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१. कविलमुणिचरियं
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बहुमओ-( बहुमतः ) अत्यंत अभिटीत ( मोठा मामान्य केला गेलेला) वित्ति-(वृत्ति) जीविका, निर्वाह साधन (उपजीविकेचे माधन) उवकप्प-(उप+क्ल) करना (करण) खुड्डुलप-(दे.) बचपन (बालपन) कालगओ-(कालगतः) मर गया (मरण पावला) मरुगय-(मरुक) ब्राह्मण. आस-(अश्व) घोडा. वच्च-(व्रज्) जाना (जाणं) इड्डि- ऋद्धि) वैभव, ऐश्वर्य. अहिज्ज-(अधि+ ई) पढना (अभ्यास करणे) निविसेस-(निविशेष ) विशेष रहित, समान. पसाय-(प्रसाद) कृपा निप्परिग्गहत्तणओ-( नि+परिग्रहान् ) परिग्रह रहित होने से ( अपरिग्रही
(अरिग्रही असल्यामुळे ) संपज्ज-(सं+पद्) संपन्न होना, सिद्ध होना, मिलना ( प्राप्त होण, साध्य
होणे) पत्य-(प्रार्थय) प्रार्थना करना ( विनवणी करणे, इब्म-(इभ्य) धनी (श्रीमत) पओयण-(प्रयोजन) प्रयोजन, कारण जिम-(जिम्, भुज्) भोजन करना 'जेवणे)
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