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सरवरूप
।
७३८ )
सरसको
२ चन्द्रमा, चांद।
सरवात्मा-पु० [सं० सर्वात्मा] १ सब को पात्मा । २ परमात्मा, सरवरूप-वि० [सं० सर्वरूप] सर्व स्वरूप ।
ईश्वर । ३ शिव । सरवलोकेस-पु० [सं० सवलोकेश] १ ब्रह्मा । २ शिव । ३ विष्णु। सरवानुभूति-पु. भूतकाल के छठे तीर्थंकर का नाम । (जैन) ४ कृष्ण।
सरवानुवाद-पु० [सं० सर्वानुवाद] सम्पूर्ण अनुवाद । सरवलौह-पु० [सं० सर्वलोह, तांबा, ताम्र ।
सरवारण-स्त्री० [सं० शरवारण] तोरों की बोछार रोकने की सरववरति-स्त्री० [सं० सवविरति] हिंसा मादि का सम्पूर्ण ढाल । त्याग।
सरवारथसिद्धि-पु० [सं० सर्वार्थ सिद्धि] १ सबसे ऊपर का लोक, सरववलमा (बल्लमा)-स्त्री० [सं० सर्ववल्लभा] १ वेश्या ।। सर्वोच्च देवस्थान । २ गौतम बुद्ध।.३ समस्त पयों की २ कुल्टा स्त्री।
सिद्धि । ४ तत्त्वार्थ सूत्र की टोका का नाम । सरवविद-पु० [सं० सर्वविद्] १ शिव, महादेव । २ बुद्ध देव । सरवारा, सरवारी-स्त्री. हरड़े, हरीतकी। -वि० सब जानने वाला, सर्वज्ञ ।
सरवालि-पु. बाण, तीर । सरवव्यापक, सरवव्यापी-पु० [सं० सर्वव्यापिन्] १ सर्वव्यापी | सरवाळे सरवाल -क्रि. वि. अंत में, प्राखिर में ।
परब्रह्म, ईश्वर । २ शिव, महादेव । ३ विष्णु ।-वि० जो सरवावसु-पु० [सं० सर्वावसु] सूर्य की एक किरण का नाम । सर्वत्र व्याप्त है।
सरवि-वि० [सं० सर्व] सब, समस्त।, - सरवसहार-पु० [सं० सर्व-संहार काल, मृत्यु ।
सरविद्या-स्त्री० [सं० शर-विाद्य] धनुविद्या। सरवस-१ देखो 'सरवस्व' । २ देखो 'सरवसहा'।
सरवेत-वि० [सं० सर्व:] १ सब, समस्त । २ सर्वस्व । सरवसह, सरवसहा-स्त्री० [सं० सर्वसहा] भूमि, धरा । सरवेस, सरवेस्वर-पु० [सं० सर्वेश्वर] १ ब्रह्मा। २ ईश्वर । सरवसाक्षी, सरवसाखो-पु० [सं० सर्वसाक्षिन्] १ ईश्वर, | ३ शिव, महादेव । ४ विष्णु । ५ जो सब का स्वामी है।
परमात्मा। २ अग्नि, प्राग । ३ वायु, पवन, हवा। | सरवोड़ो-वि० प्रतिध्वनि करने वाला । पावाज वापस देने वाला। सरवसाधन-पु० [सं० सवं साधन] १ सोना, स्वर्ण। २ शिव, | सरवी, सरवी-पु० [सं० सवा] १ हवनादि में घी की प्राहुति महादेव । ३ धन, दौलत ।
देने की लकड़ी की छोटी करछी। २ जल पात्र से पानी सरवस्रो-पु० [सं० सर्वश्री] कई व्यक्तियों का एक साथ नाम होने लेने का छोटा लौटा या पात्र ।-वि. (स्त्री० सरवी) शीघ्र पर सर्व प्रथम लगने वाला विशेषण, सर्वश्री।
सुनने वाला। सरवस्व-वि० [सं० सर्वस्व] १ सब कुछ। २ पूर्ण, पूरा। सरव्य-पु० [सं० शरव्य] १ लक्ष्य, निशाना । २ तीरंदाज ।
३ सार । ४ प्रमूल्य, महत्वपूर्ण ।-पु० समस्त धन-सम्पत्ति | सरवरी-देखो 'सरवरी'। प्रादि।
सरस पु० [सं०] १ तालाब, जलाशय । २ सिरस का वृक्ष । सरवहर-वि० [सं० सर्वहर] सर्वस्व हरण करने वाला ।-पु० [देश॰] ३ रीति, रश्म । ४ छप्पय छंद का ३५ वां भेद ।
१ शिव, महादेव । २ अग्नि, प्राग। ३ काल, मृत्यु । ५ एक वर्ण वृत्त । ६ "मोहणी" नामक छन्द ।-वि० ४ धर्मराज, यमराज।
१ रसपूर्ण, रसीला । २ समान, तुल्य । ३ जोश पूर्ण, सरवहार-पु. एक प्रकार का प्राभूषण विशेष।
जोशीला । ४ प्रीति सहित, प्रेम पूर्ण । ५ पल्लवित, हग सरवांग-पु० [सं० सांग] १ सम्पूर्ण शरीर, सब अवयव । भरा । ६ अपेक्षाकृत प्रच्छा। ७ सुन्दर, मनोहर । सजल, - २ शिव, महादेव।
माई, नम । ६ स्वादिष्ट, जायकेदार । १० उत्तम, पवित्र । सरवांगासन-पु० [सं० सर्वाङ्गासन] योग के चौरासी प्रासनों ११ मधुर, मीठा । १२ भाव पूर्ण। १३ श्रेष्ठ, उत्कृष्ट । में से एक।
१४ गुणकारी, लाभप्रद । १५ ताजा । १६ मानन्द पूर्वक, सरवांगीण-वि० [सं० सर्वाङ्गीण] १ सभी अंगों या अंशों से प्रेम सहित । १७ सुखप्रद । १८ प्रत्यधिक, बहुत ।
युक्त । २ सम्पूर्ण, पूरा । ३ सभी अंगों या भागों से संबंधित। १६ देखो 'सरस्वती'। सरवाणी-पु० [स० शरः+वाणि] १ तीर का सिरा। २ धनु- सरसइ, सरसई, सरस उ-देखो 'सरस्वती'। .. घर, तीरंदाज । ३ तीर बनाने वाला । ४ पैदल सिपाही।
सरसज्या-स्त्री० [सं० शर-शय्या] तीरों की सेज। -स्त्री० [सं० शर्वाणी] ५ पार्वती, उमा। ६ दुर्गा, देवी। | सरसणी (बी)-क्रि० १ होना। २ हराभरा होना। ३ रसपूर्ण . सरवाक-पु० [सं० शरावक] १ प्याला । २ दीपक।
होना, रसयुक्त होना। ४ प्रवाहित होना। ५ बरसना । सरक्षाक्ष-पु० [सं० शर्वाक्ष] १ रुद्राक्ष । २ शिव ।
६ मानन्दित होना, प्रफुल्लित होना । ७ गुणकारी या सरवातीत-वि० [सं० सर्व प्रतीत] सब से परे, दूर, बाहर।। लाभदायक होना।
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