________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पक्षवरदिनी
पगड़
पक्षवरबिनो-स्त्री० [सं०] एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय पर्यन्त | पखा-क्रि०वि० [स०पक्ष] १ ओर, तरफ । २ देखो 'पखावज' । __ रहने वाली द्वादशी ।
पखाउज-देखो 'पखावज'। -कार-'पखावजकार'। पक्षाघात-पु० [सं० पक्षाघात] शरीर का भाग बेकार कर देने | पखाउजि (जी)-देखो 'पखावजी'। वाला वात रोग।
| पखाघात-देखो 'पक्षाघात' । पक्षितीरथ-पु० [सं० पक्षितीर्थ] दक्षिण भारत की एक नदी। पखाचळ-वि० [सं० पक्ष + अचल] पक्ष को दृढ़ करने वाला। पक्षियो-पु० [सं० पक्षी] पक्षी, पंखेरू।
पखापखि, पखापखी-देखो 'पक्षपात' । पक्षिराज-पु० [सं०] १ गरुड़ । २ जटायु।
पखापत-वि० पक्ष करने या लेने वाला, पक्षपाती। पक्षी-वि० [सं० पक्षिन्] १ पंखो वाला, परों वाला । २ पक्षों | पखारणो (बो)-देखो 'पखाळणी' (बो)।
वाला । ३ पक्ष सम्पन्न । -पु०१ पंखों वाला प्राणी, पंछी, | पखाळ-पु० [सं० प्रक्षालनम्] १ स्नान, मज्जन । २ विरेचन, चिडियादि। २ मध्य ह्रस्व की मात्रा का माम। -राज-पु०
पु० जुलाब। गरुड़, जटायु ।
पखाल-स्त्री० ऊंट या मैंसे पर लाद कर, पानी ढोने की चमड़े पख-देखो 'पक्ष' ।
की बड़ी मश्क, थैली। पखग्रंधियार-देखो 'अंधारोपख' ।।
पखाळणी (बौ)-क्रि० [सं० प्रक्षालनम्] १ बोना। २ धोकर पखइ, पखई-१ देखो 'पखं' । २ देखो 'पक्ष' ।
साफ करना । ३ स्नान करना । पखउ-१ देखो 'पक्ष' । २ देखो 'पखं'।
पखाळव-स्त्री० विचार-विमर्श । पखस्न-देखो 'क्रसरणपख'।
पखाळियौ, पखाळी-पु० १ 'पखाल' से पानी ढोने वाला पखघात-देखो 'पक्षाघात' ।
भिश्ती। २ पखाल' ढोने वाला पशु । पखरणपती-पु० [सं० पक्षिपति गरुड़ ।।
पखावज-पु० [सं० पक्ष + वाद्य] मृदंग से कुछ छोटा एक पखणी-स्त्री० [सं० पक्षिणी) १ रात्रि, निशा । २ मादा पक्षी। वाद्य। पखतरणि-पु० [सं० पक्ष तरणि] शुक्ल पक्ष ।
पखावजी-पु० [स० पक्षवाद्य] पखावज बजाने वाला। पखतूट-पु० [सं० पक्ष-त्रुटि] काव्य संबंधी एक दोष । पखि, पखी-वि० १ हितैषी, शुभेच्छु । २ समर्थक, पक्ष करने पखपाडो-पु० [सं० पक्षपत्] हीरे का एक दोष ।
वाला। ३ सहायक मददगार । ४ रक्षक, रक्षा करने वाला। पखपात-देखो 'पक्षपात' ।
५ पक्षपात करने वाला। -पु. १ मित्र, दोस्त । २ बगल पखर-देखो 'पाखर' ।
पाव । ३ बढ़ई का एक प्रौजार । ४ देखो 'पक्ष' । पखरणी (बी)-देखो 'पाखरणो' (बी)।
-क्रि०वि० पोर, तरफ। पखरण-देखो 'पाखर'।
पखीई, पखीइ (ई)-देखो 'पखं'। पखराणो (बी)-क्रि० हाथी व घोड़े को झूल या कवच धारण | पखोरणी-वि० [सं० पक्षिन्] (स्त्री० पखीणी) पक्ष का, पक्ष कराना।
संबधी। पखराळ-पु. १ पाखर से सज्जित घोड़ा या हाथी । २ घोड़ा। पख-देखो 'पखी'। ३ देखो 'पाखर'।
पखे, पखं पढ़-क्रि० वि० [सं० पक्ष, पक्षास्मिन्] १ मोर, पखराळो-वि० [सं०प्रख र] (स्त्री०पखराळी) १ पाखर संबंधी । तरफ । २ सिवा, अतिरिक्त । बनिस्पत, अपेक्षा । ३ बिना, २ पाखर युक्त । ३ देखो 'पख राळ' ।
प्रभाव में। पखराव-देखो 'पक्षिराज'।
पखंत-वि० पक्ष वाला। पखरावणो (बो)-देखो 'पखराणी' (बो) ।
पक्षपार-वि० प्रसीम, अपार। पखरेत, पखरत-वि० [सं०प्रखरेतस्] कवचधारी -पु. १ योद्धा, पखोळणी (बी)-देखो 'पखाळणी' (बो)। वीर । २ घोड़ा।
पखौ, परव-देखो 'पक्ष'। पखवाड़ो, पखवारौ-पु० [सं० पक्ष-पाटक] १ चन्द्र मास का ..
पग-पु० [सं० पदक] १ प्राणियों के शरीर का प्रमुख अंग कोई पक्ष । २ पन्द्रह दिन का समय ।
जिनसे चलने-फिरने की क्रिया होती है । २ उक्त अंग का पखवासउ-पु० [सं० पक्ष-वास] एक पक्ष की अवधि ।
चिह्न जो चलने फिरने से बनता है। ३ पद । ४ किसी पखाल-देखो 'पासाण' । -भेद = 'पासांणभेद' ।
वस्तु या उपकरण का पाया। ५ कदम । पखांणी-देखो 'पासणी'।
| पगड़-१ देखो 'पग' । २ देखो 'पाग'।
For Private And Personal Use Only