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फूठरी
। १४९ )
फूलधार
फूठरी-देखो 'फूटरौ' ।
अड मा । -प्रांत-स्त्री० पशुओं की स्थूलांत्र जिसमें मल फूढीयो-पु. १ वृक्ष विशेष । २ देखो 'फूड़ियो' ।
रहता है । -कारी-स्त्री० फूलों जैसी चित्रकारी । फणी-पु० १ एक प्रकार का शाक विशेष । २ देखो 'फुरणी' । -~-गोभी-स्त्री० गोभी का फूल । -सड़ी-स्त्री० पुष्प फूतकार-स्त्री. १ लोमड़ी, गीदड़, वानर आदि जानवरों के वर्षा । -दान-पु० फूल सजाने का काच, मिट्टी या धातु मुह की फें-फे ध्वनि । २ देखो 'फूंकार' ।
निर्मित पात्र. देवताओं के समक्ष फूल रखने का पात्र । फूतकारणौ (बी)-क्रि० १ लोमड़ी, गीदड़ आदि का फें-फें --माळ, माळा, माला-स्त्री० फूलों का हार । हड्डियों बोलना । २ देखो ‘फूकारणो' (बौ)।
की माला । एक जाति विशेष का घोड़ा। -माळी-पु. फूलकारौ. फूत्कार, फूत्रकार-देखो 'फूतकार'।
फूलों का बगीचा लगाने व फूल बेचने वाला माली, बागवान । फूडो-देखो 'पूगड़ो'।
-रज-पु० पुष्प पराग । -हटी-स्त्री० फूलों की दुकान । फूदडी-स्त्री० पंखुरी।
फूलमण्डी। बाजार । फूबडौ-देखो 'पूगड़ों'।
फूलगार-पु० १ एक प्रकार का वस्त्र विशेष । २ देखो 'फुनगार'। फ्धेडी ढी)-स्त्री० १ शाक या वनस्पती विशेष । २ वृक्ष विशेष ।। फूलगूधर-पु० शीश पर गूथा जाने वाला एक रजत का आभूषण फूनी-स्त्री० १ तितली । २ बच्चों की लिंगेन्द्रिय ।
विशेष । फूफस-स्त्री० पति या पत्नी को बूमा । बूमा सास । फूलड़ी-स्त्री० १ बिवाई । २ देखो 'फूल' । ३ देखो 'फूली' । फूफसरौ-पु० पति या पत्नी का फूफा ।
फूलडो-देखो 'फूल'। फूफाडो-देखो 'फूफाड़ी'।
फूलझड़ी-स्त्री. १ एक प्रकार की प्रातिशबाजी । २ मस्ते फफी-देखो 'फूफी'।
हाथी को वश में करने का आतिशबाजी का एक उपकरण । फफूकार-स्त्री० ध्वनि या शब्द विशेष ।
३ झगड़ा या विवाद वाली बात । ४ पुष्प वर्षा, झड़ी। फूफौ-देखो 'फूफी' (स्त्री० फूफी)।
५ फलों की कतार । फूबड़ौ-देखो 'पूगड़ौ'।
फूलभूमको-पु०१ स्त्रियों का प्राभूषण विशेष । २ फूलों का
गुच्छा । फूभदौ, कूमदो-देखो 'फू बदौ' ।
फूलडोल, फूलडोल-पु. १ चैत्र शुक्ला एकादशी को मनाया जाने फूरकरणी-स्त्री० हल्का सा दर्द, चरमराहट ।
वाला एक उत्सव । २ होली के अगले दिन 'खेड़ापा' ग्राम फूरकणी (बी)-देखो 'फुरकरणो' (बो)।
में लगने वाला रामस्नेहियों का एक मेला। फुल-वि० [सं० फुल्ल] १ तुलनात्मक दृष्टि से हल्का, फारिक। फलण-स्त्री. १ वर्षा ऋतु में प्रायः खाद्य पदार्थों पर जमने वाली
२ खुश । ३ नाजुक कोमल । -पु०१ पेड़, पौधों व | सफेद फफूदी । २ शरीर पर पसीने से जमने वाली सफेद बनस्पतियों के लगने वाला पुष्प, कुसुम । २ फूल के प्राकार धारियां, धब्बे । ३ पिंगल प्रकाश के अनुसार एक छन्द । का आभूषण । ३ फूल जैसी चित्रकारी। ४ भट्टी. से प्रथम | ४ फूलने की क्रिया या गुण । बार निकला हुआ हल्के नशे का शराब । ५ हल्का नशा ।।
फुलणौ (बी)-क्रि० १ फूलों से युक्त होना । २ प्रफुल्लित होना, ६ बलि पशु का रक्त। ७ मृतक की अस्थियां । [सं० स्फुलिंग]
खिलना, विकसित होना । ३ खुश होना प्रानन्दित होना । ८ अग्निकरण, चिनगारी। ९ आतिशबाजी की चिनगारी।।
४ सम्पन्न होना । ५ हवा, गैस या पानी प्रादि भरने से १० दो वस्तुओं के संघर्षण से निकलने वाली चिनगारी ।
गेंद या गुब्बारे की तरह उभरना, मोटा होना, फूलना । ११ चिराग-बत्ती पर पड़े हुए गोल दाने । १२ चिराग का
६ सूजन या वर्म पाना । ७ स्थूल काय होना, मोटियाना । वह भाग जिसमें बत्ती रहती है । १३ पशुओं की स्थूलान्त्र ।
८ गर्व करना, अभिमान करना । ९ सूर्यास्त के उपरांत १४ तलवार । १५ पितरों या देवताओं के नाम पर बने, गले
रक्तिम प्राभा का छाना । १० उभार होना । ११ शीलन में पहनने के प्राभूषण । १६ हड्डी । १७ गर्भाशय ।
से लकडो प्रादि का बढ़ना। १८ शरीर पर पड़ने वाला कुष्ट रोग का धब्बा । १६ चेचक के व्रण, दाने । २० स्त्रियों के मासिक धर्म का रज ।
फूलता-पु. एक शस्त्र विशेष । २१ तांबे व रांगे का एक मिश्र धातु । २२ मथानी के प्रागे | फूलद-पु० [सं० फूल्ल+द] वृक्ष, पेड़ । का फूल जैसा भाग । २३ कागज की फूल पत्ती । २४ धातु फूलधार, फूलधारा, फूलब्धरा-पु० [सं० फुल्लधार] १ तलवार । के बने फूल या नारे । २५ तलवार की मूठ का एक भाग । २ तलवार की धार । ३ देवता के लिये बलि पशु के रक्त २६ पानी का बुलबुला । -परडूनो-पु. एक पौधा विशेष।। की धारा । २ फूल जाति की शराब की धारा।
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