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तुलगी
तुस्ट
तुलणौ (बी)-क्रि० [सं० तुल] १ तराज आदि से तोला जाना, तुलि-वि० [सं० तुल्य] समान, सदृश, तुल्य । -स्त्री० १ तराजु,
तुलना, वजन किया जाना । २ किसी तौल के बराबर २ तुलाराशि। होना । तल्य होना । ३ वजन देखने के लिये हाथ में लेना। तुलो-पु० १ तराजू । २ तराजु का पलड़ा। ४ मधना । ५ तैयार होना। ६ समझ में आना जंचना। तुल्य-वि० [सं०] १ ममान, बराबर । २ उपयुक्त । ७ अाधार पर संतुलित होना। ८ उद्यत होना, उतारू तुल्यता-स्त्री० [सं०] बराबरी, ममता। होना । समान व तुल्य होना ।
तुल्यप्रधान व्यंग-पु० [सं०] समान वाच्यार्थ एवं व्यंग्यार्थ वाला तुलना-स्त्री० [सं०] १ समता, समानता, मुकाबला, बराबरी। व्यंग्य ।
२ मेल, ताल-मेल । ३ उपमा। ४ परीक्षा, जांच । तुल्ययोग, तुल्ययोगिता-स्त्री० [सं०] एक अलंकार विशेष । तुलनी-स्त्री० [सं० तुला तगजू की डंडी।
तुल्ययोगी-वि० समान संबंध रखने वाला। तुलवाई-देखो 'तुलाई'।
तुल्ल-देखो 'तुल्य' । तुळसी- स्त्री० [सं० तुलसी] १ दो-तीन फुट की ऊंचाई का | तुव-सर्व० १ तुम । २ तेरा तुम्हारा। ३ तुझे तझको।
झाड़ीनुमा पौधा जिसकी पत्तियां देव-पूजन व औषधियों में | तुवर--पु. १ अरहर । २ कसेला । ३ देखो 'तंवर'। काम पाती हैं । वृन्द्रा, वैष्णवी । २ प्रसिद्ध कवि तुलसीदास । तुवाळी-सर्व० तुम्हारा, तेरा। ३ एक लोक गीत । --ठाण, ठाणी, ठांवरणौ-पु. वह तुसंडा-सर्व० तेरा, तुम्हारा।। चबूतरी या स्थान जहां तुलसी का पौधा उगाया जाता है। तुसंडौ-पु० अपराध गुनाह । -सर्व० तेरा, तुम्हारा । -तेला='तुळ छांतेला'। -यांणी='तुळसीठांणी'। -दळ-तुस-पु० [सं० तुष] १ अन्न के दाने के ऊपर का छिलका, -पत-पु० तुलसी के पत्ते ।
भूसी । २ बाटा छानने पर निकलने वाला फूम । ३ सोने, तुळसीवाणी-पु० एक स्वर्णाभूषण ।
चांदी आदि का छोटा कण जर्रा। ४ देखो तुच्छ' । तळसीदास-पू. 'रामचरित मानम' के रचयिता प्रसिद्ध कवि तसगन--4. मि. लषगट.] गरिन । ___तुलसी।
तुसर-पु० तृण. तिनका। सुळसीपतियो-पु० स्त्रियों के गले का प्राभूषण विशेष ।
तुसल्यौ-पु० अशुभ रंग का एक घोडा विशेष । तुळसीमंजर (मजरी)-स्त्री० तुलसी के पौधे की बालें, मंजरी। तुसाग-देखो 'तसानल'। तुळसीवन-पु० तुलसी के पौधों की अधिकता वाला वन खण्ड ।। तुसाड़, तुसाड़ी, तुसाड (डौ)-सर्व० (स्त्री० तुसाड़ी, तुसाडी) तुला-स्त्री० १ तराजू, तकड़ी। २ छोटा तराजू, कांटा। तेरा, तुम्हारा।
३ गुजा । ४ ज्योतिष की एक राशि । ५ तौल, मान।। तुसानळ-पु० [सं० तुषानल] भूमी या घासफूस की आग। सलाई-स्त्री. १ तौलने की क्रिया। २ इस कार्य की मजदूरी। तसार-प० [संतषार] १ प्रधिक शीत के कारगा तम्तयों पर ३ देखो 'तूली'।
जमने वाली हिम की परत । २ हिम, बर्फ। ३ ठंडक, तुलाकोट, तुलाकोटि-पु० एक आभूषण, नूपुर ।
सर्दी, शीत । ४ एक प्राचीन देश । ५ इस देश का घोड़ा। तुलाजंत्र-पु० [सं० तुलायंत्र] तराजू, कांटा।
-वि० अत्यन्त ठंडा, शीतल । -कर, कांति-पु० हिमकर, तुलाडंड--देखो 'तुलादंड'।
चन्द्रमा । -पाखांण, पासांग-पु० हिमकरण, अोला । तुलाणी (बौ)-त्रि० १ तौल कराना, तुलवाना, वजन कराना। -मूरति. रसमि, रस्मि-पु० चन्द्रमा ।
२ खरीदना । ३ समता कराना । ४ तुलना कराना। तुसारांसु-पु० [सं० तुषारांशु] चन्द्रमा । तुलादंड-पु० तराजू का डंडा ।
तुसाराद्रि-पु० [सं० तुषाराद्रि] हिमालय पर्वत । तुलादान-पु० [सं०] स्वयं के तौल के बराबर द्रव्य का दान। 'तुसिरणीभ-स्त्री० [सं० तूष्णीक] मौन भाव, मौन वृत्ति (जैन)। तुलाधार-पु० [सं०] १ वणिक, बरिणया। २ माता-पिता का तुसित-पु० [सं० तुषिताः] १ एक प्रकार के गणदेव जो १२
भक्त काशी का एक व्याध । -स्त्री० ४ तलाराशि। माने जाते हैं । २ विष्णु । ३ एक स्वर्ग का नाम । ५ तराजू की डोरी, रम्सी।
तुसियौ-देखो 'तुस'। तुलामान-पु० [सं०] १ तौल का अभ्यास, अंदाज । २ बाट, | तुसी-१ देखो 'तुस' । २ देखो 'तस' । तौल ।
तुसे (स)-सर्व० तुम्हारा, तेरा। तुलावट-वि० तौलने वाला । -स्त्री० तौलने की क्रिया।
तुस्ट-वि० [सं० तुष्ट] १ संतुष्ट, तृप्त । २ प्रसन्न, खुश । तुलावरणौ (बौ)-देखा 'तुलाणी (बौ)।
३ वीतराग ।
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