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बंक्वीर
( १५७ )
बंधरण
बंदवीर-वि० जिसकी वंदना की जाय, बंदनीय ।
बंदोबस्त-पु० [फा०] १ इंतजाम, प्रबंध, व्यवस्था । २ कृषि बंदवी-देखो 'बंधु' ।
भूमि की नपाई का कार्य । ३ कृषि भूमि पर कर निर्धारित बवसाळ-स्त्री० [सं० बंध-शाला] बंदीगृह, जेल ।
करने वाला विभाग । बंदारण-देखो 'बंधारण'।
बंदोर-पु. कैदी। बंदांणी-देखो 'बंधांणी'।
बंदोरी-देखो 'बंदोळो' । बंदारणो(बी)-१ देखो 'वंदाणौ' (बी)। २ देखो 'बंधारणी' (बी)। बंदोळी-स्त्री० [स. वंदवल्ली] विवाह के पहले दिन की संध्या बंदारक-देखो 'वदारक'।
___ को होने वाला उत्सव या कार्यक्रम विशेष । बंदारा-स्त्री० रंगाई का कार्य करने वाली एक जाति । नंदोळी-पु० विवाह के पूर्व वाले दिनों में इष्ट-मित्र या सगे बंदारौ-पु० उक्त जाति का रंगरेज ।
- संबंधियों द्वारा दूल्हे या दुल्हिन को दिया जाने वाला भोज । बंदावरणी(बी)-१देखो बंधाणी' (बौ) । २ देखो'वंदाणी' (बी)। बदोपस्त-देखो 'बंदोबस्त'। बंदि-देखी 'बंदी'।
बंदी-पु० [फा० बंद] (स्त्री० बंदी) १ सेवक, दास । २ नौकर, बंदिग्रण, बंदिप्राण-देखो 'बंदीजण' ।
अनुचर । ३ भक्त । ४ कृपा पात्र । ५ स्वयं के लिए एक बंदिखांनौ-देखो 'बंदीखांनौ' ।
सम्बोधन, एक शब्द । ६ देखो 'बांध' । विजण, बंदियण, बदियांण-देखो 'बंदीजण' ।
बंदी-देखो 'बंदी'। बंदिरण, बंदिन-पु० [सं० वंदिन] १ बन्दीजन, भाट । २ कैदी। बंद्रवाळय-देखो 'बांदरमाळ' । ३ देखो 'वंदन'।
बंध-पु० [सं० बंधः] १ बांधने की क्रिया, भाव या ढंग । बंदिवस-स्त्री० [फा० बंदिश] १ बांधने की क्रिया या भाव । २ बंधन । ३ डोरी, रस्सी, जजीर। ४ फीता, कस्सा, २ बधन रुकावट ।।
डोरा । ५ गांठ, ग्रंथि । ६ कैद । ७ लगाव, फंसाव । बंदी-पु० [सं० वंदिन] १ बंदीजन, भाट । २ कैदी। ८ संबंध, मेल । ६ प्राड, रोक, रक्षा, सहारा । १० मर्यादा, ३ नियमित चलने वाला कार्य । ४ देखो 'बांदी' ।
सीमा । ११ तट, किनारा। १२ चौखट । १३ लकड़ी बंदीप्रण, बंदीआंण-देखो 'बंदीजण'।
प्रादि के सिरे पर मजबूती के लिये लगाया जाने वाला बंदीखांनो-पु० [फा० बंदीखांन] कैदखाना, बंदीगृह ।
धातु का गोल छल्ला । १४ युद्ध के नियम, कलाएँ बदीगी- देखो 'बंदगी'।
१५ शरीर । १६ शरीर का गठन । १७ लगान, कर, टेक्स । बंदीघर-पु० [फा० बंदी+सं० गृह] कैद खाना, कारावास । १८ जाल । १९ संकट । २० संग्राम। २१ अस्त्र-शस्त्र । बंदीजण,बंदीजन,बंदीयण-पु० [सं०वन्दिन्+जन] १ विरुदावली २२ जोड़, जुड़ाई । २३ बनावट, रचना। २४ प्रबन्ध पढ़ने वाला भाट । २ याचक ।
काव्य रचना । २५ काव्य-छंद का एक भेद । २६ चित्र बंदीवान-पु० [सं० बंदी+वत्] १ कैदी। २ याचक । ३ भाट काव्य में छंद रचना । २७ मैथुन संबंधी एक आसन । बंदीजन।
२८ योग साधना की कोई मुद्रा । २९ साहित्य में निबंध बंदुकची-देखो 'बंदूकची'।
प्रादि की रचना । ३० किसी जलाशय का बांध । ३१ परिबंदुबस्त-देखो 'बंदोबस्त'।
माण या महत्ता सूचक एक प्रत्यय शब्द । ३२ मलबंधी, बदूक, बंदूकड़ी-स्त्री० [अ०] नलीदार अस्त्र (यंत्र) जिसमें कब्जियत । ३३ परिणाम, हल, नतीजा। ३४ परिस्थिति ____ गोली और बारूद भर कर छोड़ा जाता है।
अवस्था । ३५ जिसके द्वारा कर्म और आत्मा क्षीर-नीर बंदूकची-पु० [अ० बंदूक+तु० ची] १ बंदूक चलाने वाला की तरह एक हो । ३६ सम्प्रदाय सूचक शब्द । ३७ बहत्तर
व्यक्ति, योद्धा। २ बंदूक की सफाई करने वाला व्यक्ति । कलामों में से एक । ३८ देखो 'बधु' । ३९ देखो 'बद' । ३ बंदूक बनाने वाला लोहार ।
४० देखो 'बांध'। बंदूकिया-स्त्री० बंदूक बनाने का व्यवसाय करने वाली जाति ।
है |बंधक-वि० [सं०] १ बांधने वाला । २ पकड़ने वाला । ३ तोड़ने,
भंग करने वाला। -पु०१ कैद । २ कैदी। ३ रेहन रखी बंदूकियो-पु० उक्त जाति का व्यक्ति ।
जाने वाली वस्तु । ४ धरोहर । ५ पट्टी । ६ बांध । बंदूख-देखो 'बंदूक'।
बंधक, बंधकी-स्त्री० [सं०] १ बदचलन या व्यभिचारिणी बंदेज-देखो 'बंधेज'।
___ स्त्री। २ वेश्या, रंडी । ३ देखो 'बंधक' । बंदोकड़ी, बंदोखड़ी, बंदोगड़ी-स्त्री०१ बंधन । २ रुकावट । | बंधकुस्ट-पु० कब्जियत, कोष्ठ बद्धता । ३ अटकाव । ४ नियंत्रण, कैद ।
| बधण-पु० १ खड्ग, तलवार । २ देखो 'बंधन'।
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