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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra तुरिण वि० [सं० तुषीण] शांत, मौन । । तुस्ततुरंग पु० घोड़ा । तुस्सांडौ - देखो 'तुसाडी' । तुह सर्व० तुझ - तुहइ अव्य० तदपि, तो भी । तुही देखो 'सोफी'। तुहमत देखो 'तोहमत - तुस्टी (बी) फि० १ संतुष्ट होना, तृप्त होना २ प्रसन्न होना, तू छली (बो)- कि० [सं० तृष्ट] १ सूषित होना, प्यासा होना । - क्रि० २ प्यासा रहना । खुश होना ३ वीतराग होना ४ देखो 'तुटली' (बो) । तुस्टता स्त्री० [सं० तुष्टता] १ संतोष, तृप्ति । २ प्रसन्नता, तू ज-पु० एक प्रकार का बर्तन । तू जी - देखो 'तुजीह' | खुशी। तुस्टमांन वि० [सं० तुष्टमान] १ प्रसन्न, खुश । २ अनुकूल तूं झ-सर्व ० १ तुझको, तुझे । २ तुम्हारा । ३ देखो 'तुभः । ३ किसी पर मेहरबान, अनुग्रह करने वाला । 'देखो 'तु'४' । तुस्टि - स्त्री० [सं० तुष्टि ] १ संतुष्टि, संतोष । तृप्ति । तू डी-स्त्री० १ नाव, नौका । २ पेंदा । ३ मध्य भाग । २ अनुकूलता । ३ प्रसन्नता । तूंडी पु० पेंदा तल तू देखो 'सी' । क्रि०वि० [सं० ततः खलु ] तदपि, तो भी। www.kobatirth.org तू सर्व० [सं० स्वम्] तुम, तू द्वितीय पुरुष । तूं सर्व० तू पण तू भी । तूं घर देखो 'तंबर' तूर तूं धरि देखो ''दरि' । तू कार, तुकारघउ, तू कारौ - देखो 'तुकारो' | ' तुहां सर्व० प्राप तू । तुहाइळी-देखो 'तुम्हाळी' । 1 (स्त्री० [सुहाली) तेरा, तुहार, तुहारइ, तुहारी - सर्व० (स्त्री० तुहारी) तेरा तुम्हारा । तुहाळ, तुहाळोय, तुहाळौ - सर्व० तुम्हारा। तुहि सर्व० ० तू । तुहितउ - क्रि०वि० [सं० तथापि ] तथापि, तो भी । तुहिन पु० [सं०] १ पाला, हिमकरण २ हिम, बरफ ३ चांदनी ४ गीता विरि पु० हिमालय पर्वत तुहिनां तुहिनासु पु० [सं० तुहिनांग] चंद्रमा तुहु जि - क्रि०वि० केवल तब । तुहें सर्व ० तुम्हें । तुह्मारडी- देखो 'तुम्हारौ' । तुझस०] तुम्हारा तेरा । तुरंग स्त्री० १ प्राग की चिनगारी । २ देखो 'तु ंग' | तू गणो (बी) - देखो 'तु गणों' (बी) । २१२ 1 तूं गियरी, तू गियो-- पु० फौज का एक भाग, दल, टुकड़ी । तुंगी-स्त्री० १ पृथ्वी, भूमि २ नाव, मौका गौ-० सैन्य दल फौज की टुकड़ी। 1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुलसी (बी) देखो 'तुलसी' (दो)। तूणी - स्त्री० ० कमर, कटि । तूं लौ पु० समय से पूर्व गिरा हुआ गर्म (पशु) । लौ पु० १ बाजरी के दाने के ऊपर की टोपी, फूमदा । २ बाजरी की बाल या भुट्टा । ३ बाल के अन्दर का कच्चा दाना । ४ निकम्मी वस्तु । ५ घास विशेष | ६ लड़का पुत्र । - वि० दुर्बल, पतला, क्षीण । तळी ० १ बाजरी या प्यार के का वह भाग जिसमें फलों वाली एक लता दाना रहता है, "भूसी । २ कांटेदार विशेष | तू गिम स्त्री० [सं० तुरंग] १ महिमा, माहात्म्य २ प्रतिष्ठा, तूहइ सर्व० तेरा । गौरव । ३ उच्चता, श्रेष्ठता । ४ ऊंचाई । तुमर । तू स्वी० बड़ा पेट, उदर, तोंद तू मा सर्व० तेरा तुम्हारा । तू बड़ियाळी- पु० १ 'तू'बड़ी' वाद्य बजाने वाला । २ साधु, फकीर । बड़ियों (दो) देखो 'तू'बी' बड़ी-देखो ''बी' तूबर - देखो 'तोमर' । तू बिणि स्त्री० ० एक प्रकार की लता व इसका फल, कद्द ू तू बी-देखो 'तु'बी' । 'बु- देखो 'तू'बो' । तू बेल- पु० १ चारणों की एक शाखा व इस शाखा का चारण । २ दोहा छंद का एक भेद । तंबौ- पु० [सं० तुम्ब] १ कद्द ू की जाति का एक फल । २ इस फल के मुंह को काटकर बनाया हुप्रा खोखला पात्र, तुम्बा | तूर, तूंवर पु० गौड़ राजपूतों की एक शाखा । तू राटी- देखो 'तंवरावटी' । For Private And Personal Use Only तूं हळि सर्व० तेरी | तू पु० १ कुत्ते को पुकारने का शब्द । २ युद्ध । ३ अंगुली । ४ हाथ । ५ कटाक्ष । वि० १ अशुद्ध । २ तुच्छ । तूझर - पु० अरहर नामक द्विदल अनाज, तूवर ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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