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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ९ ) आगळ जाय छे. मलधारि राजशेखरना शिष्य सुधाकरशे संवत् १३६० मां संगतिसारो र नामना ग्रंथ रचेलो छे. आ उपरांत प्रश्न चूडामणिने आजीने रचायेला ग्रंथो--चंद्रोन्मीलन भट्टलक्ष्मणनो चूडामणिस र, पार्श्वचंद्रनों हस्तकांड-मां प्रश्नाना अक्षरोनी गणतरीथी नष्ट लाभ आयु, मृत्यु, वगेरे भूत, भविष्य अने वर्तमान जाणवानी कला आपेली छे उपाध्याय मेघविजयना वर्ष प्रबोध कृषिकारो तथा व्यापारिओ ने जणवा लायक घणी बाबतोनो समावेश करेलो छे माणिकय सूरिए शकुन सारोदारमां शकुन शास्त्र संक्षेपमां कहेलं छे. प्राकृत. भद्रेश्वरनी कथावली २४००० ग्रंथ प्रमाणनो एक महान् प्राकृत गद्य ग्रंथ छे; तेमां हमाचार्यना त्रिपछि शलाका पुरुष चरित्रनी माफक १३ महापुरुषोनां चरित्रो आपेल्लां छे. आ उपरांत महावीर स्वामियां ते हरिभद्र सूरि सुर्धाना आचार्योंनो इतिहास पण छे. ज्यारे त्रिषष्ठमां फक्त वज्र स्वाभि सुधीना आचार्येनुं वर्णन छे. आमांथी आम प्राचीन इतिहासनी घणी सामग्री मळे तेम छे. संवत् १२९१ मां लखायेला एक ताडपत्रना पुस्तकमा सिद्धसेन, पादलिप्त, मल्लवादि अने बप्पभट्टिनां प्रकृत पद्यमां चरित्रो छे. बप्पभट्टेचरित्रमां गौडवहोना कर्ता इरायने बप्पभट्टिए जैन बनाव्यो ते वात वर्णवेली छे; प्राकृत चरित्रो प्राचीन होवाथी संस्कृत करतां वबारे विश्वनीय है. कुमारपाल प्रतिबोध उर्फे हेमकुमार चरित्र संवत् १२४१ मां सिद्धराजे कवींद्र चने ता तरीके व्याहरायेा प्रसिद्ध पोरवाड कवि श्रीपाला पुत्र सिद्धपालनी वसतिमां विजयसिंह सूरिना शिष्य सोमप्रभाचार्ये ( सुमतिनाथचरित्रना कर्ता ) ८ प्रस्तावमां ( नं. ८००० ) पाटणमां रचेलं . अनेका किव कौमुदीना कर्ता अने हेमाचार्यना शिष्‍ महेन्द्र सूरिने वांची संभळवलं होवाथी तथा कुमारपालना मृत्यु पछी फक्त ११ वर्षे रचेलुं होवाथा विश्वसनीयतानी छाप तेना उपर छे. प्रथम ४०० गाथामां पाटण तथा तेना राजाओ, कुमारपालनी वंशपरंपरा तथा हेमाचार्यनी गुरु परंपरा तथा जन्म तथा दीक्षा वृत्तांत वगेरे तथा कुमारपालनी सत्य धर्म जाणवानी इच्छा तृप्त थती न होवाथी अमात्य बाहड देवे सत्यधर्म हेमाचार्य पासेथी जाणवानुं कह्युं ते बाबत छे. बाकी तो कुमारपालने प्रतिबोध आपवाने करेली कथाओज छे. दाक्षिण्यांक इंद्रसूरिनी शाके ८०० ना अरसामां रचायेली कुवलयमाळा एक मनोहर प्राकृत गद्य काव्य छे. आदिमां जुदी जुदी जातनी कथाओना लक्षणो आपेला छे. कुवलयमाला वास्ते हेमाचार्यना गुरु देवचंद्र शांतिनाथ चरित्रमां कहे छे के: -- २ For Private And Personal Use Only
SR No.020547
Book TitlePatanna Bhandaro Ane Khas Karine Tema Rahelu Apbhramsa tatha Prachin Gujarati Sahity
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChimanlal Dahyalal Dalal
PublisherMaherbanji Dadachanji Beheram
Publication Year1915
Total Pages45
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size4 MB
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