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संभा
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४] सम्मान प्रतिष्ठा ५ मुमकिन संभावना ६ संदेह ७ साहित्य में एक अलंकार
( ६९३ )
संभास (m) - पु० [सं० सम्भाषणं] १ बातचीत, संभाषण । २ कथन, वार्तालाप ।
संभार पु० एक देश्य का नाम ।
संभाहणी (बौ) - देखो 'संभारणी' (बो) ।
संभु- पु० [सं०] शंभु ] १ शिव, महादेव २ एक रुद्र का नाम ३ भैरव । ४ एक दैत्य । ५ब्रह्मा, विधाता । ६ सिद्ध या पूज्य पुरुष ७ ऋषि, मुनि ८ अंबरीष राजा का पुत्र । ९ अग्नि का तप नामक पुत्र । १० श्रीकृष्ण का एक पुत्र । ११ सगरण, तगरण, यगरण, भगरण धौर सात गुरु वर्गों के क्रम से बनने वाला एक व वृत्त। वि० १धानन्ददायी प्रद२ प्रवे ३ पीला । - गिरि, गिरी- पु० कैलाश पर्वत ।
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–पु० सर्प, चन्द्रमा । —लोक - पु० - पु० स्कन्द, गणेश ।
कैलाश पर्वत ।
संभूमन (नु ) - देखो 'स्वयंभुव' ।
संभेदतीरथ पु० [० संमेदतीचं] एक तीर्थ विशेष संभवन- पु० जुटाने, भिड़ाने या मिलाने की क्रिया । संमेरी पु० एक प्राचीन राजा भेळी देवो'
संभुतेज, संभुबीज-पु० पारद, पारा। संभू-देखो 'संभु'
संभूत- वि० (स्त्री० संभूता) १ एक साथ उत्पन्न । २ उत्पन्न |
-पु० एक प्राचीन राजा ।
भूसरण
सुत
संभोग - पु० [सं०] सम्भोग ] १. किसी वस्तु का भली प्रकार प्रयोग २ रतिक्रीड़ा, मंबून ३ साहित्य में श्रृंगार रस का एक भेद । ४ व्यवहार । ५ हाथी के मस्तिष्क का एक
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संभोज - पु० [सं०] १ भोजन, खाना । २ खाद्य सामग्री । भोजक वि० [सं०] भोजन करने या खाने वाला। संभोजन- पु० [सं०] १ भोज, दावत । २ भोजन सामग्री । संभोज्य-वि० [सं०] खाने योग्य, खाने की ।
संत वि० [सं०] पाश्चर्यचकित भ
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संभ्रम पु० [सं०] सम-भ्रम] १पुत्र बड़का २ पौष पोता।
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संभूनाथ पु० [सं० शंभूनाथ ] शिव, महादेव ।
संभूख (भेस ) - पु० [सं० शंभुभेष ] संन्यासियों या साधूम्रों द्वारा संमद-स्त्री० [सं० सम्मद] १ खुशी, प्रसन्नता । २ देखो 'समुद्र' । किया जाने वाला एक वृहद् भोज ।
धरणी (बी) - देखो 'समझणी' (बो) ।
संमधि - वि० ० १ सम्बन्धित । २ देखो 'समधी' | मणी (बौ देखी 'समपण' (बी) संमपूरण- देखो 'संपूरण' । संमर - देखो 'समर' ।
३ युद्ध, संग्राम । ४ धातुरता, घबराहट । ५ गलती, भूल । ६ मान, आदर, सम्मान। ७ चारों पोर घूमने या चक्कर लगाने की क्रिया । ८ भ्रम भ्रांति । ९ शिव का एक गरण। -वि० अमित २ प्रतिष्ठित सम्मानित तुम, समान बराबर ।
संमिरणौ
संभ्रमरो (बी) - क्रि० १ प्राश्चर्य करना, अचम्भा करना । २ गलती करना, भूल करना । ३ भ्रम करना, शंका करना । ४ युद्ध करना, संग्राम करना । ५ प्राश्चर्य चकित या अचंभित होना । ६ गलती या भूल होना । ७ भ्रमित होना, मंकित होना युद्ध होना, संग्राम होना १ धातुर होना
घबराना ।
संभ्रमी - देखो 'संभ्रम' ।
संभ्रांणी - स्त्री० घोड़ों की एक जाति । पु० इस जाति का घोड़ा । संभ्रांत - वि० [सं० सम्भ्रान्त ] १ चारों धोर घुमाया हुद्रा । २३ सम्मानित प्रतिष्ठित ।
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संभ्रांति स्त्री० १ 'संभ्रांत' होने की दशा अवस्था या भाव। २ प्रातुरता, घबराहट ।
संम- देखो 'सम' ।
संमत, संगति, समत्त १ देखो 'संवत' २ देखो 'समिति' । ३ देखो 'सम्मत' ।
संमळी-देखो 'संबळी' ।
भाग ।
संगळ-१ देखो 'संबळी' २ देखी 'सांवळी' संभोगी [वि० [सं०] संभोगिन् ] १ संभोग करने वाला २ उपयोग संमहणौ (बौ) - देखो 'संभरणों' (बो) । संभाव देखो 'समाधि' ।
करने वाला ।
संभोग्य - वि० १ जो उपयोग या उपभोग के लिए हो । २ जो संमाणी (बो) - देखो 'समारणो' (बो) । उपयोग के योग्य हो, भोगने योग्य हो।
संमरणी (बी) देखो 'समरण' (बौ
संमळ १ देखो 'सम' २ देखो 'बळी' ३ देखो 'शिव'। - । 'संवळो' ।
४ देखो 'सवाळो' ।
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संमापित, संमापिता (पीत, पीता) - देखो 'समाप्त' । संमार-१ देखो 'संवार' २ देखो 'संभाळ । संमारजणी (नी ) - स्त्री० [सं० संमार्जनी] बुहारी, झाड़ ू संमारणों (बी) - १देखो 'संवारणी (बी) २ देखो' संभाळणी' (बो) | संमावलो(बी) - देखो 'संभावली' (बो) २ देखो' समाणी' (बो)। संमिरणी (बो) - क्रि० १ परस्पर टकराना, भिड़ना । २ देखो 'समरणो' (बौ) ।