________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
७०
*
www.kobatirth.org
जह दीवो दीवस पइप्पए सोय दिप्पए दीवो
दीवसमा आयरिया
समसत्तुबंधुवग्गो समसुहदुक्खो पसंसणिदसमो | समलो कंचो पुण जीविदमरणे समो समणो ॥ २५ ॥
जहा निसंते तवणच्चिमाली
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पभासइ केवलभारहं तु ।
एवारिओ सुयसीलबुद्धीए
*
अप्पं च परं च दीवंति ॥ २६ ॥
( प्रवचनसार ३ ४१ )
पाययकुसुमावली
( उत्तराध्ययननियुक्ति )
विरायइ सुरमज्झे व इंदो ॥ २७ ॥
( दशवैकालिकसूत्र ९-१-१४ )
सुई जहा ससुत्ता ण णस्सदि दु पमाददोसेण । एवं ससुत्तपुरिसो ण णस्सदि तहा पमाददोसेण ॥ २८ ॥
( मूलाचार - समयसाराधिकार ९८०)
रागो दोसो मोहो इंदियचोरा य उज्जदा णिच्चं । णचयंति पहंसेदुं सप्पुरिससुरक्खिदं णयरं ॥ २९॥
(मूलाचार अनगारभावनाधिकार : ११२ )
For Private And Personal Use Only