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झबोळणौ
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४६५ )
झरी
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होना।
झबोळणौ (बो)-क्रि० १ शरीर पर वस्त्र लपेटना । २ पानी में | झमाल (लि, ली)-स्त्री० १ किरण-जाल । २ गुच्छा, समुह ।
वस्त्र भिगोकर हिलाना । ३ तरल पदार्थ में कोई वस्तु ३ मच्छर जाति का एक पतंगा । -वि० चमकदार, डुबाना।
चमकता हुआ। झबोळी-पु० १ विघ्न, बाधा। २ कोई बड़ा काम । ३ देखो | झमेल-पु० १ एक उपकरण विशेष । २ देखो 'झमेलौ' । "झबळको' ।
झमेलियो-वि० भ मेला या उलझन डालने वाला, विघ्नकारक । झबौ-पु. १ स्त्रियों की चोली। २ बच्चों के पहनने का वस्त्र । झगड़ालू । __३ अनाज बोने की बीजणी का ऊपरी मुह। ४ चमक, | झमेलौ, अमोलौ-पु. १ झगड़ा, टंटा, बखेड़ा । २ उलझन, प्रकाश। ५ देखो 'भाबी'।
पेचीदगी। ३ पेचीदा कार्य । ४ विघ्न, बाधा । झबोळी-देखो 'झबोळी'।
झर-स्त्री. १ किसी द्रव पदार्थ के रिसने या टपकने की झब्बौ-पु० १ गुच्छा । २ समूह । ३ प्राभूषण विशेष (मेवात)। | क्रिया, स्राव । २ जलपात्र, बड़ा घड़ा (मेवात)। ४ देखो 'भबौ' । ५ देखो 'झाबौ' ।
झरड़क-स्त्री० १ शस्त्र का प्रहार । २ शस्त्र प्रहार की ध्वनि । झमकरणो (बी)-देखो 'झमकरणी' (बी)।
३ दधि मन्थन का घोष । ४ खरोंच या रगड़ लगने की झम-स्त्री० १ छम-छम ध्वनि । २ देखो 'झब' ।
क्रिया या भाव। झमक-स्त्री० १ छमक, झन्कार । २ घुघुरू की घोर । ३ चमक, झरड़करो (बौ)-क्रि० १ रगड़ लगाना, खरोंच लगाना।
प्रकाश । ४ नखरे से चाल, ठसक । ५ यमक अलंकार । | २ फाड़ना, चीरना । ३ प्रहार करना । ४ प्रहार की ध्वनि
६ मजाक हँसी । ७ शस्त्रों की खनक । झमक-झमक-क्रि०वि० छम-छम ध्वनि करते हुए।
झरड़को-पु० १ खरोंच, रगड़ । २ खरोंच पड़ने का स्थान । झमकरणौ (बो)-क्रि० १ छमकना, झन्कृत होना । २ घुघरू का | ३ दधि मंथन का घोष । ४ प्रहार, प्राघात । ५ प्रहार
बजना । ३ चमकना, प्रकाशित होना । ४ ठसक से चलना। की ध्वनि। ५ मजाक करना, हँसना । ६ शस्त्र खनकना । ७ चेचक झरड़णौ (बौ)-क्रि० १ खरोंचना, रगड़ना । २ दधि मथना । रोग का विकृत होना।
३ नोचना। ४ चीरना, फाड़ना। झमक्राणौ (बौ), झमकावरणौ (बौ)-क्रि० १ छमकाना, झन्कृत झरड़मरड़-पु० दही मथने की ध्वनि ।
करना । २ घुघरू बजाना । ३ चमकाना, प्रकाशित करना । | झरझर, झरझरकतो (कथौ), झरझरो-वि० १ फटा-पुराना, ४ ठसक से चलाना । ५ मजाक कराना । हँसाना । | जीर्ण-शीर्ण । २ तर-बतर, टपकता हुआ। ६ शस्त्र खनकाना ।
झरणा'ट, झरणाटो, झरणाहट-स्त्री० १ घुघुरू, प्राभूषण, झमकीलो-वि० (स्त्री० झमकीली) १ ठसक या नखरे से चलने
शस्त्रादि की तीव्र झंकार । २ किसी वाद्य या धातु की वाला । २ छैल छबीला । ३ चमकने वाला।
वस्तु पर आघात पड़ने से होने वाली झन्-झन् ध्वनि । झमके (क)-क्रि०वि० शीघ्रता से, तुरंत ।
३ बिच्छु के काटने या विद्युत के स्पर्श आदि से शरीर में झमको-पु० १ पायल या घुघरू का शब्द, ध्वनि, ठमका ।
होने वाली सनसनाहट । ४ पीड़ा, दर्द । २ देखो 'झुमको'।
झररिण, झरणी (रणी)-क्रि० [सं० क्षरण] १ जल प्रपात, सोता, झमझम-स्त्री० छमाछम की ध्वनि, झन्कार । -क्रि०वि० छमा
चश्मा । २ बहाव, प्रवाह । ३ क्षरण, पतन । -वि० छम करते हुए।
१ झरने वाला, झरने योग्य । २ असहिष्णु । झमझमा'ट-स्त्री० छमाछम की ध्वनि, झन्कार ।
| झरणी (बी)-स्त्री० [सं० क्षरणम्] १ किसी तरल पदार्थ का झमझमारणी (बी)-क्रि० छमाछम करना, ध्वनि करना,
रिसना, टपकना, स्राव होना । २ गिरना, पतन होना । झन्कारना।
३ प्रपात होना, ऊपर से निरन्तर गिरना । ४ टुकड़े-टुकडे झमझमौ-पु. एक प्रकार का वाद्य ।
होकर पड़ना । ५ बरमना । ६ स्खलित होना। झमर-पु० बालों का गुच्छा।
झरपट-स्त्री० १ साधारण सी चोट या घाव । २ खरोंच । झमरतळी-स्त्री० एक प्रकार का वस्त्र ।
३ झपट, चपेट । झमाको-पु० घुघरू या प्राभूषणों का घोर, शब्द, ध्वनि । झरमर-१ देखो 'झिरमिर' । २ देखो "झरड़मरड़' । जोर की झंकार।
झरी-स्त्री०१ भूमि खोद कर बनाई गई भट्टी, भाड़ । २ दीवार समाळ-स्त्री० डिंगल का एक छन्द विशेष ।
की दरार । ३ झरना, चश्चा, प्रपात । ४ एक प्रकार
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