश विद्यमान हैं।।
व्याकरण को समझने के लिये इस कोश में प्रयुक्त संकेतों की एक अलग तालिका दी जा रही है।
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