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फड़फड़
फटको
फड़फड़-पु० ध्वनि विशेष ।
१ तुरंत, शीघ्र, झट-पट । २ देखो 'फिट'। फड़फड़णी (बी)-क्रि०१प्रातुर, व्यग्र, बेचैन होना। २ घबराना। | फटक-देखो 'स्फटिक'।
३ ध्वनि होना । ४ उद्वेलित होना । ५ पक्षियों के पर व । फटकड़ी-देखो 'फिटकड़ी' । पशुपों कानों से झटका लगने पर ध्वनि होना।
फटकड़ो-पु. [देश॰] वस्त्र विशेष । फड़फड़ारणी (बौ), फड़फड़ावणो (बौ)-क्रि० १ पक्षियों द्वारा फटकण-स्त्री० १ सूप से अनाज साफ करने पर निकला कचरा ।
पर व पशुओं द्वारा कानों को जोर से हिलाना। २ अातुर २ फटकने की क्रिया या भाव ।
या व्यग्र करना । ३ उद्वेलित करना । ४ ध्वनि करना। फटकरणी (बी)-क्रि० १ फट-फट शब्द करना। २ अस्त्र-शस्त्र फड़कड़ी-स्त्री० १ झुझनाहट । २ हिम्मत, साहस, जोश । आदि चलाना, फेंकना। ३ पटकना, गिराना। ४ रुई को
३ उद्घलन । ४ जोर से झटका देने की क्रिया, फटकार । धुनकी पर धुनना । ५ लावारी में हाथ पांव पटकना, फड़मल-पु० फोग नामक झाड़ी का फूल ।
फटकना । ६ किसी को बुरा-भला कहना । ७ सूप में लेकर फड़वड़ा-स्त्री० घोड़े की तेज चाल व इससे उत्पन्न ध्वनि ।
अनाज साफ करना । ८ कपड़े को झटका लगाना । फड़वडाणी (बो)-क्रि० १ घोड़े को तेज दौड़ाना। २ देखो ९प्राना, हाजर होना । 'फड़फड़ाणी' (बौ)।
फटकमण, फटकमणी, फटकमिणी-देखो 'स्फटिकमणि' । फड़हड़-देखो 'फड़हड़ाट' ।
फटकाणी (बी)-क्रि० १ फट-फट शब्द करना। २ अस्त्र-शस्त्र फडहाणी (बी)-क्रि० १ पशुनों की तेज चाल से नाक से आदि चलवाना, फेंकाना । ३ पटकाना, गिरवाना । आवाज होना। २ देखो 'फड़फड़णो' (बी)।
४ रुई को धुनकी से धुनवाना। ५ सूप से अनाज आदि फड़ाफड़-देखो 'फटाफट'।
साफ कराना । ६ वस्त्र के झटका लगवा कर साफ कराना। फड़ियो-पु. अनाज का फुटकर व्यापारी ।
७ बुरा-भला कहाना, फटकार लगवाना । फड़ी-स्त्री० १ लगातार मारने की ध्वनि । २ ऊंट के पैर के | फटकामिण-देखो 'स्फटिकमणि' ।
नीचे का भाग । ३ ऊंट के पैर का प्रहार । ४ उक्त | फटकार-पु० [सं० फट् + कारः] १.४९ क्षेत्रपालों में से एक । प्रहार की ध्वनि ।
२ प्रताड़ना, डांट, झिड़की, बुरा-भला कहना, भर्त्सना । फड़ स-पु० 'भुरट' घास के दाने।
धमकी। ३ मार्मिक प्राघात । ४ शाप, बदुप्रा । ५ प्रहार, फडौ-पु. ऊंट के चारों पैरों से कूदने की क्रिया।
प्राघात । ६ कोप दृष्टि । ७ प्रभाव, असर । ८ पक्षियों के फचर, फचराक, फच्चर-देखो 'फा चर'।
परों की फड़फड़ाहट । ९ झटका, धक्का । फजर, फजराट-स्त्री० [अ० फज्र] १ प्रात:काल, सवेरा। फटकारणी (बौ)-क्रि० १ शाप देना, बदुवा देना।२ प्राघात, २ सवेरे की नमाज ।
प्रहार या चोट करना। ३ झाड़ना, झटकना। ४ पटकना, फजल-स्त्री० [अ० फज्ल] १ खैरियत, शांति, सुख-चैन पछाड़ना। ५ उपार्जन करना, कमाना । ६ डाट-डपट २ कृपा, दया। -पु० ३ बुजुर्ग ।
करना, धमकाना । ७ सीख या शिक्षा देना । ८ झटका फजीत, फजीतवाडौं, फजीती, फजीती-देखो 'फजीहत'।
देना। ६ झटका देकर दूर फेंक देना। १० रोष प्रकट फजीलत, फलीलस-पु० [अ० फजीलत] १ श्रेष्ठता, उत्तमता । करना । ११ झटके के साथ तेजी से जाना। २ इज्जत, प्रतिष्ठा ।
फटकारियो-पु० एक ही नाली से सींचित होने वाले क्यारों में से फजीहत, फजीहती-स्त्री० [अ०] १ दुर्गति, दुर्दशा । २ बदनामी । अंतिम क्यारा। फजुली-देखो 'फजूल'।
फटकारे-क्रि० वि० शीघ्रता से, त्वरित गति से । तुरंत । अ० फजूल] १ जिसकी जरूरत, आवश्यकता न हो, | फटकारौ-पु० १ झटका । २ झौंका, झपट्टा । ३ शाप, बद्दुना। व्यर्थ, निरर्थक । २ जो आवश्यकता से अधिक हो, ४ धिक्कार, लानत । ५ फटकार, धमकी । ६ झड़ी। अतिरिक्त । ३ निकम्मा। ४ बेमतलब का। -खरच- ७ आघात, टक्कर, प्रहार । ८ फट-फट ध्वनि । पु० अपव्यय । -खरची-वि० अपव्ययी । -स्त्री० ९ फड़फड़ाहट । १० शीघ्रता, सत्वरता। ११ झाड़ पौंछ अपव्यय की दशा, अवस्था ।
करने की क्रिया : सफाई। फजूली-देखो 'फजूल'।
फटकावणौ (बौ)-देखो 'फटकाणी' (बौ)। फज्जर-देखो ‘फजर'।
फटकिमणी-देखो 'स्फटिकमणि' । फट-स्त्री० [सं०] १ एक तांत्रिक मंत्र । २ वायु या गैस भरी फटको-पु. १ झटका । २ फट-फट ध्वनि । ३ साफ-सफाई
वस्तु फूटने की आवाज । --वि० सफेद, स्वच्छ । -क्रि०वि० करने की क्रिया ।
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