SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 32
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दशार्णभद्ररास- - हीराणंदसूरिकृत दर्शाणभद्ररास बहुज टुंको छे पिप्पलगच्छना हीराणंद सूरिनो विद्याविलास पवाडो सं. १४८६ मां रचायेलो छे. वीरजिणेप्सर पय नमीए समरीय समरीय सरसति देवि कि दशनभद्रगुण गाइसि ए हियडल्लइ हियडलइ हरष धरेवि कि रनिणसर पय नमीए ॥ १ ॥ त्रुटक पय नमीय वीरह दशनभद्रह चरिय रचिसुं सोहापणूं जंबुदीवहि भरहखंडहि दशनपुरु रळियामणू दशनभद्र तिहां राज पालइ इंदना गालि जाणे ए दशनगिरिवनि वीर पुहुता समवसरण वाणीए ॥२॥ अंत इणिपिरि जिणवर गुण थुणए नासए कसमल पूरि कि । बोलइ बोलइ हीराणंद सूरि कि इणिपरि जिणवर वांदतां ए । नेमिनाथफाग----धनदेव गणिनो आ संस्कृत प्राकृत तथा गुजराती एम त्रण भाषामय सुरंगाभिधान नेमिफाग संवत् १६०२ मां रचायेलो लागे छे. नत्वानंतगुणात्मकं सुरंनत संसारनिस्तारकम् विश्वानंदविधायकं जिनपतिं श्रीआदिदेवं प्रभुम् । स्तुत्वा श्री सुतदेवतां जननतां निःशेषनाडयापहाम् श्रीनेमेस्तुलं करोमि सफा सुरंगा भिधम् । प्राकृत काव्य । देवी देवि नवी कवीश्वरतणी वाणी अमसिारणी विद्या सायरतारणी मल घणी हंसासणी सामिणी । चंदा दीपत जीपति सरसात मइ वीनवी वीनती बोलु नेमिकुमार कोलनी रति फागइं करी रंजती । सरसति मुझ मति देवीअ देवीअ तुं जाग साररे । नीलकमलदलसामल जिनवर वरणवू नेमिकुमाररे ॥ ३ ॥ कामित फलदातार सामी नेमिकुमार हारमनोहरु ए मुगति रमणिवरुए फाग-ज्ञान उपy जाणीय राणीय राइमइ रंगी अंत For Private And Personal Use Only
SR No.020547
Book TitlePatanna Bhandaro Ane Khas Karine Tema Rahelu Apbhramsa tatha Prachin Gujarati Sahity
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChimanlal Dahyalal Dalal
PublisherMaherbanji Dadachanji Beheram
Publication Year1915
Total Pages45
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy