________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
फंसारगौ
www.kobatirth.org
( १३१ )
सकना । ६ किसी धोखे, जाल या षड़यंत्र में पड़ जाना, छलना में पड़ना । ७ वशीभूत या अधीन होना । ८ तीक्ष्ण वस्तु का किसी धन्य वस्तु में घुस जाना कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु में घुस कर अटक जाना। १० पर स्त्री प्रसंग में पड़ जाना । ११ पाश या फंदे में फंस जाना । १२ पशु-पक्षियों का शिकारी के जाल में पड़ जाना । १६ तांत्रिक या किसी चमत्कारिक प्रभाव में आना । फंसाणी (बी), फसावणी (यो) क्रि० १ बंधन में पटकना, बंधन के वशीभूत करना। २ आाजाद या मुक्त न रहने देना । ३ उलझन या परेशानी में डालना । ४ सांसारिक प्रपंचों में उलझाना । ५ किसी कार्य में अत्यधिक उलझा देना | ६ धोखे या षड़यंत्र में उलझाना । ७ वशीभूत या प्रधीन करना । ८ तीक्ष्ण वस्तु को किसी अन्य वस्तु में घुसा देना । E कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु में घुसा कर अटका देना । १० पर स्त्री प्रसंग में पटकना । ११ पशु-पक्षियों को शिकारी के जाल में फंसाना । १२ पाश या फंदे में डाल देना । १३ तांत्रिक या किसी चमत्कारिक प्रभाव में लेना । फ-पु० १ पाप २ भाग, फेन। ३ पुण्य । ४ माघ महिना । ५ ध्वनि । ६ प्रांधी, प्रधड़, तूफान । ७ वर्षा । ८ भय । रक्षा । १० निष्टा । ११ बुद्धि । १२ वारणी । १३ प्रसन्नता । फड़, कईड़ौ पु० हाथ या जूते का प्राघात व इस प्राघात की ध्वनि ।
फउज - देखो 'फौज' | फरणी (ब)- देखो 'फेरणी'
(बी) ।
वि० [सं०] स्फटिक ] १ श्वेत शुभ्र २ स्वच्छ, साफ स्त्री० [ श्र० फक] १ भय, लज्जा, आश्चर्य आदि के कारण चेहरे पर होने वाले उदासी के चिह्न । २ ध्वनि विशेष । ३ इन्जन की ध्वनि । श्रव्य० अवाक् हतप्रभ । फकत - अव्य० १ केवल, सिर्फ मात्र । २ इति । फकर - वि० [ प्र० फक्र ] १ दीन, दरिद्र । २ निर्लोभी, संतोषी, मस्त । ३ अभिमानी, घमंडी । ४ देखो फिकर' । ५ वैरागी । -पु० १ साधु, फकीर २ दरिद्रता
फकारी ० सर्प, सांप
फकीर - वि० [अ०] ( स्त्री० फकीरणी ) १ निर्धन, कंगाल । २ भिक्षुक, भिखारी । ३ संसार त्यागी, विरक्त । पु० १ मुसलमान साधु । २ एक मुसलमान जाति । ३ साधु । फकीरी - स्त्री० [अ०] १ निर्धनता, कंगाली २ भिखारीपन । ३ विरक्ति, वैराग्य ४ संन्यास ५ साधुस्व फरक देखो 'फक' |
फक्कड़, फक्कर, फक्खड़, फखर देखो 'फकर' ।
फगडंड - पु० [सं० पाखण्ड ] ढोंग, पाखण्ड | फगडंडी - वि० [सं० पाखण्डी] ढोंगी, पाखण्डी ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
"
फगडो पु० [सं० पाखण्ड] १ डोंग, पाखण्ड २ टंटा झगड़ा फगत - देखो 'फक्त' ।
पडवी
फफगण ( 1 ) ० १ बिसना, फलना, प्रफुल्लित होना । २ सर्वांगीण विकसित होना ।
फगवा, फगुवा पु० [सं० फाल्गुन] १ होलिकोत्सव का दिन, होली २ होली के ग्रामोद-प्रमोद खेल ३ उ अवसर पर दिया जाने वाला उपहार भेंट ।
1
फग्ग- देखो 'फाग' |
फागुन- देखो फाग
फड़- पु० १ समूह, ढेर । २ बैलगाड़ी की छत का एक भाग । बैल की मूत्रेन्द्रिय स्त्री० ४ चीरी हुई लकड़ी
५ ध्वनि विशेष ६ लम्बा पत्र | फड़क - देखो 'फड़की' ।
फड़कड़, फड़कड-पु० १ घोड़े की तेज चाल । २ इस चाल से उत्पन्न ध्वनि । फड़करण - स्त्री० १ फड़कने की क्रिया या भाव। २ दिल की धड़कन ।
।
फड़कर (बौ) - क्रि० [सं० स्फुरणम् ] १ दिल का सामान्य से अधिक धड़कना २ किसी अंग में स्फुरण होना, अंग फड़कना । ३ हवा से कागज प्रादि का उड़ना । ४ उड़ने की ध्वनि होना ।
फडकाणी (बी), फडकावलो(बी)
१ हिलाना, हुलाना। २ हवा में उड़ाना, फहराना । ३ पक्षियों द्वारा प्रपने पर तथा पशुप्रों द्वारा अपने कानों को हिलाकर आवाज करना । फड़कौ - पु० १ कपाट का एक भाग, पल्ला । २ एक पल्ले का कपाट, पाटिया । ३ किसानों से लेने का एक कर विशेष । ४ कुम्हार, सुधार यादि को बविहान से दिया जाने वाला अनाज । ५ पतंगा। ६ कंचुकी के पार्श्व भाग में रहने वाला वस्त्र | सहसा बड़ी हुई दिल की धड़कन देखो 'करण' ।
,
फड़कर (बी) - देखो 'फड़करणी' (बी) ।
फड़फड़फड़ाटी फड़ाहट (टो) स्त्री० १ वस्त्र फटने से उत्पन्न ध्वनि । २ उड़ते समय पक्षियों के पंखों से उत्पन्न ध्वनि । ३ प्रपान वायु की ध्वनि । ४ पशुओं के नाक से कभी-कभी होने वाली ध्वनि ५ कोई ध्वनि विशेष । फड़व स्त्री० [फा० फर्द ] १ सूची, तालिका। २ निमत्रण का सूची पत्र । ३ आय-व्यय का पत्र । ४ रजाई के ऊपर का
खोल खोल का एक भाग । ५ ग्रामीण स्त्रियों के घाघरे
"
का वस्त्र विशेष |
फड़दी-१ देखो 'फरद' । २ देखो 'फड़द' |
For Private And Personal Use Only