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बघार
मारना ।
बधी- देखो 'बग्धी' ।
बघार पु० [सं० भ्रज्जकार ] १ साग-सब्जी के मसाले भुनने की क्रिया २ मसाले भुनने के लिये घी या तेल गर्म करने की क्रिपा छौं, धमका ४ छौंक के लिये पीतेल आदि में डाला जाने वाला हींग, जीरा घादि पदार्थ । बधारण (ब)- क्रि० [सं० भ्रज्जकरणम् ] १ छौंक लगाना, छौंकना । २ भुनना, भुनाई करना । ३ सेखी या डींग
बघेरी - पु० [सं० व्याघ्र ] सिंह जाति का हिंसक पशु । बघेल - वि० ० १ युवा, जवान । २ देखो 'बाघेल' । बघेलखंड देखो बालखंड'
बघुर, बघूर, बघूळ, बघुल-१ देखो 'बघूळो' । २ देखो 'बक' । बळियो-१ देखो 'बळी' २ देखो 'ब'
बधूलो, बधूलो- पु० [० वर्तुलः, वातूल] १ वातचक्र, हवा का गोल चक्र । २ पवन । ३ नाश, संहार । ४ देखो 'बक' । बघेरियो बघेरियो-देखो 'बचेरी' |
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बघू -
( १६५ )
बघेल, बघेल - १ देखो 'बाघेल' । २ देखो 'बघेल' ।
बघौ - पु०१ कान के सामने का भाग, कनपटी । २ कांख, बगल । बघी - पु० १ एक प्रकार का नृत्य । २ देखो 'बग्घी' |
- देखो 'बरघू' |
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बड़ देखो 'वट' |
बड़करणt (at) - क्रि० १ फटना, दरार पड़ना, चटकना, तड़कना ।
२ वजन या दबाव के कारण, गाड़ी, छकड़े आदि से चलते चलते बटबट ध्वनि होना । ३ चलते समय मनुष्य या पशु के पैरों से चटपट ध्वनि होना।
बड़बोली- देखो 'बहकावली' |
बड़कारणी (बौ) - क्रि० १ फाड़ना, दरार पटकना, तड़काना चटकाना । २ मारना, काटना । ३ वजन या दबाव डाल कर बट बट की आवाज कराना । बड़काबोल पु० कटु शब्द
बड़काबोली- वि० (स्त्री० बड़काबोली) १ कटुवादी, कर्कशवचन कहने वाला । २ बकवाद करने वाला । बड़काव (बी) देखो 'बड़काशी' (बी)।
बड़की - g० १ क्रोध या श्रावेश में सहसा बोला जाने वाला शब्द । २ कर्कश ध्वनि या शब्द लकड़ी यादि के टूटने की ध्वनि । ४ प्रहार की ध्वनि । ५ झिड़की, झटका । बड़कोली- पु० बरगद का फल
astri (ब)- देखो 'बड़कणी' (बी) ।
बड़ग पु० [सं० व अंग] भाला ।
बड़ व पु० १ लकड़ी के प्रहार से होने वाली ध्वनि । २ लकड़ी बड़बड़ाट-स्त्री० १ बड़बड़ाने की क्रिया व ध्वनि । २ क्रोधा
टूटने की ध्वनि ।
वेश में मुंह से निकलने वाली अस्पष्ट ध्वनि । ३ व्यर्थ की बकवाद । प्रलाप । ४ तू-तू, मैं-मैं । बड़बड़ा (ब)- देखो 'बड़बड़ी' (बौ) ।
बड़बड़ी स्त्री० १ जोश, ग्रावेश । २ झुंझलाहट । ३ देखो
'बड़बड़' । ४ देखो बड़ाबड़ी' ।
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बड़गड़गो (बौ) - क्रि० तेजी से दौड़ना । बड़गांव तेजी से दौड़ते हुए डालो (बी) कि० तेजी से दौड़ाना। बड़गड़ी स्त्री० [तेज दौड़ बड़गड़ौ-पु० १ तेज दौड़, तेज गति । २ घोड़े की एक चाल विशेष |
बड़वानळरस
बड़ड़ स्त्री० [१] लकड़ी के फटने की ध्वनि २ सख्त वस्तु चवाने की ध्वनि । ३ बोझ से लदी गाड़ी के चलने पर उत्पन्न ध्वनि ।
बड़ड़ो (बौ) - क्रि० १ बड़बड़ करते हुए फटना । २ बटबट की ध्वनि करना ।
बड़ी (बोकि० १ चुसना घसना २ प्रवेश करना, पैठना । बड़बखती देखी 'बडवखती' । बड़बड़ स्त्री० [१] व्यक्त ध्वनि
२ कोध में बढ़ाने की क्रिया । ३ बकवाद, प्रलाप ४ सख्त वस्तु चबाने की ध्वनि ।
बड़बड़रौ (बौ) - क्रि० १ द्रव पदार्थ में गर्मी प्रादि के कारण बुद-बुदे उठना, विकृत होना। २ घावों से खून बुदबुदाना । ३ किन्वन के कारण पदार्थों में गैस उत्पन्न होना । ४ क्रोध में बड़बड़ाना । ५ मस्ती में गुनगुनाना । ६ प्रलाप या बकवाद करना । ७ विलाप करना ।
बड़बड़ देखा 'बड़बड़' ।
बड़भाग- देखो 'बडभाग' । बड़भागी - देखो 'बडभागी' । बडलो बस्यौ देखो 'वट'
बड़वा स्त्री० [सं० वडवा ] १ घोड़ी । २ बही भाटों की एक शाखा । ३ अश्विनी नक्षत्र । ४ सूर्य की स्त्री प्रश्विनी नामक अप्सरा । ५ दासी, परिचायिका । ६ रंडी, वेश्या ७ देखो 'बड़वानळ' ।
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बड़वागन, बड़वाग, बड़वागन, बडवागनी, बड़वागि, बड़वाग्नि, बड़वानळ - स्त्री० [सं० वडवाग्नि, वडवानल] समुद्र के भीतर की प्राग, ताप |
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बडवाळ चूरल० [सं० वडवानलपूर्ण] सजीनाशक एवं क्षुधावर्धक एक चूर्णं ।
बड़वानळरस पु० एक प्रौषधि विशेष ।