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पचीसिका
(
१५ )
पछिलउ
पचीसिका, पचीसी-स्त्री० [सं० पच विंशति] १ पचीस वस्तुओं पछतानो-देखो 'पछतावौ' ।
का समूह । २ पचीस छन्दों का काव्य संग्रह । ३ मनुष्य | पछतापो (बी)-क्रि० [स० पश्चाताप] १ पश्चाताप करना, जीवन के प्रारभ के पचीस वर्ष ।
अफसोस करना, खेद प्रगट करना । २ रंज करना । पचीसेक-वि० [सं० पंच विंशति] पचीस के लगभग । पछताप, पछतापो, पछताव-देखो ‘पछतावौ' । पचीसी-पु० [सं० पचविंशत्] पचीस का वर्ष ।
पछतावरणो (बौ)-देखो 'पछताणी' (बो)। पचेटो, पचोटो-पु० पांच गोली का एक खेल विशेष । पछतावो-पु० [सं० पश्चाताप] किसी बात पर रंज, खेद या पचोतर, पचोतरसौ-वि० [सं० पञ्चोतर] एक सौ व पांच । ____ मनस्ताप करने की क्रिया या भाव, पश्चाताप । -पु० उक्त संख्या का अंक, १०५ ।
पछम-देखो 'पच्छिम' । -घाट= पच्छिम-घाट' । पच्चंग-पु० [सं० प्रत्यङ्ग] प्रत्यंग (जैन)।
पछमाण-वि० १ पश्चिम का, पश्चिम संबधी । २ देखो पच्चखांण (खांणी)-देखो 'पचखांण' ।
___पच्छिम'। पच्चर-देखो' फाचर'।
पछलारी-वि० १ पाखिर का, अाखिरी । २ देखो 'पाछलो' । पच्चहिमाण-देखो 'पहिचाण, ।
पछलौ-देखो 'पाछलौ' । (स्त्री० पछली) पच्ची, पच्चीकारी-स्त्री० [सं० पचिता] १ जड़ाई या जमाई | पछवारण-१ देखो 'पछमाण' । २ देखो 'पच्छिम' ।
का कार्य । २ किसी धातु के पात्र प्रादि पर दूसरी धातु की पछवा-देखो 'पिछवा' । चित्रकारी आदि ।
पछवाई-स्त्री० [सं० पश्चात] १ सेना का पिछला भाग। पच्चीस-देखो 'पचीस' ।
२ इस भाग से युद्ध करने की क्रिया । ३ पिछला भाग । पच्चीसी-देखो 'पचीसी।
४ पीछे का कार्य । ५ पश्चिम की अोर की वायु, हवा । पच्छ-१ देखो 'पक्ष' । २ देखो 'पर्छ'।
पछवाड़ो-पु० [सं० पश्चात्+वाटः] पीछे का भाग। पीछे का पच्छम-देखो 'पच्छिम'।
प्रदेश । पच्छमी-वि० १ पश्चिम का, पश्चिम संबंधी । २ देखो
पछवाह-देखो 'पछवाई। __ 'पच्छिम' ।
पछाणणी(बो)-देखो 'पहचांरगणो' (बी)। पच्छवाण-देखो ‘पछेवारण'।
| पछाड़-स्त्री० [सं० पश्चात्-प्रहार] १ उठा कर पटकने की पच्छिम-पु० [सं० पश्चिम] १ पूर्व के सामने की दिशा । क्रिया या भाव । २ सहसा गिर पड़ने की क्रिया या भाव ।
२ पृथ्वी के पश्चिमी भाग में बसे देश। -घाट-पु० बंबई ३ मूछित होकर गिरने की क्रिया या भाव । के पश्चिम की ओर की पर्वतमाला।।
पछाड़णो, (बी)-क्रि० [सं० पश्चात् प्रहार] १ वध करना, पच्छिमि-वि० [सं० पश्चिमी] पश्चिम का, पश्चिम संबंधी ।
मारना, हनन करना । २ घात करना, वार करना । पच्छी-देखो 'पक्षी'।
३ पराजित करना, हराना । ४ मारना, पीटना। ५ जमीन पच्छेवाण-वि० [सं० पश्चात्-त्वन्] पीछे का, बाद का, | या शिला पर जोर से पटकना, मारना, पाछंटना । ६ कुश्ती पीछे वाला।
में गिराना, पटकना । ७ गिराना, पटकना । ८ मात देना । पच्छोकड़ो, पच्छोकडउ, पच्छोकडो-देखो 'पछोकड़ो' ।
पछाड़ी-स्त्री० [सं० पश्चात] १ पीछे का हिस्सा या पृष्ठ भाग । पच्यासियो-देखो "पिचियासियो' ।
२ घोड़े के पिछले पांव बांधने की रस्सी। ३ पंक्ति का सबसे पच्यासो-देखो पिचियासी'।
अतिम व्यक्ति। ४ बन्दूक छोड़ते समय लगने वाला कुदे पछंटणी (बौ)-देखो 'पछटणी' (बी)।
का झटका । ५ देखो 'पछाड़। -क्रि० वि० पीछे, पीछे पछ-पु० [सं० पथ्य] १ व्रत, संकल्प, प्रण । २ त्याग । ३ देखो | की अोर । ___ 'पथ्य' । ४ देखो 'पर्छ ।
पछाड़ीवाव-स्त्री० बन्दूक छोड़ते समय लगने वाला कुन्दे का पछइ-देखो पर्छ।
झटका पछट-स्त्री० १ तलवार, खड्ग । २ प्रहार, चोट । ३ पछाड़। | पछाडणौ (बो)-देखो 'पछाड़णी (बी) । पछटणी (बौ)-क्रि० १ तेज हांकना, तेज चलाना । २ पछाड़ना,
पछाताप, पछातापौ-देखो 'पछतावो' । जोर से पटकना । ३ प्रहार करना, मारना।
पछि-क्रि० वि० पश्चात, बाद में, पीछे । पछटी, पछट्ट, पछठ-देखो 'पछट'। पछट्टरपो (बी), पछठरणी (बी)-क्रि० १ भेजना, प्रेरित करना ।
पछिमी-१ देखो 'पच्छिम' । २ देखो 'पच्छिमी' । २ देखो ‘पछटणी' (बी)।
पछिलउ, पछिलो-देखो 'पाछलौ' । (स्त्री० पछिली)।
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