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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ६६५ ) बड़-देखो 'बे'ई'। बरगवी-स्त्री० [सं०] १बंशलोचन । २ वंशीवादक । ३ शिव बड़ो'बड़ो-१ देखो ब'हो' । २ देखो 'सो' । महादेव । वंचरणी (बी), चरणी (बी)-१ देखो 'बैचरणो' (बो) । २ देखो | वैरणसगाई-देखो 'वयणसगाई'। 'बेचणी' (बी)। वैणा-देखो वीणा'। वैचाणो (बो) वैचावणो (बो)-१ देखो 'बचाणो' (बो) । वैणावरणी-स्त्री० बोलचाल, वालिप । २ देखो 'बेचाणो ()। वैणि, वणी-१ देखो 'वेणी' । २ देखो वहणी' । वैणी-पु० बढ़ई का एक मौजार विशेष । वछंग-वि० चपल, चंचल, उच्छखल । वै'णो (बो), वेणी (बी)-१ देखो 'वहणों (बी) । २ देखो वैछारणो (बो!,वछावणी (बी)-देखो 'बिछाणी' (बी)। वैजतीमाळ (माळा)-देखो 'वैजयंतीमाळा' । ___'होणो' (बी)। वैजनाथ-देखो 'वैद्यनाथ'। वैत, वैत-पु० १ वाहन, सवारी । २ ऊंट । ३ समास व वैजभ्रत-पु० [सं० वैजभत] भगुकलोत्पन्न एक गोत्रकार । अनुप्रासों से युक्त गद्य-पद्य की रचना । ४ नियम । ५ प्रण, वैजयंत-पु. [सं०] १ देवराज इन्द्र । २ इन्द्र का राजभवन । प्रतिज्ञा। ६ दांव, पेच । ७ गुरुमंत्र । ८. लता, बेल । ३ इन्द्र का ध्वज । ४ झंडा, पताका । ५ घर, मकान । ९ देखो 'वैत' । १० देखो 'बेत' । ६ क्षीरसागर के मध्य का एक पर्वत । वैतणौ (बी), वै.तणी (बी)-देखो 'बेतणो' (बी)। वैजयतिक-पु० [सं०] ध्वज उठाकर चलने वाला। वैतर-१ देखो वेतरु' । २ देखो 'व्यंतर'। वैतरणि, वैतरणी-स्त्री. १ उड़ीसा प्रान्त में बहने वाली एक वैजयंती-स्त्री० [सं०] १ वजा, पताका, झण्डा। २ चिह्न नदी। २ गंगा का एक नाम । ३ नरक की एक नदी। लक्षण । ३ एक प्रकार का पौधा। ४ दान की जाने वाली वस्तु । -इग्यारस, एकादशी, वैजयंतीमाळ (माळा)-स्त्री० [सं० वैजयंतीमाळा] १ मोती ग्यारस-स्त्री. मार्गशीर्ष कृष्णा एकादशी। मादि का हार । २ गले से घुटनों तक लंबी पचरंगी माला वैतरणी (बी), वंतरणो (बो)-देखो 'बेतणी' (बो)।.. ३ भगवान विष्णु की विजय माला । वंतवार-वि० मूर्ख, नासमझ । बैंजो-पु. घोड़ों का एक रोग विशेष । वैतांडारूपा-स्त्री० विकृतरूप धारण करने वाली देवी। वंश-देखो 'वेढ'। बैताढ्य, वैतादयगिरी-पु० एक पर्वत का नाम । वैडणी (बो)-देखो 'बढणी' (बी)। वैताणो (बी)-देखो 'बेंताणो' (बी)। वैडूबो-पु. खराब कलिन्दा। बैताळ (ल)-देखो 'वेताळ' । बंडूर्य, वैदूर्यमरिण (मण)-देखो 'वैदूरचमणि' । वैताळरस, बैतालरस-पु. एक प्रकार की रसौषधि । बैडोच्योड़ी-वि० विचलित, अधीर । वैताळिक, वैतालिक-पु० [सं० वैतालिक] . भाट, बंदोजन । बड़-देखो 'वेद'। २ मदारी । ३ ऐन्द्रजालिक, मायावी । ४ वेताल के बढ़क-देखो 'वेढक'। उपासक। वंदगरौ (गारी)-देखो 'वेढीगारों'। बताळी-पु० [सं० वैताली] १ स्कन्द का एक अनुचर। २ देखो वंदणीबी)-देखो 'वेढणो' (बी)। 'ताल'। बढीमरण (मणो)-देखो 'वेढीमरणो'। वैताळीस-देखो 'बयाळीस'। वैरण-पु० सं० वचन] १ स्तुति, वन्दना । २ देखो 'बेण'। वैलियांण-वि० समर्थ, शक्तिशाली । _३ देखो वीण' । ४ 'वीणा' । ५ देखो 'वचन'। वैतुल-पु० घोड़ा, प्रश्व। वणउंड, बरगदंड-पु० [सं० वेणीदंड] १ एक प्रकार का सर्प । | वैत्रासुरतंडळ (ल)-पु० [सं० वृत्र+रा० तंडल] इन्द्र का एक २ देखो 'वेणीदंड'। नाम । वैरणन-पु. [सं० बैणनः] श्वान, कुत्ता । वैथी-देखो 'बेथो'। वैरणव-वि० [सं०] बांस का, बांस संबंधी। -पु० १ बाम का | वैदंग (गी)-पु० १ वैद्यक, चिकित्सा । २ देखो 'वेदग्य' । बीज या फल । २ विश्वामित्र के वशज एक गोत्रकार । वैदगर-१ देखो 'वैद्य' । २ देखो 'वेदग्य' । ३ यज्ञोपवीत के समय धारण किया जाने वाला बांस | वैव, वैद-पु० [सं०] १ विद ऋषि के एक पुत्र का नाम । का दण्ड । २ देखो 'वैद्य'। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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