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पातळ-स्त्री० [सं० पत्र] १ पत्तल, पनवारा। २ एक व्यक्ति के पात्रता-स्त्री० [सं०] १ पात्र होने की अवस्था या भाव। एक समय की भोजन सामग्री । ३ देखो 'पतळो' ।
२ योग्यता, भाजनता । ३ अभिनेता होने की स्विति । पातळडो-देखो 'पातळी',
पात्रो-१ देखो पातरो'। २ देखो 'पात्र। पातळबट्ट, पातळचट्टी-वि० (स्त्री० पातळचट्टी) १ स्वार्थी, धोखे पाप-पु० [सं० पाथ] १ जल, पानी । २ देखो पत्थर' ।
बाज। २ खुशामद खोर, चापलूस । ३ खाने के लिये । ३ देखो 'पंथ'। ४ देखो 'पारय' । ५ देखो 'पर्व' । मरने वाला।
-नाथ-पु० समुद्र, सागर । -निधि-पु. समुद्र । पातळपेटी-वि० [सं० पत्राल-पेट] पतले पेट वाली, कृशोदरा।। पाथर-१ देखो 'पत्थर' । २ देखो 'पथ'। पातळियो-देखो 'पतळो'।
पाथरणि, पाथरपो-देखो 'पथरणों'। पातळी-वि० [सं० पत्राल] पतली, कृशांगी, सुन्दरी । पाथरणी (बौ)-क्रि० [सं० प्रस्तरणम] १ फैलाना, बिछाना । पातली-स्त्री० मटकी, घघरी।
२ धराशायी करना, मारना । पातळो-वि० [सं० पत्राल] (स्त्री० पातळी) १ कम उपजाऊ। पाथराणी (बी)-देखो 'पथराणी' (बौ)। '२ देखो 'पतळो। ३ देखो 'पाटलो' ।
पाथरावरणो (बी)-देखो 'पथराणी (बी)'। पातसा(ह)-देखो 'बादसाह ।
पाथरी-१ देखो 'पाथरी। २ देखो 'पथारी'। पातसाई-देखो 'बादसाही'।
पाथरी-पु० [सं० प्रस्तरणम्] खेत में अनाज के कटे पौधों का पातस्याई, पातस्याही-देखो 'बादसाही'।
पाचारी-स्त्री० [सं० प्रस्तरणम्] १ गोष्ठी । २ घास की गंजी पाताळ-पु० [सं० पाताल] १ पृथ्वी के नीचे का लोक ।
___या ढेरी। २ अत्यधिक गहरा कूमा या खड्डा । ३ मात्रिक छन्दों की
पाथियो-पु० [सं० पथिक] राहगीर । मात्राओं को जानने का चक्र विशेष । -खंड-पु० पाताल
पाधिव-देखो 'पारथिव' । लोक । -गरी, गरुड, गरुडो-स्त्री० एक प्रकार की लता।
पा-१ देखो 'पात' । २ देखो 'पाथ' । ३ देखो 'पथक' । जल जमनी। -जंत्र-पु. कड़ी प्रौषधियां पिघलाने का यंत्र
पाथेय-पु० [सं०] यात्रा के समय साथ रखने की भोजन विशेष । -तुंबी-स्त्री० हाथी जिसके दांत नीचे झुके हुए
सामग्री। हो।-पति, पती-पु० शेषनाग। -सोंगी-पु० मवेशी,
पाथोज-पु० [स.] कमल । जिसके सींग नीचे की ओर झुके हों। --सिद्धि-स्त्री०
पाथोद-पु० [सं०] १ मेघ, बादल । २ समुद्र । बहत्तर कलाओं में से एक।
पायोधर-पु. [सं०] बादल, मेघ । पाताळियौ-१ देखो 'पताळियो' । २ देखो 'पाताळ'।
पायोधि, पाथोनिधि, पायोनिधी-पु० [सं०] समुद्र, सागर । पाति-देखो 'पाती।
पायोरुह-पु० [सं०] कमल । पातिक (ग, गि)-देखो 'पातक'।
पाद-पु० [सं० पर्दः, पादः] १ अपान वायु । २ पैर, चरण । पातिव्रत-देखो पतिव्रत'।
पावक-पु० [सं०] आभूषण विशेष । --वि० पादने वाला अपान पातिसा, पातिताह-देखो 'बादसाह'।
___ वायु निकालने वाला। पातमाही-देखो 'बादसाही'।
पादचारी-देखो पदचारी। पातिस्था, पातीच्या-देखो 'बादसाह'।
पाइटीका-स्त्री० [सं०] किसी ग्रंथ के पृष्ठ के नीचे दी गई पातिस्याही-देखो 'बादसाही।
टिप्पणी, फुटनोट। पाती-स्त्री० [सं० पत्री) १ तलवार । २ स्वर्णकारों का पावण-स्त्री० [स० पर्दन] १ अपानवायु निकलने की क्रिया
प्रौजार विशेष । ३ लोहे मादि की पत्ती। ४ पत्र, या दंग। पान वायके रोग वाली सी। चिट्टी। खत।
पादरणी-वि० [सं० पर्दनम्] (स्त्री० पादरणी) बिसके अपान वायु पातुर, पातुर-देखो 'पातर'।
अधिक निकलती हो। पाती-पू० [सं० पात्र] १ मिट्टी का बना बड़ा पात्र । २ स्त्रियों ] पो -क्रि० fie के कंठ का एक प्राभूषण।
___ निकलना। पात्र-पु० [सं०] १ बर्तन, भाजन । २ किसी नाटक, कहानी | पादत्र, पादत्राण-पु० [सं०] १ जूता, जूती । २ खड़ाऊ।
मादि के अभिनेता । ३ किसी पद या हक का अधिकारी | पावदाह-स्त्री० [सं०] पैरों के तलवों में होने वाली जलन । व्यक्ति । ४ देखो 'पत्र । ५ देखो 'पातर'। ६ देखो 'पात'। पाप-पु० [सं०] वृक्ष, पेड़।
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