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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तो इशारों से और आंखों के संकेत से कर लेते है, फिर मन कैसे स्थिर होगा। बाल्टी में पानी है जो स्थिर है, परन्तु बाल्टी को हिलायेंगे तो पानी अस्थिर हो ही जायेगा। बस! वैसे ही मन पानी के स्थान पर है और शरीर बाल्टी के स्थान पर है। मन को प्रभु प्रेम में डूबोओ। हृदय के एक-एक तार को प्रभु से जोड़ दो, फिर मन स्थिर जरूर होगा। हम मंदिर में भक्ति करते हैं तो मन भागता है। हम मंत्र जाप करते है तो मन भटकता है। मैं आपसे कहता हूँ ठीक से भगवान की पहचान कर लो, सुयोग्य तरीके से मंत्र को भी जान लो फिर मन नहीं भगेगा और न भटकेगा। जैसे किसी छोटे बच्चे को किसी अपरिचित अनजान के हाथ में सौप दो, तो वह बच्चा उससे छूटने के लिए चीखता है, चिल्लाता है, छटपटाता है, रोता है। परन्तु वही बालक जब अपरिचित से परिचित हो जाता है, उस अनजान को जानने लग जाता है तब उसी आदमी के साथ खेलने लग जाता है, फिर उससे डरता नहीं हैं। वैसे ही जब हम भगवान को अच्छी तरह से जान लेंगे उनसे प्रेम होगा रस उत्पन्न होगा तो फिर दर्शन, पूजा और नवकार वाली गिनते मन अस्थिर नहीं होगा, भटकेगा नहीं। आत्म-साधना के मार्ग म प्रगति करने के लिए चित्त की स्थिरता जरूरी है। जिसका चित्त अस्थिर है, वह साधना के मार्ग मे आगे नहीं बढ़ सकता है। तालाब का पानी अगर अस्थिर है तो उस जल में अपना प्रतिबिंब नहीं दिखाई देता है, जल जब स्थिर होता है तभी प्रतिबिंब दिखाई देता है, मन जब तक बाहय पदार्थों में भटकता रहता है, तब तक आत्मा के वास्तविक आनंद की अनुभूति संभव नहीं है। जिस तरह खट्टे पदार्थ को डालने से दूध फट जाता है, उसी प्रकार मन की अस्थिरता से ज्ञानानंद रूपी दूध बिगड़ जाता है, साधना रूपी दूध खराब हो जाता है क्योंकि चंचल मन से की गई शुभ क्रियाएँ वास्तविक रूप में फलदायी नहीं बनती हैं, अतः साधना में यत्नपूर्वक मन की चंचलता को स्थिर करना चाहिए। वचन और काया को बांधना फिर भी आसान है परन्तु मन तो कच्चे पारे जैसा है। जैसे हाथ से छिटक कर नीचे गिर गये पारे को इकट्ठा करना 3-106 For Private And Personal Use Only
SR No.020580
Book TitlePriy Shikshaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrasagar
PublisherPadmasagarsuri Charitable Trust
Publication Year2006
Total Pages231
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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