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पावर
० पूजा, उपासना करने वाला ।
करने वाला ।
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उपावर
- वि० उत्पन्न करने वाला । उपावली (श्री) देखो उपारो (बी)
उपासंग - पु० तर्कश ।
उपास- देखो 'उपवास' । उपासक - वि०
उपासन सेवाशुश्रूषा २ धाराधना [वि० उपासना उबटणी (बी) - ०१ शरीर पर सुगंधित द्रव्य मलना,
- पु० ।
।
मालिश करना। २ रंग उड़ना । ३ उत्पन्न होना । ४ कसैला होना ।
उपासला (ना) - स्त्री० [सं० उपासना ] १ पूजा, आराधना ।
२ सेवा परिचर्या । ३ ध्यान ।
उबरण (न) - पु० [सं० उदुम्बर ] गूलर का बृक्ष या फल । उपासणी (बौ) - क्रि० उपासना करना । श्राराधना करना। उबरांगणौ (बौ) - क्रि० शस्त्र, लाठी, हाथ प्रादि प्रहार के
लिए उठाना ।
उबरांखो-देखो 'वी' (स्वी० उबरांगी) |
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उयरेड़ी (रेली) ० १ वर्षा के उपरांत बादलों की छंटनी २ वर्षा के बाद होने वाला कुछ कुछ सूखापन । उबरी-देखो 'अमीर'।
उबळरणौ (बौ) - क्रि० खौलना । उफनना । पानी में उबल
( १४९ )
सेवा करना ।
उपासरी- पु० [सं०] उपाश्रय] जैन यतियों का निवास स्थान
उपासी (क) उपासु (1) वि० उपासक
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उपास्य - वि० [सं०] १ उपासक या पूजा करने योग्य ।
२ श्राराध्य, सेव्य । ३ पूजनीय । उपय-देखो 'उपासरी' | - उपाही- पु० उपालंभ |
उपि पु० [सं०] उपेन्द्र ] ईश्वर ।
उपियळगाह - पु० गाथा छंद का एक भेद । उठो देखो 'अपूठी' (स्त्री० उपूठी ) । उपेंद्रवज्रा -५० एक वर्ण वृत्त ।
उपेक्षरण - पु० [सं०] १ विरक्ति का भाव । २ किनारा ।
३: खिंचाव ४ तिरस्कार |
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उपेक्षित वि० [सं०] तिरस्कृत । निदित । त्यक्त ।
उपेट, उपेत- वि० सहित युक्त । एकत्रित ।
उपेक्षा स्त्री० [सं०] १ अवहेलना, लापरवाही । २ श्रसम्मान | ३ प्रस्वीकृति । ४ त्याग | ५ विरक्ति, उदासीनता । ३ तिरस्कार |
उप्पारणी (बौ) -- देखो 'उपाड़गो' (बी) ।
उप्रवट, (वाट) - वि० अधिक, विशेष ।
उपोदघात - पु० [सं० उपोद्घात] प्रस्तावना, भूमिका । प्रारम्भ । उपरि-देखो 'ऊपर' ।
उफ अव्य० [अ०] अफसोस सूचक ध्वनि । ग्रह । उरी (वी) देखो 'रण' (दो) ।
उफांण, (न) - पु० १ उबाल । उफान २ जोश । ३ क्रोध । ४ आडम्बर । ५ फेन ।
उफारवां- वि० [० बड़ा दिखने वाला ।
उकारी
1-पु० ग्रहंकार ।
उबंध- देखो 'ऊबंध' ।
उवंबर (बरो) देखो 'वर'
उब करण, (a) उबक्करणौ (बी) - देखो 'ऊबकरणौ' (बी) । उबड़ खाबड़ - वि० ऊंचा - तीचा, विषम । श्रसमतल ।
उपहार स्वी० उबकाई मिचली, यमन उबडियो देखो 'ऊबडियो'
उबट - देखो 'ऊबट' |
उबटर, ( टन, टौ ) - पु० [सं० उद्वर्तन] १ शरीर पर मलने का सुगंधित लेपनः । २ मालिश ।
बांदरी देवी 'ब' उबाई स्त्री० जंभाई ।
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कर पकना ।
उबांगो (ब) - १ प्रहार के निमित्त उठाना । २ खड़ा रखना, करना ।
बांगो (हण) - वि० ( स्त्री० उबांरगी हुए । २ नंगे पैर । ३ नग्न । तलवार लिये ।
उब एक स्त्री० वमन, कै
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उबाड़ स्त्री० चीर-फाड़ दरार । उबादि-देखो 'उबा' ।
उबासी
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१ बिना जूते पहने क्रि० वि० ४ नंगी
उबार पु० [सं० उद्धारण] १ छुटकारा, उद्धार, निस्तार ।
२ रक्षा, बचाव |
उदारक (सी), उबारत (सी) वि० उबारने वाला, बचाने
वाला, रक्षक |
उबारणौ (बौ) - क्रि० उबारना, तारना, बवाना करना । शेष रखना । उन्मुक्त करना, छोड़ना । उबारु वि० १ रक्षक । २ बचाने वाला, हिफाजत करने वाला । उबारौ - पु०१ बचा हुआ सामान। २ रक्षा, सहायता । बचाव । उबाळ - पु० उफान, जोश ।
। रक्षा
उबाळगो (बौ) - क्रि० १ ताप देकर खौलाना । १ उबालकर पकाना । ३ जोश दिलाना । ४ पसीजना । उबासी (बी) - ० जंभाई लेना, उबासी लेना । उबासी - स्त्री० जंभाई ।