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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (८) दामोदर गुप्त, शुभलिमत काव्यमालामां जेटलुं छपायेलुं छे तेनां करतां १०० श्लोक धारे पाटण ना भंडारना ताडपत्रमाथी मळे छे. प्रतं कनां छेवटनां पानां त्रुटित होवाथी ग्रंथ पूर्ण करवामां आशर ! (० श्लोक खटे छे. छेवट ना खंड उपरथी जणाय छे के ग्रंप- १२९० श्लकनुं प्रमाण छ जैन नाटकाना संबंधमां वसंतमा गुजरातीन संस्कृत नाटक साहित्य नामना लेखमां कहेवायेलुं छे. अहींआ अन्य देशना नाटको बतावीशु कादंबरीकथासारना कर्ता अभिनंदना पिता वृत्तिकार जयतना आगमडंबर नामना नाटकमां षड्दर्शननी समीक्षा कहेली छे. साहित्य दर्पणमां त्रिपुरदाह अने समुद्रमथन नाटकेनां नामो आपेलां छे. आ वे नाटकोना कतना आ उपांत चार नाटको ताडपत्र उपर लखेला मळेला छे. कर्पूर चरित्रमाण (द्यतकर कर्पूरना पर क्रमो ) ऋक्मणीपरिणय इहामग हास्यचूडामणि प्रहसन, त्रिपुरदाह डिम, किरातार्जुनीय व्य योग अने समुद्रमथन समवकार ए छ नाटको कालिंजरना परमर्दिदेव (इ. स. ११६५-१२०३ ना अमत्य कवि ) कत्लराजनी कृतिओ छे. मुरा र अनर्घ राघव गुजरातमा घणु प्रिय थरलं मालूम पडे छे; कारण के तेना उपर मलधारी देवप्रभाचार्यनो अनघराघव रहस्यादर्श ( ग्रंथ ७५०० ) तेमना शिष्य नरचंद्राचार्यनुं मुरारि टिप्पन ( ग्रंथ २५०० ) उने तागच्छना जयचंद्रसूरिना शिप्य जिनहर्षनी अनर्घ राघववृत्ति एम त्रण ट का छे. व्याकरणमां हमन्यास, सूत्रवृत्तिकार मलयगिरिनु शब्दानुशासन, संवत १०८० मां बुद्धिसागर आचार्ये रचेलु बुद्धिसागर व्याकरण, कातन्त्र दोगसिंही उपर गोलणना वृत्ति तथा मोक्षेश्वरनी कृवृत्त, त्रिले चन्द सनो कातन्त्र पंजिकोद्योत, बोपदेवना कविरहस्य उपर रविधर्मनी टीका, संवत् १६८७ मां रचेलो स्वोपज्ञ क्रियाकल्पलता टीका समेत साधु सुंदरनो धातुरत्नाकर ए नोंधवा लायक ग्रंथो छे. ... कौटिल्य अर्थ शास्त्रता तथा तेनः उपर योधमनी निति निर्णय नामनी टीकाना थोडांक पत्रो ताडपत्रना छे. कथाओमा वस्तुपालनी प्रार्थनार्थी रचेलो नरचंद्रनो कथारत्न सागर १५ तरंगोमां छे.. शिवमंदिर निर्माण उपर वैरोचनीय लक्षण समुच्चय, भंडननो रूपमंडन, अने केशवनो वास्तु तिलक ए नवीन ग्रंथो छे. त्रिभुवनमल्ल सामेश्वर देवना अभिलषितार्थ चिंतामाण उर्फे मानसोल्लासमां जूदी जूदी कलाओतुं शत अध्यायमा विवेचन करलुं छे. पाउणना भंडारनी प्रत जो के अपूर्ण छे तोपण मद्रास ओरीएंटल लाइब्रटीनी मत करता For Private And Personal Use Only
SR No.020547
Book TitlePatanna Bhandaro Ane Khas Karine Tema Rahelu Apbhramsa tatha Prachin Gujarati Sahity
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChimanlal Dahyalal Dalal
PublisherMaherbanji Dadachanji Beheram
Publication Year1915
Total Pages45
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size4 MB
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