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रठ
रठा
रठणौ (बो) - देखो 'रटणी' (बो) ।
रबड़ देखो 'राठौड़।
रठावठ स्त्री० मारकाट, मारपीट । रठीठ-वि०
० दृढ़, मजबूत ।
रठौर-देखो 'राठौड़'
रङ-१ देखो 'ढ' । २ देखो 'रड़' । रडी-देखो 'रही'
रण (बी) देखो 'र' (बो पर देखो 'रवड'
रडवडरणौ (बौ)-देखो 'रड़बडणी' ( बौ) ।
रबड-देखो 'रब' ।
रखा रानी देखो 'ढाळ' |
रठ- वि० दृढ़, मजबूत ।
रठठ स्त्री० १ भारी बोझ से लदी गाड़ी के चलने से होने वाली ध्वनि विशेष । २ तलवार । ३ कसमसाहट । ठठलौ (ब)- क्रि० १ बोझ से लदी गाड़ी के चलने से ध्वनि होना । २ कसमसाना ।
(बो)- कि० घसीटना, घोसना ।
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( ४५० )
'रडी-देखो 'रस'
री-देखो 'रो'। रड्डु-देखो 'ढ' |
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रढ़-स्त्री० १ हठ, जिद्द । २ गवं अभिमान । ३ कष्ट, संकट ४ बल, शक्ति, पौयवि० १ मान-बान बाला, स्याधि
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मानी । २ महान, बड़ा । ३ वीर, बलवान । ४ दृढ़, मजबूत । रणी ( वो) - देखो 'रडणी' (बो) ।
रक्षण रख़रांमण रख़रायण, रहराय रखरावण वि०१ दृढ़, मजबूत, अडिग । २ दृढ प्रतिज्ञ ३ बलवान, शक्तिशाली। ४ ही निही वीर बहादुर ६ दुष्ट । देवो''।
ढाळ, रढ़ाळी- वि० १ हठी, जिद्दी । २ वीर, योद्धा । ३ शक्ति शाली, बलवान । ४ दृढ प्रतिज्ञ, मान-बान वाला । रवि-१ देखो 'रही' २ देखो 'र'
रढ़ियाळो-देखो 'रहाळो' ।
रोळी-देखो 'टाळी' (स्त्री० रढ़ीजी) |
. . हा 'र'
रकरणो (बो-देखो 'राकरण' (बी)।
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रणको पु० किसी वाद्य, आभूषण प्रादि की भंकार, ध्वनि रणजय पु० सूर्यवंशी एक राजा वि० युद्ध विजयी रणताल देखी 'ताल'। र पु० [सं०] रम्) १ युद्ध, समर, जंग २ रणक्षेत्र समरभूमि, मैदान । ३ शोरगुल, श्रावाज, ध्वनि। ४ बीणा का स्वर । ५ गति, चाल । ६ स्वर का अल्पांश । ७ निर्जन वन ८ नमक की झील । ९ वीणा बजाने का गज ।
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१० ऋण कर्जा नविवृद्ध भूमि में रहने वाला। काली- वि० युद्धोन्मत्त । कोविद वि० युद्ध कला में प्रवीण । - क्षेत्र, खेत- पु० युद्ध का मैदान, रणभूमि । गहल पहल पहली वि० रोम्बसरोवि० कुशल -बकडी, बको, बांकुरो, बांकी-वि० युद्ध में प्रवीरण, कुशल वीर योद्धा | बुद्ध - वि० युद्ध में कुशल -भूमि, मोम, स्त्री० [लड़ाई का मैदान, बुद्धस्थल रिडळ, रिचळ - वि० युद्धोन्मत्त |
1-877-fa0 To युद्ध में
रणककरण - पु० राजा की सवारी के आगे बजने का एक बाजा । रक स्त्री० १ पायल की झकार नूपुर ध्वनि । २ शस्त्रों की खनक । ३ याद, स्मरण ।
रकरणी (बौ) - क्रि०१ किसी प्राभूषण या वाद्यों की खनक होना, बजना । २ शस्त्रों की छन-छनाहट होना । ३ रटने की ध्वनि होना । ४ घुंघरू बजना
राणी (ब) - क्रि० १ किसी वाद्य या प्राभूषण को बजाना, खनकाना । २ रट लगवाना । ३ शस्त्रों की प्रावाज करना । ४ घुंघरू बजवाना ।
रणकार-स्त्री० ० १ किसी वाद्य या प्राभूषरण की झन्कार, खनक । २ शस्त्रों की ध्वनि । ३ नाम जपने या रटने की ध्वनि । ४ घुंघरू की छमछम | ५ गुंजन ६ नगारे की भावाज । रणकारणी (बी) - देखो 'रणकारणो' (बो) । रकारी-देखो रणकार' |
रणकावरणौ (बी) देखो 'राणी' (ब)। ररणकाहल - पु० युद्ध का एक वाद्य विशेष । रकी-देखो 'रकार' |
रणत भंवर
राखण - प्रव्य० [सं० ररण क्षरण] युद्ध के समय । रविवार दि १ घायल २ श्लोम्मत । रखचाचरत्री० बुद्धभूमि युद्धस्थल । रणचरचा स्त्री० एक प्रकार की कला ।
रखछोड़ पु० १ श्रीकृष्ण । २ परमेश्वर । - वि० युद्ध से भागने
वाला, कायर ।
रणजीत वि० युद्ध में विजयी होने वाला ।
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रगजेब-स्त्री० एक प्रकार की तलवार ।
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रणझण, रणझरण, रणझरणकार, रणझरणरण - स्त्री० भत्कार |
मधुर झन्कार ।
रणझणणी (बौ) - क्रि० मधुर ध्वनि होना ।
रणगो० भःकृत होने वाला खिलौना या प्राभूषण रणदेखी 'राकार' ।
(बी) देखो' (बो रणण- देखो 'रणक' |
रणी (बो-देखो 'को' (बी) ।
रणत भंवर - पु० [सं० रास्तम्भपुर ] १ राजस्थान का एक ऐति हासिक नगर । २ इस नगर में बना किला ३ इस किले में स्थित गणेश की मूर्ति । ४ एक लोक गीत विशेष ।