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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १३७ ) (४) कमरे में प्रतिदिन धूप आ जाय ऐसा प्रबन्ध रखना चाहिये । स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाये। (५) व्यायाम प्रतिदिन किया जावे। (६) खानपान आदि नियमसर किये जावें। (७) खाद्य पदार्थ उत्तम, उपण, साफ और जल्दी पचने वाले संवन किये जाय । (1) सड़े गले ठण्डे पदार्थ न खावें, न वार बार खावे, बाजार की हलवाइयों की तैयार की चीजें जहां तक हो नहीं खायी जावे। (8) सर्दी से बचाव किया जावे। (१०) कपड़े गर्म पहिने जायं, छाती अच्छी तरह ढकी रहे, पैरों में मोजे पहिने जावें । सर्दी न लग जाय इसके लिये कपड़े अच्छी तरह पहिने जायं शरीर खुला न रखा जावे। (३६) स्नान ठण्डे जल से नहीं करनी चाहिये, किन्तु गर्म जल से स्नान की जावे। (१२) स्नान खुले मैदान में वा कुओं पर न की जाय। हवा न लग जाय इलका स्नान के समय पूरा ध्यान रखा जाये। (१३) हवा अच्छी तरह पा जा सके जैसे खुले मकान में रहना तथा सोना चाहिये । (१४) ईन्फ्लूएआ के दिनों में बालकों को स्कूल कुछ दिन नहीं भेजना चाहिये। (१५) नमक मिले गर्म जल से कुल्ले तथा नास्य रोज करना चाहिये। (१६) बीमार होने पर सब काम काज छोड़ कर आराम करना चाहिये और जब शरीर अच्छी तरह ठीक हो जाय तब काम काज में लगना चाहिये तथा घर से बाहर निकलना चाहिये । इस बीमारी में दिल बहुत कमजोर हो जाता है अतः For Private And Personal Use Only
SR No.020550
Book TitlePathya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunamchand Tansukh Vyas
PublisherMithalal Vyas
Publication Year
Total Pages197
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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