________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बाखार
( १९८ )
बाघमुखी
बाखार, बाखारौ-देखो 'भखारी'।
बागहीण-वि० [सं० वाक्-हीन] १ मूक, गूगा। [सं० वल्गाबाखोट, बाखोटियो-पु० [सं० बाहुपोटलिक] हिरन का बच्चा हीन] २ बिना लगाम का, मुक्त । मृगशावक।
बागांसपूर-वि० तेजगति वाला, वेगवान । -पु. तीव्र गति वाला बाखोळी-स्त्री० बीमार या घायलों को उठाने की झोली विशेष ।। बागंबर-देखो 'बाघंबर'।
बागाइत, बागात, बागाती, बागायत-पु० [फा० बागाइत ] बाग-पु० [फा०] १ बगीचा, उद्यान, उपवन । --स्त्री० १ बाग, बगीचे, उपवन प्रादि । २ सार्वजनिक (सरकारी) [सं० वल्गा] २ घोड़े आदि की लगाम, रास । [सं० वाक्]
बगीचों की देख-भाल करने वाला विभाग । ३ बगीचा ३ वाणी, गिरा । ४ सरस्वती। ५ देखो 'वरग' । लगाने की भूमि । ६ देखो 'बाघ'।
| बागी-वि० [फा० बाग] १ बाग, बगीचा संबंधी । [अ०]
२ बगावत या विद्रोह करने वाला, विद्रोही। ३ क्रांतिकारी, बागड़-स्त्री० १ बच्चों को डराने के लिये बताया जाने वाला
राजद्रोही। ४ विरोधी, विपक्षी। ५ प्राज्ञा की अवहेलना एक काल्पनिक जतु । २ सारगी वाद्य का एक उपकरण । ३ वन बिलाव । ४ कायर व्यक्ति । ५ देखो 'बागड़' ।।
करने वाला । -पु. १ लुटेरा । २ सुरणाई वाद्य के झाबे
में बंधी रहने वाली रस्सी। ६ देखो 'बागळ' ।
बागुर-देखो 'बागर'। बागड़णी (बौ)-देखो 'वागड़णी' (बी)।
बागेलो-देखो 'बाघेलो'। बागड़वा-स्त्री० ढाढ़ी जाति की एक शाखा ।
बागेसरी, बागेसुरी, बागेस्वरी-देखो 'वागीस्वरी' । बागड़ियो-१ देखो 'वागड़ियो' । २ देखो 'वागड़।
बागोटियो-देखो 'बाखोट' । बागड़ी-देखो ‘वागड़ी'। बागड-१ देखो 'बागड़' । २ देखो 'वागड़' ।
बागोरा-स्त्री० भाट जाति की एक शाखा। बागडोर-स्त्री० [सं० वल्गा-दोर] १ लगाम, रास । २ मौरी। बागोल-पु० पशुओं द्वारा की जाने वाली जुगाली। __३ किसी कार्य का उत्तरदायित्व ।
बागोलणी (बौ)-क्रि० [सं० वोदगलनम्] पशुओं का जुगाली बागरणौ (बौ)-देखो 'बाजरणौ' (बो)।
करना। बागपकड़ाई-स्त्री० दूल्हे की घोड़ी की लगाम पकड़ने का नेग। | बागोला-पु० गडरियों द्वारा दिया जाने वाला कर। बागर-स्त्री०१ घास या चारे का चुना हा गोल ढेर । २ चारा बागा-पु०१ प्राचीन समय का एक पहनावा, अंगा । २ दुल्हे, गाह, घास-भण्डार । ३ कड़बी के पुनालों का 'पचासा' ।
दुल्हिन की पोशाक । ३ पहनावा, पोशाक । ४ बड़ा छेद । ४ ऊंट की गर्दन के बाल । ५ ऊंट की पूछ के बाल ।
५ मार्ग, रास्ता । ६ चुननदार घेरे वाला पुरुषों का एक ६ जाल, फंदा। ७ बंध्या गाय । ८ नदी किनारे की ऊंची पहनावा।
भूमि । ६ ऊंची भूमि । १० देखो'बागळ' । ११ देखो वागड़। बाघबर-पु० [सं० व्याघ्रांबर] सिंह चर्म का वस्त्र । मागरी-पु० [सं० वागुरिका] १ शिकारी, व्याध । २ देखो बाघ -पु० [सं० व्याघ्र] (स्त्री० बाघण, बाघणी) १ सिंह, शेर । "वागड़ी'।
२ दूहा नामक छन्द विशेष । बागळ-स्त्री० १ उल्लू जाति का एक पक्षी विशेष । २ चमगादड। बाघड१ देखो 'बागड़' । २ देखो 'वागड़' । बागळी-स्त्री. १ कंधे पर लटका कर पीठ पर डालने की थैली | बाघचरम-पु० [सं० व्याघ्र चर्म] सिंह की चर्म, बाघंबर।
विशेष । २ रहट की माल में बंधे जल पात्रों के नीचे का | बाघनख-पु० [सं० व्याघ्रनख] १ शेर या चीते का नख जो बच्चों हिस्सा ।
के गले में बांधा जाता है। २ एक प्रसिद्ध गंध द्रव्य । बागळी (लो)-पु०१ यात्रा में साथ ले जाने का जल-पात्र ।।
३ थूहर नामक वृक्ष या पौधा । ४ एक प्रकार का कंद । २ देखो 'बैंक' ।
५ देखो 'बाघनखो'। बागव, बागवान-पु० [फा० बागवान] १ माली, बागवान । घनखो-पु० [सं० व्याघ्रनख] शेर के पंजेनुमा स्टील का एक
२ बाग-बगीचों में पौधों की देख-भाल करने वाला व्यक्ति, नुकीला शस्त्र विशेष । कर्मचारी।
बाघभूरी-पु. केसरीसिंह। बागवांनी-स्त्री० [फा०] १ बागवान का कार्य । २ बगीचों में बाघमुखी, बाघमुखो-पु० [सं० व्याघ्रमुखं] सिंह के मुख के पेड़-पौधे लगाना, पानी देने आदि का कार्य ।
समान मुख वाली तोप । -वि. सिंह के मुख वाली/वाला ।
For Private And Personal Use Only