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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकरण तत्तो दाहिणमुहमंडवस्स पूएइ । तो उत्तारल्लखंभे पूयइ तम्मंडवाइयओ ॥१.७॥ पुव्वं दारं पूयइ दाहिणमुहमंडवस्स तणयं तु । मुहमंडवस्स || सभापञ्चसमुच्चयः Dil वाणयं दाहिणबारंपि पूएइ ॥ १८ ॥ तेणं चिय नीहरई तो दाहिष्णपेच्छमंडवयमझं । पच्छिमदारं तत्तो उतरिलखंभे उ पविल्लं ॥१९॥ दारं॥3 || तत्तो दाहिणदारं पूएइत्तुं च नीहरइ तेणं । तत्तो दाहिणचे इयथभं पूएइ संतप्पा ॥ २० ॥ थुभाभिमुहीओ चउदिसिपि [ तत्थ ] चत्तारि || ॥८८॥ | संति जिणपडिमा । तासि पढम पञ्चिस्थिमिल्लपडिमं नमसेइ ।। २१ ॥ तो उत्तरिल्लपडिमं वंदइ तत्तो उ पुव्वतणयं तु । तत्तो दाहिणपडिमं । थूयइ अंचेइ वंदेइ ॥ २२ ॥ दाहिणचेइयरुक्खे दाहिणचेइयधयं च दाहिणया । नंदा पुक्खरणीविय पूयइ अंचेइ संतप्पा ॥ २३ ॥ | तत्तो सिद्धाययणं पयाहिणीकरिय जाइ उत्तरियं । नंदा पुक्खरणी चेइयरुक्ख चेइयधयं रम्मं ॥ २४ ॥ चेइयथूभं तस्संमुहाउ पडिमाउ पुव्व| नाईए । वंदित्ता पविसेई उत्तरपेच्छणयमंडवए ॥ २५ ॥ तत्थवि पुव्वकमेणं पूयइ दाराई पाविसइ तत्तो । उत्तरमुहमंडवए तत्थवि पुव्वं व दाराई ॥ २६ ।। पूइत्ता नीहरई सिद्धाययणस्स पुष्वदारेणं । पविसेइ पुवमुहमंडवंमि पूएइ तम्मज्झं ।। २७ ।। दाहिणदारं थंभाण पंतिया पच्छिमाइ उत्तरियं । दारं पूयइ पुव्वं दुवारयं तंपि पूएइ ।। २८ ॥ तेणं चिय नीहरई पुवपेच्छणयमंडवे सब्वे । पुवमुहमडवे इव करेइ तो एइ पुग्विल्ले ।। २९ ॥ चेइयथूभे तत्थवि पुब्बकमेणं जिणाण पडिमाउ । पूइत्ता चिइरुक्खं चेइधयं नंदवावी य ॥ ३० ॥ सोहम्माएँ सभाए पुव्वद्दारेण पविसई तत्तो । मज्झ धयचेइखंभे वइरामयगोलवट्टेसु ।। ३१ ।। जिणसकहाओ पूयइ थंभं पूइत्तु देवसयणीयं । खुड्डागमहिंदज्झय पहरणके सं च सुंवालं ।। ३२ ॥ सोहम्मसभागम्भं पूइत्ता जाइ तत्थ पडिमाए । उववायसभाएँ तओ हरगं चित्तु बीयाए ॥ ३३ ॥ अभिसेयाए वच्चइ तत्तोऽलंकारियाए तइयाए । तत्तो ववसायाए सभाएँ पूएइ वरपोत्थं ।। ३४ ॥ तत्तो सोहम्मसभापुराच्छमिल्लाए नंद-13 नामाए । पुक्खरिणीए मज्जिय रज्जो बलिसज्जणं करइ ।। ३५ ॥ देवा देवीओऽविय सिंघाडगमाइ तत्थ पूयंति । ताम्म कए सम्माणे पवि-13 HASHASANSARASWATER For Private and Personal Use Only
SR No.020563
Book TitlePrakaran Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnasinhsuri
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1923
Total Pages133
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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