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प्रश्नव्याकरणसूत्रे
तथा 'पहरंत' पहियमाणाः पहारे व्याप्रियमाणा ये कुन्ताः भल्लाः तोमराश्य'सुरज' इति भाषा प्रसिद्धाः 'चक्क' चक्राणि 'गया'गदाः प्रसिद्धाः 'परसु' परशवः =कुठाराः तथा मुसलाः प्रसिद्धाः 'लंगल' लागलानि हलानि शुलानि= लौहास्त्रविशेषाः 'लउड' लगुडाः यष्टयः भिडिपाल' भिन्दिपाला: गोफण' इति ख्याताः ‘सब्बल ' इतिशस्त्रविशेषाः 'पट्टिस' पट्टिशाः भल्लप्रभेदाः 'चम्मे?' चर्मेष्टाः चर्मवद्धपाषाणमयास्त्रविशेषाः 'घण' घनाः अयोधनाः ‘घण' इति भाषा प्रसिद्धाः ' मोटिया' मौष्टिकाः मुष्टिप्रमाणास्त्रविशेषाः मोग्गर ' मुद्राथ
प्रतीताः 'वरफलिह ' वरपरिघाः-लोहबद्धलगुडाः 'जंतपत्थर' यन्त्र प्रस्तरागोफणादि यन्त्रपाषाणाः ‘दुहण ' द्रुघणाः मुद्गरविशेषाः, तोणा:-तूणीराःकुन्तों से-भालों से, (तोमर) तोमरों से-मुरजों से (चक)चक्रोंसे (गया) गदाओं से, ( परसु ) परशुओं से-कुठारों से (मुसल ) मुसलों से, ( हल ) हलों से, (मूल ) शूलों से, (लउड ) लकुटों-( लाठियों) से (भिडिपाल) भिदिपालो से-गोफणों से, (सब्यल) सबलों से (सब्यल) यह शस्त्र विशेष है जो अग्रभाग में तीक्ष्ण ऐसा लोहे का डंडा होता है, (हिन्दी में भी इसे सब्बल ही कहते हैं ) (पटिस ) पहिशों से-भाले के आकार जैसे एक प्रकार के शस्त्रों से, चर्मेष्टों से-चर्मवद्धपाषाणमय अस्त्रविशेषों से (घण) घण-लोहपिंड, इसे भाषा में भी घण कहते हैं घणों से, ( मोट्ठिय ) :मौष्टिकों से-मुष्टिप्रमाण अस्त्रविशेषों से, (मोग्गर ) मुद्गरों से, ( वरफलिह ) वरपरिघों से-लोहबद्ध लाठियों से, (जंतपत्थर ) यंत्र प्रस्तरों से, गोफण आदि यंत्रों से, फेंके गये पत्थरों से, ( दुघण ) द्रुघणों से एक प्रकार के मुद्गर विशेषों से, (तोण ) तोभरथी-शुरया, “ चक्क" Atथी, — गया " महामाथी, " परसु" ५२शुसाथी, “ मुसल" भुसमाथी, 'हल" डोथी, "सुल" त्रिशुणाथी, "लउड" साहीमाथी, “ भिंडिपाल " लिहा (गो७ )थी, “ सबल " Ratथी, (તે એક શસ્ત્ર છે. તે લેઢાના દંડા જેવું હોય છે અને તીક્ષ્ણ અણીવાળું
यि छे. तेने गुरातीम श ४ छ ) “ पट्टिस" हिशोथी ( पट्टि मासाना આકારનું શસ્ત્ર હોય છે) ચમેંટેથી (ચમ બદ્ધ પાષાણુ મહા અગ્ર વિશેशाथी ) "घण" 4थी, ":मोट्ठिय" भौष्टिाथी ( भुष्टि प्रभाएअसा विशे. " मोग्गर" भनहाथी, “ वरफलिह" १२ परियोथी-(खोडवाहीमाथी " जंतपत्थर" यत्र प्रस्तथी ( गो माह साधनाथी येता पथ्थरीथी ) दुघण" घोथी (23 प्रा२ना भाथी) " तोण" तू शिथी (माथा
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