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जैनाचार्य - जैनधर्म दिवाकर - पूज्यश्री- घासीलालजी - महाराज विरचितया सुदर्शिन्याख्यया व्याख्यया समलङ्कृतं हिन्दी - गुर्जर भाषाऽनुवादसहितम्
॥ प्रश्न व्याकरण-सूत्रम् ॥
PRASHNAVYAKARANA SUTRAM
नियोजक :
संस्कृत - प्राकृतज्ञ - जैनागमनिष्णात- प्रियव्याख्यानिपण्डितमुनि -श्रीकन्हैयालालजी महाराजः
प्रथमा - आवृति प्रति १०००
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प्रकाशकः
पालि (मरवाड) निवासि - घनः श्रीमतः मुकनचन्दजी बालिया महाशय तथा अ. सौ. तद्धर्मपत्नी सुकनबाई - प्रदत्त द्रव्यसाहाय्येन अ० भा० श्वे० स्था० जैनशास्त्रोद्धार समितिप्रमुखः श्रेष्ठि- श्रीशान्तिलाल - मङ्गलदास भाई-महोदयः
मु• राजकोट
बीर संवत्
२४८८
विक्रम संवत्
२०१८
मूल्यम् - रू० २०-0-0
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ईसवीसन १९६२