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बड़वामुख
पैठाना ।
बड़वामुख-पु० [सं० वडवामुख १ पाताल । २ शिव का मुख । बचत-स्त्री. १ प्रावश्यक खर्चे के बाद शेष रहने वाला प्राय का ३ बड़वाग्नि । ४ एक औषधि विशेष ।
भाग । २ बचे रहने या सुरक्षित रहने की अवस्था या भाव । बड़बालो-पु० बरगद का वृक्ष ।
___३ रक्षा, सुरक्षा । ४ किसी विपत्ति में न फंसने की अवस्था। बड़वासी-पु० [सं० वटवासी] १ यक्ष, किन्नर । २ पक्षी।
५ शेष या प्रवशिष्ट रहा भाग । ६ मुनाफा, लाभ । बडवासुत-पु० [सं० वडवासुत] अश्विनी कुमार ।
बचन-१ देखो 'वच' । २ देखो 'वचन' । बड़वा-पृ० 'बड़वा' शाखा का बही भाट ।
बचनका बचनिका-देखो 'वचनिका' । बडाको-पु. १ शस्त्र टकराने की ध्वनि । २ शस्त्र प्रहार की | बचनीय-देखो 'वचनीय' ।
ध्वनि । ३ सख्त वस्तु के टूटने या कटने की ध्वनि । बचपरण, बचपणो-देखो 'बाळपणो' । ४ देखो 'बड़को' ।
बचाडपो (बी). बचाणी (बी)-क्रि० १ दुःखद स्थिति या बड़ारणी (बो) क्रि० १ घुसाना, धसाना । २ प्रवेश कराना, विपत्ति से दूर रखना । ग्राफत में नही फंसाना । २ सुरक्षित
रखना, क्षतिग्रस्त न होने देना। ३ बुरी संगत या दुर्व्यसनों बड़ाबड, बड़ाबडि बडबडी-स्त्री० १ युद्ध । २ शस्त्र प्रहार । से दूर रखना । ४ कुकर्मों से वंचित रखना। ५ किसी के
३ शस्त्र प्रहार की ध्वनि । ५ बड़-बड़ ध्वनि । ५ महामारी प्रभाव से मुक्त रखना, निलिप्त रखना। ६ पालोचना, प्लेग । -अव्य० १ निरन्तर, लगातार । २ देखो 'बड़बड' । प्रशंसा प्रादि से वंचित रखना । ७ प्राश्रय देना, शरण देना। बडारण-देखो 'बडारण'।
८ शेष रखना, अवशिष्ट रखना । ६ नष्ट न होने देना। बडियो-पु० [सं० भातिक] १ दैनिक मजदूरी पर कार्य करने
१० बड़ी दुर्घटना या मौत से बचाना । ११ झपट में न वाला श्रमिक । २ काम का बदला काम करके चुकाने वाला
पाने देना । १२ पढ़वाना। १३ खर्च में से बचा कर कृषक । ३ देखो 'बड़ी'।
रखना। बडी-श्री० [सं० वटिका] १ मूगेड़ी, मूग की बड़ी। २ छोटा | बचाळे-देखो 'बिचै'।
मांस पिंड, बोटी। [सं०वर्ती] ३ मूज, डाभ प्रादि की बनी | बचाव-पु० १ बचाने की क्रिया या भाव। २ सुरक्षा, त्राण, रस्सी । [सं० वृत्ति] ४ काम का बदला काम से चुकाने
रक्षा । ३ छुटकारा। की क्रिया। ५ दैनिक मजदूरी । ६ दैनिक श्रम का धन । | बचावरणौ (बी)-देखो 'बचाणो' (बी)।
७ तुरंत प्रसव वाली गाय या भैंस का गर्म किया हुया दूध। बत्तियौ, वचीयौ, बचौ-देखो 'बच्चो' । बड़ीड, बडीडी-पु० १ प्रहार की ध्वनि । २ देखो 'बटीड़' ।।
बच्चक-१ देखो 'वच्चक' । २ देखो बचको'। बड़ को-देखो 'बड़को।
बच्चड़ी (डो)-१ देखो 'बच्चौ' । २ देखो 'बछड़ो'। बड़ो-पु० [सं० वटक] (स्त्री०बड़ी) १ बेसन आदि का पकौड़ा।
बच्चरणो (बी)-देखो 'बचरणो' (बी)। २ गिरासिया जाति में मृतक के पीछे किया जाने वाला
बच्चादानी-स्त्री० [फा० बच्चःदान] गर्भाशय, कोख । भोज । ३ देखो 'बडो'।
बच्ची-पु० [फा०] (स्त्री० बच्ची) १ किसी प्राणी का नवजात बच-१ देखो 'वच' । २ देखो 'वचन' ।
शिशु । २ बाल्यावस्था वाला प्राणी । ३ अबोध या नाबाबचको, बचक्क-पु० १ पांचों अंगुलियों को फैलाकर उल्टे प्याले लिग प्राणी। ४ संतान । -वि० १ नासमझ, नादान ।
जैसी बनाई हुई हाथ की मुद्रा । २ इस मुद्रा में समाने २ अनुभवहीन । लायक पदार्थ की मात्रा ।
बच्छ-१ देखो 'वत्स' । २ देखो 'वक्ष' । ३ देखो 'वत्सर' । बचणी (बी)-क्रि० [सं०] १ दुःखद स्थिति या विपत्ति से दूर | ४ देखो बछड़ो'। रहना, प्राफत में नहीं फंसना । २ सुरक्षित रहना, क्षति |
बच्छड़ो-१ देखो 'वत्स' । २ देखो 'बछड़ो' । ग्रस्त न होना । ३ बुरी संगत या दुर्व्यसनों से दूर रहना।
| बच्छर-देखो वत्सर'। ४ कुकर्म से वंचित रहना । ५ किसी के प्रभाव में न पाना, बच्छराज-देखो 'वत्सराज'। निर्लिप्त रहना ६ पालोचना, प्रशंसा आदि से वंचित बच्छळ-देखो 'वत्सळ' । रहना। ७ प्राश्रय पाना । शरण पाना । ८ शेष रहना,
| बच्छस-देखो 'वक्षस्थळ' । अवशिष्ट रहना। ९ नष्ट होने से रह जाना। १० बड़ी
बच्छो-देखो 'बच्चों'। दुर्घटना या संभावित मृत्यु की लपेट से दूर रह जाना । ११ झपट में न आना । १२ पढ़ने योग्य होना । १३ बाकी
बछ-१ देखो 'वत्स' । २ देखो 'वक्ष' । रहना।
बछक-देखो 'वत्सक'।
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