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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मागरणेच ( ७३९ ) नागला ४ नाग की तरह बनी रोमावली । ५ बैल, घोड़े नागबेणी-स्त्री० एक देवी का नाम । प्रादि की पीठ पर होने वाली भौंरी । ६ एक प्रकार | नागभगिनी-स्त्री० [सं०] सर्पराज वासुकि की बहन । की तलवार । नागभाखा-स्त्री० [सं०] एक प्राचीन भाषा। . नागणेच, नागणेचियां, नागणेची-स्त्री० राठौड़ों की कुल देवी, नागभुवरण (न)-पु० [सं० नाग भवन ] नागलोक, पाताल । चक्रेश्वरी। नागम-पु० [फा०] १ अज्ञानावस्था । २ छुट्टी, अवकाश । नागदमणि, नागदमनी-स्त्री० [सं० नागदमनी] १ नागदौने नागमरोड़-पु० [सं०] कुश्ती का एक पेच विशेष । दाव । का पौधा जो औषधि में काम आता है । २ एक प्रकार का नागमाता-स्त्री० [सं०] १ नागों की माता कद्रू । २ सुरसा । प्राभूषण विशेष । नागदह, नागदही, नागदौ, नागदह नागदही, नागदही, नागद्रह नागमुख-स्त्री० [सं०] गजानन, गणेश । पु० [सं० नागहृद] । १ मेवाड़ में एकलिंगजी के स्थान के नागरग-स्त्री० नारंगी नामक फल । पास का एक जलाशय । २ इस जलाशय के पास बना बापा नागर-पु० [स०] १ सभ्य, शिष्ट व्यक्ति । २ चतुर व्यक्ति । रावल का समाधि स्थान । ३ इसके पास बसा एक गांव ३ स्वामी, मालिक । ४ ईश्वर, प्रभु । ५ नगर का निवासी ४ इस गांव से निकला एक ब्राह्मण वर्ग । ५ प्राचीन भारत ६ नागर मोथा । ७ सोंठ । ८ गुजराती ब्राह्मणों की एक का एक प्रदेश । ६ यमुना में काली नाग के रहने जाति । ९ देवर -स्त्री० १० पनिहारी । ११ नारंगी । का स्थान । ७ सिसोदियों की एक उपाधि । १२ थकावट । १३ प्रज्ञानता। -वि० १ नगर संबंधी, नगर नागद्वीप-पु० [सं०] प्राचीन भारत के नौ भागों में से एक । का। शिष्ट । ३ चतुर । ४ चालाक, धूर्त । ५ बुरा, खराब । नागधर-पु० [सं०] शिव, महादेव । नागरता-स्त्री० [सं०] १ चतुराई, निपुणता । २ शिष्टता । नागध्रह, नाग-ही-देखो 'नागद्रह। ३ व्यवहार कुशलता । ४ नागरिकता । नागनाथ-पु० [सं०] १ नाग को नाथने वाले श्रीकृष्ण । नागरबेळ, नागरबेलड़ी, नागरबेलि, नागरबेली-स्त्री० २ जोगियों के रावलों के आदि पुरुष । [सं० नागवल्ली] ताम्बूल की बेल, लता। नागमंचमी-स्त्री० [सं०] श्रावण शुक्ला पंचमी । नागपति (त्ति)-पु० [सं०] १ सर्पराज वासुकि । २ ऐरावत नागरमुस्ता, नागरमोथा-पु० [सं० नागर मुस्ता] एक प्रकार हाथी। की घास या तण जिसकी जड़ें औषधि में काम आती हैं। नागपतिफेरण-पु० [सं नागपतिफेन] एक मादक द्रव्य, अफीम । | नागरवेल, (वेलड़ी, वेलि, वेली)-देखो 'नागरबेल' । नागपांचम-देखो 'नागपंचमी' । नागराइ, नागराज, नागराव-पु० [सं० नागराज] १ शेषनाग । नागपाड-पु० [सं० नाग-पाषाण] अरावली पहाड़ का सर्पराज वासुकि । ३ बड़ा व शक्तिशाली सर्प । ४ हाथियों एक भाग। में बड़ा व श्रेष्ठ हाथी । ५ ऐरावत। -वि. १ श्वेत, नागपास-स्त्री० [सं० नाग पाश] शत्रों को बांधने का, वरुण सफेद* । २ काला, श्याम ।। का एक अस्त्र, फंदा। नागरिक-पु० [सं०] १ नगर का निवासी । २ सभ्य पुरुष । नागपुत्री-स्त्री० [सं०] नागकन्या। ३ किसी देश या राष्ट्र का मूल निवासी। ४ वह व्यक्ति नागपुर-पु० [सं०] १ नागलोक । २ मध्य भारत का एक नगर। जिसे किसी देश की नागरिकता व मताधिकार प्राप्त हों। ३ नागौर का एक नाम । ५ कारीगर। ६ पुलिस का प्रधानाध्यक्ष । -वि० १ नगर नागपुरी-स्त्री० [सं०] १ पाताल का नागलोक, भोगवती। का, नगर संबंधी। २ चतुर, सभ्य, शिष्ट । ३ जिसमें नगर २ देखो 'नागपुर'। नागपोलरी-स्त्री० एक प्रकार का प्राभूषण विशेष । के समस्त गुण-दोष आ गये हों । नागफणी-स्त्री० १ एक शाक विशेष । २ थूहर जाति का एक | नागरी-स्त्री० [सं०] १ संस्कृत व हिन्दी भाषा की प्रसिद्ध पौधा विशेष । लिपि, देवनागरी लिपि । २ नगर में रहने वाली स्त्री । मागफूली-पु० स्त्रियों का एक प्राभूषण विशेष । ३ चतुर स्त्री । ४ चालाक व धूर्त स्त्री। ५ स्नुही का पौधा, नागफेण (न)-पु० [सं०] अफीम । थूहर । ६ देखो 'नगरी'। नागबला-पु० [सं०] एक वृक्ष विशेष । नागरी मासी-स्त्री० एक प्रकार का जीव । नागबाई-स्त्री० चारण-कुलोत्पन्न एक देवी । नागलता-स्त्री० [सं०] पान को बेल, ताम्बूल की बेल । नागबेच-पु० बढ़ई द्वारा लकड़ी में किया गया एक छेद विशेष । | नागला-स्त्री० एक प्रकार का प्राभूषण । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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