SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 505
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir झटियो । ४९६ ) झलारणी का ज्वर । ५ एक प्रकार का रोग । ६ देखो 'जरी'। झळजीहा-स्त्री० [सं० ज्वाला-जिह्वा] अग्नि, माग । ७ देखो 'झड़ी'। झळझळणी (बौ), सळसळारणौ (बी)-क्रि० जगमगाना, मरूटियो-पु० खरोंच, रगड़ । चमकना। झरूको (खो), झरोक, झरोकडो झरोको. मरोख, झरोखो-पु० झळझळा'ट, मळझळाहट-स्त्री. जगमगाहट, चमक-दमक । . मकान के द्वार या खिडकी के ऊपर बना जालीदार गवाक्ष, | झळझाखसउ-स्त्री० [सं० चलद्ध्वांक्षम] उड़ती हुई या मोखा, गौखा । जालियों से आच्छादित बालकानी। काल्पनिक बात, अविश्वसनीय बात । झलंब-स्त्री. १ चमक, प्राभा, कांति । २ देखो 'झिलम'। झळझळि-स्त्री० अग्नि, आग । -वि० कांतिवान, चमकदार। झळण (न)-देखो 'जळन' । मळ-स्त्री० १ झड़ी, झागी । २ आग की लपट, अग्नि शिखा | झळणौ (बौ)-क्रि० १ पकड़ना । २ झपट कर ग्रहण करना। ज्वाला । ३ गरमी, ताप । ४ अग्नि, प्राग । ५ उग्रकामना, ३ देखो 'जळरणो' (बौ)। उत्कट इच्छा । ६ कांति, दीप्ति । ७ चमक-दमक । झलणों (बौ)-क्रि०१ सहन या बर्दाश्त करना । २ फैलना, ८ खुजलाहट, खुजली । ९ स्त्री की कामेच्छा, चुल । छितराना । ३ पकड़ा जाना, पकड़ में आना । ४ शोभित १० उष्ण वायु, लू । ११ मृगशिरा नक्षत्र का उदय-स्थान, होना। पूर्व दिशा। झळदकार-वि० ज्वालामय । झल-स्त्री०१ पकड़ने की क्रिया या भाव । २ धारण करने की झळपट-स्त्री० अग्नि की ज्वाला, प्राग की लौ । अांच । क्रिया या भाव । -वि० १ पकड़ने वाला । २ धारण करने वाला । ३ पूर्ण। झलम-देखो 'झिलम'। -टोप 'झिलमटोप' । झळक-स्त्री० [सं० ज्वलन्] १ प्राभा, कांति, धुति । २ चमक- शळमळणा (बा)-दखा झळामळणा (बा) । दमक, प्रकाश । ३ प्रतिबिंब । ४ आभास । ५ तरंग, झळमळारणी (बो)-देखो 'झिळमिळाणी' (बी)। उमंग। ६ क्षणिक, प्रकाश । झळमाळा -स्त्री० अग्नि, प्राग । मळकरणी-वि० प्राभावान, कांतिवान, चमकीला । झलर-पु. एक प्रकार का पेय पदार्थ । झळकरणी (बी), मलकरणी (बी)-क्रि० १ प्राभा देना, चमकना, | झळळ-स्त्री. १ जगमगाने या चमचमाने की क्रिया या भाव । प्रकाशित होना । २ हल्का दिखाई देना, स्फुटित होना । २ चमक-दमक । ३ जलने की क्रिया या भाव । ४ प्राग ३ दीखना, रष्टिगोचर होना । ४ आभास होना। ५ कुछ- की लपट । ५ सूर्य । ६ देखो 'झळहळ' । कुछ प्रगट होना। ६ प्रतिबिंब पड़ना, प्रतिबिंबित होना । झळसौ-देखो 'जळसौ' । ७ शोभा देना । ८ क्रोधित होना, क्रोध करना । ६ मर्यादा तोड़ना । १० छलकना, छलक कर बाहर होना। झळहर-पु० डिगल में वेलियो साणोर छंद का एक भेद विशेष । ११ हिलना-डुलना। झलहळ-स्त्री० १ अग्नि, आग । २ कांति, दीप्ति, ३ चमकझळकाणौ (बौ)-क्रि० १ प्राभा या ा ति युक्त करना, चमकाना, दमक । -वि० १ देदीप्यमान, प्राभा युक्त । २ तेजस्वी । प्रकाशित करना । २ हल्कासा दिखाना, स्फुटित करना । ३ चमक-दमक वाला । ४ धधकता हुअा, प्रज्वलित । ३ दिखाना, दृष्टि गोचर करना । ४ आभास देना। ५ कुछ | झळहळणी (बी)-क्रि० [सं० झलझला] १ देदीप्यमान होना, कुछ प्रगट करना । ६ प्रतिबिंब पटकना । ७ शोभित चमकना । २ प्रकाश फैलाना, प्रकाशित होना। करना । ८ क्रोधित करना, क्रोध दिलाना । ९ मर्यादा, ३ चमकना, कौंधना । ४ फहरना । ५ जाज्वल्यमान होना। तुड़ाना । १० छलकाना, छलका कर बाहर करना। ६ जगमगाना । ७ शोभित होना । ८ उमड़ना, सीमा ११ हिलाना-डुलाना । बाहर होना । ६ प्रज्वलित होना, धधकना । माळकारी-वि० (स्त्री० झळकारी) १ जगमगाता हगा। झळा-स्त्री० अग्नि, पाग। २ चमकदार, द्य तिवान । ३ देखो 'झळको' । झळाझळ-देखो 'झळाहळ' । झळको (क्को)-पु० १ चमक-दमक, झलक । २ प्राकृति, | झळाझळी-वि० चमकदार, चमकीला । प्राभास, प्रतिबिंब । ३ प्रकाश, कौंध । ४ लपट, लौ। झलाणौ (बी)-क्रि०१लौटाना, वापस करना । २ पकड़ाना । झलको-पु. गाड़ी में एक साथ भरे हुए घास या बाजरी | ३ देना । ४ फैलाना, छितराना । ५ शोभित करना। आदि के सूखे डंठल । सहन कराना। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy