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सरली
सरव - पु० [सं० शर्वः, सर्व ]
का वृक्ष । ३ घोड़ों की एक नस्ल । वि० १ एकदम सीधा । २ सहज, सुगम । ३ निष्कपट, निश्छल । ४ त्राहिमाह की पुकार
सरली- स्त्री० एक प्रकार का प्राभूषण विशेष । सरलोक-१ देखी 'स्लोक' २ देखो 'सिलोक' |
विष्णु । ३ श्रीकृष्ण ।
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( ७३७
१ शिव, महादेव । २ भगवान ४ ग्यारह रुद्रों में से एक। - वि०
सरबग - वि० जिसकी गति सर्वत्र हो ।
सरवगति - वि० जो सबको शरण व माश्रय देता हो । सरगळ ० पास वि० पूर्ण रूप से प्रस्त ।
सब समस्त |
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सरयकरणी स्त्री० पुरुषों की बहुतर कलाओं में से एक सरवकरता पु० [सं० सर्वकर्ता] ब्रह्मा । सरयकरमा पु० एक सूर्यवंशी राजा का नाम सरवकांमवी० [सं० [सर्वकामद] भगवान विष्णु सरaniमका स्त्री० [सं० सर्वकामदुक" ] कामधेनु । सरवकाळ पु० [सं०] सर्वा] यमराज
सरबगंध- पु० [सं० सर्वगंध ] १ इलायची २ कपूर । ३ केसर ४ दालचीनो । ५ अगर ६ नाग केसर । ७ लौंग । ८ शिलारस ।
सरबड़ - पु० [सं० सर्व चूड] महादेव का चूड़, चंद्रमा ।
सरबजित पु० [सं० सर्वजित] १ इक्कीसवें संवत्सर का नाम । २ कश्यप ऋषि के एक पुत्र का नाम ।
सरवण पु० [सं०] सरवस] १ यह स्थान जहाँ स्कन्द का जम्म दुधा । २ एक प्रकार की घास ३ देखो 'स्रवण' | सरवरपति - स्त्री० सास श्वसुर की सेवा करने वाली स्त्री । सरवरण (ब)- क्रि० [सं० अबति, सरापयति ] १ टपकना, चूमना । २ तेज गति से दौड़ना, भागना । ३ शाप देता । सरवतापन- पु० [सं० सर्वतायन] १ सूर्य, सूरज । २ कामदेव । सरवतोभद्र - पु० [सं० सर्वतोभद्र ] १ विष्णु के रथ का नाम । २ पारों बोर से खुला भवन, प्रासाद ३ एक प्रकार का सैनिक म्यूह ४ योग का एक घासन या मुद्रा ५ एक
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प्रकार का चित्रकाव्य । ६ नीम का पेड़ ७ बांस । ८ जल के अधिष्ठाता वरुण देव का निवास स्थान सरवतोमुख पु० [सं० सतोमुख] १ शिव, महादेव २ चग्नि
श्राग । ३ जल, पानी । ४ ब्रह्मा । ५ स्वगं । ६ प्राकाश । ७ एक प्रकार का सैनिक व्यूह ।
सरवत्र क्रि० वि० [सं० सर्वत्र] हर जगह प्रत्येक स्थान पर २ हर समय ।
सरवत्रय पु० [सं०] सर्वजन] १ वायु, पवन २ मनु के एक पुत्र का नाम । भीम का एक पुत्र ।
सरवत्रगांमी पु० [सं० सर्वत्रगामिन् ] वायु, पवन ।
सरवया कि० वि० [सं०]
बंधा] १ सब प्रकार से हर तरह से २ बिल्कुल निरा ३ सर्वत्र ।
सरवदेवमयर पु० [सं० सर्वदेवमयस्थ] त्रिपुर नाश के लिये, विश्वकर्मा द्वारा रचित शिव का दिव्य रथ
सरवरीपत
सरववेवेस - पु०चौसठ भैरवों में से एक । सरदधारी० [सं०] सर्वधारिन्] १ शिव, महादेव २ साठ संवत्सरों में से बाईसवां संवत्सर ।
सरवनांम पु० [सं०] सर्वनाम ] व्याकरण में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाला शब्द ।
सरवनास - पु० [सं० सर्वनाश ] विध्वंस, सत्यानाश ।
सरवग्य - वि० [सं० सवंश ] सर्वज्ञ । पु० १ ईश्वर २ शिव, सरवप पु० [सं० सर्वप] १ राई । २ सरसों । ३ एक तोल
महादेव । ३ पोसठ भैरवों में से एक । ४ देवता ।
सरवण्यांनी पु० [सं० [सर्वज्ञानी] सब कुछ जानने वाला, सर्वज्ञाया।
पत्नी ] १ लक्ष्मी २ पाती। पर्वत] कैलास पर्वत
सरवण्याता पु० [सं०] सर्वशाता]] १ सब कुछ जानने वाला। सर्वज्ञाता । २ ईश्वर । ३ शिव, महादेव ।
विशेष । ४ एक प्रकार का विष सरबपत्नी स्त्री० [सं०] सरपरबत पु० [सं०] सरवपरि- अव्य० १ सब तरह से । २ बिल्कुल । ३ पूर्णतया । ४ सर्वत्र, सब जगह । सरवमक्षा, सरवमखा स्त्री० [सं० सर्वपक्षिका ] १ बकरी । २ प्रग्नि, भाग ।
सरवास १० [सं०] सर्वग्रास] सूर्य या चांद का पूर्ण पहरा सरवड़ी - वि० मूसलाधार ।
सरवचारी- वि० [सं० सर्वचारिन् ] सब में विचरण करने या सरवमंगळा- स्त्री० [सं० सर्वमंगला ] १ चौसठ योगिनियों में से रमने वाला पु० शिव, महादेव
एक २ पार्वती । - वि० सबका कल्याण करने वाली । सरबमुख पु० [सं०] सर्वतोमुखम् ] पानी, जस ।
सरवर पु० [सं० शर्वर ] १ अधकार, अंधेरा २ कामदेव, मनोज । ३ देखो 'सरोवर' ।
सरवरा देखो 'सरबरा' ।
सरवरि-१ देखो सरवरी' । २ देखो 'सरोवर' ।
सरवरियो - देखो 'सरोवर' ।
सरवरी - स्त्री० [सं० शर्वरी ] १ रात्रि, निशा । २ स्त्री, भोरत । ३ हल्दी । ४ बृहस्पति के साठ संवत्सरों में से चोलीसवां संवत्सर ।
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सरवरीकर - पु० [सं० शर्वरीकर ] विष्णु ।
सरवरीदीप, सरबरीदीपक पुं० [सं० शव दीपक [] चन्द्रमा, पांद सरबरीपत (पति, पती) पु० [सं० शवशेषति] १ शिव, महादेव