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प्यारो
( १०७ )
प्रकासरगो
प्यारौ-वि० [सं० प्रिय] अत्यधिक अच्छा लगने वाला, मन भाने प्रकरस, प्रकरसक-पु० [सं० प्रकर्ष] १ उत्कर्ष । २ प्राधिक्य,
वाला । प्रिय, प्यारा ।-पु. १ प्रिय प्राणी, प्रेमी । २ पति । अधिकता । ३ उत्तमता । ४ प्रसिद्धि । ५ दोघंता, लम्बाई । प्याली, प्यालो-पु० [फा० पियाल] १ मिट्टी या किसी धातु की ६ बल, ताकत । ____कटोरी विशेष । २ तोप या बन्दूक का कान ।
प्रकवाहरण (न)-पु. [सं० प्रकवाहन] स्वामिकात्तिकेय, षडानन । प्यावड़ी-स्त्री० शरीर पर रंगने की पीली मिट्टी।
प्रकांड-वि० [सं०] १ बहुत बड़ा, विशाल । २ महान्, उत्तम, प्यास (सा)-स्त्री० [सं० पिपासा] १ जल पीने की इच्छा श्रेष्ठ । ३ विस्तृत, चौड़ा । ४ अत्यधिक ।
तृषा। २ भोग की प्रबल इच्छा । ३ तृष्णा । ४ द्रव प्रकाम-स्त्री० [सं० प्राकाम्यां] अष्ट सिद्धियों में से एक । पदार्थ पीने की इच्छा।
प्रकार-पु० [सं० प्रकारः] १ ढंग, तोर, तरीका । २ रीति, प्यासौ-वि० [सं० पिपासु] (स्त्री० प्यासी) १ जल पीने का | प्रणाली। ३ तरह, भांति । ४ जाति, किश्म । ५ भेद ।
इच्छुक, तृषित, पिपासु, प्यासा । २ भोग की प्रबल इच्छा ६ देखो 'प्राकार'। वाला । ३ किसी प्रकार की तीव्र इच्छा या कामना वाला।
प्रकारी-देखो 'प्रकार'। प्यूतारणौ (बौ)-देखो 'पूतारणो' (बी)।
प्रकार, प्रकारौ-पु० [सं० प्रकारः] १ प्रताप, प्रभाव, प्रसर । प्रइज-देखो 'प्रजा'।
२ देखो 'प्रकार'। प्रईक (ख)-पु० [सं० प्रेष्य] नौकर, चाकर ।
प्रकास-पु० [सं० प्रकाश] १ अंधकार की विपरीत अवस्था, प्रउढ़-देखो 'प्रौढ़'।
रोशनी चांदनी । उजाला। २ अंधेरे का नाश करने वाला प्रउढ़ा, प्रऊढ़ा-देखो 'प्रौढ़ा' ।
तत्त्व या शक्ति। ३ ज्योतिर्मान पदार्थों की तरंग शक्ति । प्रकप-पु० [सं०] कंपन, थर्राहट, कंपकंपी।
४ सूर्य, चांद, दीपक आदि की ज्योति जिसकी सहायता से प्रकंपण-पु० [सं० प्रकंपन] १ वायु, हवा । २ थरथराहट ।
दृश्यमान वस्तुओं को देखा जा सके। ५ प्रांखों की देखने प्रकंपमान-वि० कांपने वाला, थर्राने वाला।
की शक्ति । ६ ज्ञान । ७ ख्याति प्रसिद्धि । ५ स्थिति प्रकंबरण-देखो 'प्रकंपण'।
अवस्था। ९ सूर्य का प्रातप, धूप । १० चमक, कांति । प्रक-पु० [सं० प्र-क] मयूर, मोर ।
११ सूर्य, भानु । १२ तेज, दीप्ति. औज । १३ भाकाश । प्रकट-वि० [सं०] १ जो खुला हो, प्रकाशित, बेपर्दा, गुप्त न
१४ घोडे की पीठ की चमक । १५ खुला मैदान । १६ किसी हो। २ प्रत्यक्ष, सामने, स्पष्ट । ३ प्रसिद्ध, मशहूर ।
नथ या पुस्तक का प्रध्याय । ४ दातार । ५ बहुचर्चित । ६ जो रहस्यमय न हो। ७ उत्पन्न । ८ दिखने योग्य । -अव्य० १ साफ तौर से ।
प्रकासक-पु० [सं० प्रकाशक] १ किसी पुस्तक, पत्र-पत्रिका
प्रादि का प्रकाशन करने वाला व्यक्ति, व्यापारी या संस्था । २ प्रत्यक्ष ।
२ सूर्य । ३ विख्यात या प्रसिद्ध कर्ता । -वि० १ प्रकाश में प्रकटणी (बौ)-क्रि० [सं० प्रकटनम्] १ प्रकट होना, जाहिर
लाने वाला, चौड़े में लाने वाला । २ प्रकाशित करने होना। २ प्रकाशित होना, चौड़े होना। ३ जानकारी में
वाला। ३ व्यक्त करने वाला, व्याख्या करने वाला। आना , सामने आना। ४ उदित होना।
४ प्रसिद्ध या विख्यात करने वाला। ५ प्रगट करने वाला, प्रकटसरीर-पु० [सं० प्रकट:] प्रकट शरीर ।
दिखाने व बताने वाला । ६ चलाने वाला, प्रचलित करने प्रकटाणी (बी), प्रकटावणी (बी)-क्रि० १ जाहिर करना,
वाला । ७ चमकीला, उज्ज्वल । प्रकट करना। २ प्रकाशित करना, चौड़े करना।
प्रकासरण (न)-पु० [सं० प्रकाशन] १ प्रकाशित करने का कार्य । ३ जानकारी में लाना, सामने लाना। ४ पैदा करना ।
२ मुद्रित कर उपलब्ध कराने का कार्य । ३ मुद्रित की ५ भेद खुलवाना।
जाने वाली पुस्तक प्रादि । ४ विष्णु का एक नामान्तर । प्रकत, प्रकति, प्रकत्त, प्रकत्ति, प्रकत्ती-देखो 'प्रक्रति'।
५ सूर्य । ६ वर्णन, व्याख्या। -वि० प्रकट व प्रसिद्ध करने प्रकपन-देखो 'प्रकपण'।
वाला। प्रकर-पु० [सं० प्रकरः] १ समूह, ढेर । २ भीड़ । ३ संग्रह। प्रकासणी (बो)-क्रि० [सं० प्रकाशनम्] १ दिखाना, दर्शन ४ सहायता।
कराना । बताना । २ कहना, कथना। ३ वर्णन करना, प्रकरण-पु० [सं०] १ प्रसंग, विषय । २ किसी पुस्तक या ग्रथ बखान करना। ४ प्रगट व जाहिर करना। ५ चलाना,
का प्रध्याय । ३ प्रारंभिक विषय । ४ वक्तव्य । ५ किसी प्रचलित करना । ६ छपवा कर प्रकाशित करना । ७ चौड़े विषय की व्याख्या । ६ चर्चा का विषय ।
में लाना, सामने लाना।
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