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पाययकुसुमावली
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एत्थंतरम्मि बीइयं सीए अंगेहि, वियलियं संधीहिं, उव्वत्तियं पिव हियएण, भमियं पिव पासायंतरेण, परिवत्तियं पिव पुहवीए। अवसा सा निवडिया धरणिवट्ठ । अओ परमणाचिवखणीयमवत्थंतरं पाविऊण पुव्वसम्मत्ताणुभावओ चइऊण देहं सोहम्मकप्पे लीलावयंसए वरविमाणे पलिओवमट्टिई देवत्ताए उववन्ना सा । तत्थ य सो देवो पवरच्छरापरिगओ दिब्वे भोए उवभुंजइ ।
तओ रुद्ददेवो वि तं नागदत्तसत्थवाहधूयं परिणीय तीए सद्धि जहाणुरूवे भोए उवभुंजइ। सो कालमासे कालं काऊण रयणप्पभाए पुढवीए खट्टक्खडाभिहाणे नरए पलिओवमाऊ चेव नारगो उववन्नो।
( सिरिहरिभद्दसूरिविरइया समराइच्चकहा-बीओ भवो)
(पा. ८३-८४)
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