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फेरावी
( १५२ )
फलणी
२३ पड़े हुए को दुहरवाना । २४ मुह को सामने न ११ उठा कर पटक देना । १२ उछाल देना। १३ सहसा रखवाना । २५ देखो 'फिराणो' (बौ)।
कोई भावना छोड़ देना। फेरादी-देखो 'फरियादी'।
फैटौ-पु० १ सिर पर बांधने का साफा । पगड़ी। २ बैलों के फेराफेरी-देखो 'फेरफार'।
शगार निमित्त सींगों पर बांधी जाने वाली रंगीन फेराबाज-देखो 'फेरवाज'।
रस्सी । फेरावरणौ (बी)-देखो 'फेराणी' (बी)।
फैरण-पु० [सं० फेण] किसी तरल पदार्थ पर पाने वाले झाग । फेरासारी-देखो 'फेरफार'।
बुदबुदे । फेरि-१ देखो 'फेर' । २ देखो 'फेरी।
फैतकार, फैतकारी, फत्कार-१ देखो 'फेतकार' । २ देखो फेरिय-पु० धतूरा।
_ 'फूतकार'। फेरिस्त-देखो 'फैरिस्त'।
फेफड़ो-पु० [सं० फुप्फुम] प्राणियों की छाती के नीचे होने फेरी-स्त्री० [देश॰] १ परिक्रमा, प्रदक्षिणा । २ भिक्षाटन के | वाला धोंकनी जैसा अवयव, जिससे श्वास क्रिया होती है।
लिये फिरने की क्रिया । ३ सूर्योदय से पूर्व हरिकीर्तन करते | -पु०१ साख । २ लाल । ३ फूल । ४ वसंत ऋतु । हुए नगर भ्रमण । ४ सौदा बेचने के लिये गांव-गांव, गली फैकरणौ (बी)-क्रि० १ करुणा करके रोना, करुण क्रन्दन गली फिरने की क्रिया। ५ चक्कर, फेर। -वाळी-वि० | करना । २ इतराना। उक्त प्रकार से फेरी देने वाला।
फैज-पु० [अ०] १ फायदा लाभ । २ परोपकार, हित । ३ दानफेर, फेल-क्रि०वि०फिर, पुनः, दुबारा, और। -वि०१ फिराने | ‘शीलता। ४ यश, कीर्ति ।
वाला, घुमाने वाला । २ पशुओं को चाल सिखाने वाला। फैटौ-१ देखो 'फैटौ' । २ देखो 'फेट'। ३ देखो 'फेटो'। फेरी-पु० १ चक्कर । २ घुमाव, फिराव । ३ बार-बार घूमना | फेरण-देखो ‘फैण'।
क्रिया । ४ विवाह के समय होने वाली भांवरी, फेरा । | फैतकार, फत्कार-१ देखो ‘फेतकार'। २ देखो 'फत्कार'। अग्नि परिक्रमा । ५ किसी के चारों ओर फिरने की क्रिया। फैन-वि० पाखण्डी, ढोंगी। -पु. १ विद्युत चलित पंखा। ६ कहीं पर बार-बार जाना क्रिया । ७ जन्म-मरण, आवा
२ देखो 'फेरण' । गमन । ८ फरक, अन्तर । ९ बार, दफा। १० समय । | फेफड़ो-देखो 'फेफड़ो'। ११ शौच निवृत्ति क्रिया।
फैम-देखो 'फहम'। फेसरणी (बो)-क्रि० [सं० पिष्ट] १ रगड़ के साथ महीन पीसना, । फै'मदार-वि० [फा० फहम-दार] बुद्धिमान, चतुर ।
महीन चूर्ण बना देना । २ तोड़ना, फोड़ना। ३ पेसना। फंयाज-वि० [अ०] उदार, दातार । फेसाणी (बो), फेसावणी (बी)-क्रि० १ रगड़ के साथ महीन
फैरिस्त-स्त्री० [अ० फेहरिस्त] १ सूची-पत्र । २ बीजक । पिसवाना, महीन चूर्ण बनवाना। २ तोड़ाना, फोड़ाना ।। ३ सूची। ३ पेसाना।
फैरु (क)-देखो ‘फेरू"। फेहरिस्त-देखो 'फैरिस्त'।
फैल-पु० [अ० फे'ल] १ उत्पात,उपद्रव, बदमाशी। २ ढोंग पाखंड ।
३ अव्यवस्था, गड़बड़ी । ४ असाधारण व्यवहार, चाल फै-वि० १ उन्मत्त, मस्त । २ तेज वायु की ध्वनि ।
चलन । ५ अनावश्यक क्रियाएँ। ६ हल्का नशा । ७ बच्चों, फैक-स्त्री. १ फेंकना क्रिया या भाव । २ फेंकने की क्षमता ।
स्त्रियों का दुराग्रह, हठ । ८ फैलने की क्रिया या दशा। __ ३ असत्य या अतिरंजित बात । ४ सारहीन बात ।
-वि० [अं०] असफल, अनुत्तीर्ण । फैकरणी (बो)-क्रि० [सं० प्रक्षेपणम् १ हाथ या किसी उप- | फलणौ (बी)-क्रि० [सं० प्रसरणम] १ विस्तत होना, लंबाई करण की सहायता से कोई वस्तु दूर तक समानान्तर या
चौड़ाई के हिसाब से विस्तार पाना । २ स्थूल या मोटा ऊपर उछाल देना, फेंक देना, चला देना । २ कोई वस्तु
होना । ३ प्रावृत्त होना, छा जाना । ४ पनपना, पसरना । झटके के साथ इधर-उधर रखना, हटाना । ३ इधर-उधर ५ बिखरना, छितरा जाना । ६ संख्या में वृद्धि होना । डाल देना, कहीं रख देना। ४ लापरवाही से कोई वस्तु कहीं
७ प्राकार-प्रकार के अनुसार अभिवृद्धि होना । ८ प्रचलित डाल देना। ५ वार या आघात की दृष्टि से कोई वस्तु होना । ९ प्रसिद्ध होना । १. प्रसारित होना। ११ प्रकाचलाना, फेंकना, उछालना । ६ त्याज्य वस्तुओं को बाहर शित होना । १२ व्यापक होना । १३ कार्य क्षेत्र की सीमा डाल देना । ७ दृष्टि चलाना, नजर फेंकना । ८ अपव्यय बढ़ना । १४ प्रकट होना । १५ स्फीति होना । १६ विज्ञा करना । ९ जूए का पाशा चलाना । १० हाथ-पांव पटकना।। पित होना, जानकारी में आना।
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